लखनऊ : मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हो गई है. नियम के अनुसार अगले 6 महीने में इस सीट पर उपचुनाव होंगे. भले ही यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में रही हो, मगर 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अग्निपरीक्षा होगी. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने जोरदार जीत हासिल की है.
मैनपुरी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए जीत हासिल करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. इस सीट पर 2019 में भाजपा ने 2015 में हुए उपचुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया था. भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था. प्रेम सिंह शाक्य को चार लाख से भी अधिक वोट मिला था. अब मुलायम सिंह यादव की गैर मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी निश्चित तौर पर यहां पर जीत हासिल करने की कोशिश करेगी. माना जा रहा है कि इस चुनाव में मैनपुरी में भाजपा बड़ा दांव खेलेगी. जिसमें कई तरह के विकल्प बताए जा रहे हैं.
एक विकल्प के तौर पर भारतीय जनता पार्टी यहां पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव को मौका दे सकती है. शिवपाल यादव को भारतीय जनता पार्टी अपना समर्थन देकर यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी. इसके बाद सीधा मुकाबला अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच हो जाएगा. जिससे यादव वोटों में जबरदस्त बंटवारा देखने को मिल सकता है.
दूसरा विकल्प यह है कि भारतीय जनता पार्टी यहां पर एक बार फिर से प्रेम सिंह शाक्य को उतारकर और कुछ यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकती है. अगर यह समीकरण फिट बैठा तो मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल होगी. तीसरे विकल्प के तौर पर यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मैनपुरी लोकसभा सीट पर किसी कद्दावर यादव नेता को भी उतार सकती है. जिससे इस सीट का गणित और भी रोचक हो सकता है.
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