लखनऊः स्वर्गीय मंत्री चेतराम की बड़ी बेटी विमलेश गंगवार को साहित्य लेखन के लेखन के लिए आगमन संस्था ने 'प्राइड वूमेन ऑफ इंडिया' प्रदान करने का निर्णय लिया है. यह इनको 7 मार्च को लखनऊ में आयोजित होने जा रहे महिला सम्मान समारोह में दिया जाएगा. आगमन संस्था हर साल 7 मार्च को पूरे देश में अपनी प्रतिभाओं के बल पर समाज में नया संदेश देने वाले प्रतिभागियों को यह अवार्ड देती है.
छोटे गांव से शुरू हुई पढ़ाई
विमलेश गंगवार ने ईटीवी भारत से बताया कि शुरुआती दौर में जनपद बरेली के एक छोटे से गांव पचपेड़ा में मैंने सरकारी स्कूल से शिक्षा-दीक्षा शुरू की. इसके बाद हमारे पिताजी ने हमारी शिक्षा को और बेहतर करने के लिए हमें बरेली भेज दिया. बरेली में हमने आगे की पढ़ाई की. हमारे पिताजी यह तो चाहते थे कि हमारी बेटी आगे पढ़ाई करे, लेकिन यह नहीं चाहते थे कि नौकरी करे.
'पिता जी नहीं चाहते थे नौकरी करूं'
विमलेश गंगवार ने बताया कि मैंने अपने पिताजी से छिपकर नौकरी के लिए आवेदन किया, क्योंकि मेरी रुचि नौकरी करने में थी. मेरे पिताजी को नहीं पता था कि मैंने कोई भी आवेदन किया है या कोई साक्षात्कार दिया है. जब मेरा नंबर नौकरी के लिए आ गया और मेरी पोस्टिंग हो गई तब मैंने पिताजी को बताया. तब पिताजी ने कहा कि बेटा नौकरी में बहुत समस्याएं रहेंगी. यहां से वहां आपको नौकरी करनी पड़ेगी. परिवार को मैनेज करने में कठिनाई होगी. फिर मैं लखनऊ के इंदिरा नगर में शिक्षक बनी और आज संस्कृत प्रवक्ता के पद से रिटायर्ड हुई हूं.
विमलेश गंगवार की रचनाएं-
- हम दोनों के लिए (उपन्यास)
- बंदर चला शहर की ओर (बाल उपन्यास )
- हथौड़ी चीनी और चुरा (कहानी संग्रह)
- कहानियां- ऑनलाइन, आकस्मिक अवकाश, होपलेस न्यूज, अन्नदाता की तेरहवीं, टूटती बालियां और बिखरती सांसे, दस सौ नब्बे, दारुलशफा, रिश्तों के पार आदि.
- लेख- क्या कन्या वस्तु है जिसे दान दे दिया जाए.
- कविताएं- पेड़ लगाओ, पानी अमृत है , नहीं पता कि पड़ोसी चाचा कब गुजर गए , अगर कोई साथ ना दे तो, आदि.
महिलाओं से जुड़े लेख
उन्होंने बताया कि मैंने ज्यादातर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कविताएं और उपन्यास लिखे हैं. क्योंकि मैंने बहुत पुराने समय से देखा था कि महिलाओं का शोषण होता है और अत्याचार भी. मुझको उस दशा को देखकर रुका नहीं जाता था और मैं समाज में उन महिलाओं के सम्मान के लिए लिखना पसंद करती थी. आज के वर्तमान समय में सरकार ने महिलाओं को आगे बढ़ाया है. हर एक क्षेत्र में हर एक छोटे-बड़े पद पर आज महिलाएं बहुत कुछ कर रही हैं. आज महिलाओं में कुछ परिवर्तन को देखकर अच्छा लगता है.