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अधिकारियों के आदेश में लटकी श्रमिकों को पोषण भत्ता देने की योजना - पंजीकृत श्रमिक

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर प्रदेश में विकास की गति को रोक दिया है. काम रुक जाने की वजह से श्रमिकों के आगे रोजी-रोटी का संकट आ गया है. ऐसे में योगी सरकार ने श्रमिकों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन यह लालफीताशाही के मकड़जाल में फंस कर रह गया है.

श्रमिकों को पोषण भत्ता योजना
श्रमिकों को पोषण भत्ता योजना
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Published : May 27, 2021, 10:41 AM IST

लखनऊः गरीब श्रमिकों के लिए योगी सरकार की राहत की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. श्रमिकों को पोषण भत्ता दिए जाने को लेकर अभी तक कोई काम नहीं शुरू हुआ है. श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी ऊपर से कोई आदेश नहीं आया है, जिसके चलते श्रमिकों को ₹1000 का पोषण भत्ता (maintenance allowance to poor) दिया जा सके. वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में लॉकडाउन के चलते काम बंद होने से श्रमिक प्रभावित है. उन्हें परिवार के भरण-पोषण के लिए इस समय पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वायरस से गरीबों और श्रमिक वर्ग के लिए राहत की घोषणा की है. इसके तहत गरीब राशन धारकों को 3 महीने तक मुफ्त अनाज (free ration to poor) देने की घोषणा की है. साथ ही पंजीकृत श्रमिकों को एक महीने तक 1000 रुपये का पोषण भत्ता देने की बात भी कही है. सरकार का यह आदेश 21 अप्रैल को जारी हुआ था. वर्तमान में गरीबों को राशन वितरण का काम तो शुरू हो चुका है, लेकिन श्रमिकों को पोषण भत्ता दिए जाने के लिए अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.

पढ़ें- गरीबों, श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति महीने भत्ता देगी योगी सरकार

आदेश के बिना श्रमिकों को नहीं मिलेगा पोषण भत्ता

राजधानी लखनऊ में एक लाख 34 हजार से ज्यादा पंजीकृत श्रमिक है जो इन दिनों कोरोनावायरस से चल रहे लॉकडाउन से प्रभावित हैं. ऐसे में उन्हें पैसे की सख्त जरूरत है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ उच्च अधिकारियों के आदेश के बिना अभी तक यह निर्णय नहीं हो सका कि आखिर श्रमिकों को पैसा कब भेजा जाए.

अपर श्रमायुक्त राधे मोहन तिवारी ने बताया कि लखनऊ में 1,34,000 से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत है. सरकार की तरफ से उनको 1000 रुपये एक महीने तक पोषण भत्ता देने का आदेश है. अभी ऊपर से आदेश का इंतजार है, आदेश के बाद ही श्रमिकों के खातों में पैसा भेजा जाएगा.

लखनऊः गरीब श्रमिकों के लिए योगी सरकार की राहत की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. श्रमिकों को पोषण भत्ता दिए जाने को लेकर अभी तक कोई काम नहीं शुरू हुआ है. श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी ऊपर से कोई आदेश नहीं आया है, जिसके चलते श्रमिकों को ₹1000 का पोषण भत्ता (maintenance allowance to poor) दिया जा सके. वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में लॉकडाउन के चलते काम बंद होने से श्रमिक प्रभावित है. उन्हें परिवार के भरण-पोषण के लिए इस समय पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वायरस से गरीबों और श्रमिक वर्ग के लिए राहत की घोषणा की है. इसके तहत गरीब राशन धारकों को 3 महीने तक मुफ्त अनाज (free ration to poor) देने की घोषणा की है. साथ ही पंजीकृत श्रमिकों को एक महीने तक 1000 रुपये का पोषण भत्ता देने की बात भी कही है. सरकार का यह आदेश 21 अप्रैल को जारी हुआ था. वर्तमान में गरीबों को राशन वितरण का काम तो शुरू हो चुका है, लेकिन श्रमिकों को पोषण भत्ता दिए जाने के लिए अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.

पढ़ें- गरीबों, श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति महीने भत्ता देगी योगी सरकार

आदेश के बिना श्रमिकों को नहीं मिलेगा पोषण भत्ता

राजधानी लखनऊ में एक लाख 34 हजार से ज्यादा पंजीकृत श्रमिक है जो इन दिनों कोरोनावायरस से चल रहे लॉकडाउन से प्रभावित हैं. ऐसे में उन्हें पैसे की सख्त जरूरत है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ उच्च अधिकारियों के आदेश के बिना अभी तक यह निर्णय नहीं हो सका कि आखिर श्रमिकों को पैसा कब भेजा जाए.

अपर श्रमायुक्त राधे मोहन तिवारी ने बताया कि लखनऊ में 1,34,000 से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत है. सरकार की तरफ से उनको 1000 रुपये एक महीने तक पोषण भत्ता देने का आदेश है. अभी ऊपर से आदेश का इंतजार है, आदेश के बाद ही श्रमिकों के खातों में पैसा भेजा जाएगा.

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