लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी यूपी के छह क्षेत्र और 95 जिला कार्यकारिणी में बड़े बदलाव दिसंबर में कर देगी. इस संबंध मे सभी क्षेत्र अध्यक्ष को कहा गया कि वे अपनी कार्यकारिणी का गठन करें. इसके साथ ही जिलाध्यक्ष भी नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे. लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी क्षेत्र से लेकर जिलों तक बदली हुई नजर आएगी. क्षेत्रीय अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के परिवर्तन कई महीने पहले ही हो चुके हैं. ऐसे में अध्यक्षों को अब यह मौका दिया जा रहा है कि वे अपने हिसाब से कार्यकारिणी का गठन कर लें ताकि लोकसभा चुनाव के दौरान अध्यक्ष और पदाधिकारियों के बीच में किसी तरह की संवादहीनता की स्थिति न रह जाए. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस संबंध में क्षेत्र अध्यक्षों की मीटिंग में हिदायत दे दी है कि अब नए साल की शुरुआत नई कार्यकारिणी के साथ की जाए ताकि लोकसभा चुनाव को पार्टी बेहतर तरीके से संचालित कर सके.
2022 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन के स्तर पर बदलाव किया था. स्वतंत्र देव सिंह की जगह भूपेंद्र सिंह चौधरी को मौका दिया गया था जबकि सुनील बंसल के राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में धर्मपाल सिंह को महामंत्री संगठन चुना गया था. नए प्रदेश अध्यक्ष आने के बाद लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन में कोई परिवर्तन नहीं किया था मगर जब परिवर्तन किया गया तो अधिकांश क्षेत्र अध्यक्षों को बदल दिया गया था.
इसके बाद में जिला अध्यक्षों का नंबर आया तो 70% जिला अध्यक्ष उत्तर प्रदेश में बदल दिए गए. इस बदलाव को अभूतपूर्व माना गया था. अधिकांश अध्यक्षों के बदलने के बाद उनकी कार्यकारिणी में परिवर्तन न आने से अध्यक्ष और पदाधिकारी के बीच संवाधीनता की स्थिति बनी हुई है. जिसको देखते हुए संगठन चाहता है कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में निचले स्तर तक भी बड़े बदलाव आ जाएं ताकि वहीं से लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा तैयारी शुरू कर सके.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी किस संबंध में बताते हैं कि निकट भविष्य में परिवर्तन तो किए जाएंगे ही जो कि क्षेत्र अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों पर निर्भर करते हैं. दूसरी और उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भाजपा में क्षेत्र अध्यक्ष की मीटिंग मंगलवार को हुई थी. इसमें उनको दिशा निर्देश दिया गया है कि वह अपनी कार्यकारिणी का गठन कर लें. इसके साथ ही सभी जिला अध्यक्षों को भी या संदेश दिया जा चुका है. 31 दिसंबर तक भारतीय जनता पार्टी में निचले स्तर तक बड़े परिवर्तन नजर आने लगेंगे.
जातिगत समीकरणों का रखा जाएगा ध्यान
पदाधिकारी के इस बदलाव में सबसे बड़ा ध्यान जातिगत समीकरणों का रखा जाएगा. अध्यक्ष की जाति का महामंत्री ना हो. इसी तरह से बाकी पदाधिकारी में भी जातिगत सामंजस्य पर नजर रखी जाएगी. इसका सीधा लाभ पार्टी लोकसभा चुनाव में उठाने का प्रयास करेगी. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को इस तरह के बदलावों की जरूरत है और वह करेगी. निकट भविष्य में चुनाव को देखते हुए अब पदाधिकारी के बदलाव जरूर होंगे.
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