लखनऊ : मणिपुर हिंसा और रिटायर्ड सूबेदार की पत्नी के साथ हुए गैंगरेप और निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने के विरोध में गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सैनिक प्रकोष्ठ ने कैप्टन मनोज पांडे चौराहा से पत्रकारपुरम चौराहा तक मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सैनिक प्रकोष्ठ ने मांग की मणिपुर की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. साथ ही वहां हुई हिंसा की शिकार पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय दिलाया जाए. मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार उचित और ठोस कदम उठाएं. साथ ही महिलाओं के साथ घिनौना कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. इस अवसर पर आप सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कमांडो के नेतृत्व में कैप्टन मनोज पांडे चौराहा पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.
सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कमांडो ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार देश की रक्षा करने वाले हमारे वीर सैनिकों के परिवार की बहन बेटियों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है. आज हमारे वीर जवानों की बहन बेटियां अपने ही देश मे असुरक्षित हो गई हैं. मणिपुर हिंसा में पीड़ित महिला के पति रिटायर्ड सूबेदार ने कहा कि मैंने कारगिल की लड़ाई में हिस्सा लिया, मैं देश की रक्षा तो कर पाया, लेकिन अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया. ये देश के लिए शर्म की बात है. करीब तीन महीने का समय गुजर जाने के बाद भी वहां की सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है. इससे साबित होता है कि मणिपुर की हिंसा डबल इंजन वाली भाजपा सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा है.
पीएम के इशारे पर संजय सिंह को निलंबित किया गया
अशोक कमांडो ने कहा कि मानसून सत्र के शुरू होने के साथ ही पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर हिंसा पर सदन में जवाब चाह रहा है. प्रधानमंत्री सदन में चर्चा के लिए नहीं तैयार हैं, उल्टा मणिपुर चिंता पर पीड़ितों की आवाज उठाने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को उनके इशारे पर संसद से निलंबित कर दिया जा रहा है. आज पूरा इंडिया उनसे मणिपुर हिंसा पर जवाब मांग रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है उससे मणिपुर को अराजकता में धकेल दिया है. ऐसे में वहां की भाजपा सरकार भी हिंसा रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. जिस कारण से मणिपुर की जनता भयावह स्थिति में दिन गुजारने पर मजबूर है.
प्रदर्शन में दिनेश पटेल, नीरज छोकर, विनय पटेल, ऋषि सारस्वत, राम उजागर, सुरेश चंद्र, आशीष तिवारी, प्रभारी अनुराग यादव, संजय सिंह, जयप्रकाश यादव, इम्तियाज खान, रामसहाय दुबे, रजनीश, निरंजन फौजी, अवधेश, मनीष शर्मा, रानी कुमारी, प्रियंका श्रीवास्तव, ऊषा त्रिपाठी, प्रियंका रावत, चरणप्रीत सिंह, कौशल कुमार, तेजपाल सिंह, ललित वाल्मिकी, जॉनी, अभिषेक सिंह, माजिद सहित कई कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.
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