लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अंडर-16 महिला खिलाड़ियों की टीम ने छोटी उम्र में बेहतरीन खेल की बदौलत जूनियर नेशनल में तीसरा स्थान हासिल किया है. इस टीम में एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. इनकी बदौलत उत्तर प्रदेश की टीम की खूब चर्चा हो रही है. इस टीम में चार खिलाड़ी बिल्कुल ही सामान्य घरों की हैं. घर में विरोध होने के बाद भी इन महिला खिलाड़ियों ने अपने हौसले को बनाए रखा. अब उत्तर प्रदेश की टीम को तीसरा स्थान दिलाकर घरवालों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. छोटी उम्र की इन खिलाड़ियों के सपने बड़े हैं. पहली बार में ही मिली इस सफलता से उनके हौसले बुलंदी पर हैं. अब वह नेशनल टीम में खेलने के लिए खूब मेहनत कर रही हैं.
छोटी उम्र में इन खिलाड़ियों ने किया बड़ा काम
उत्तर प्रदेश की महिला हॉकी की अंडर-16 टीम ने झारखंड में आयोजित जूनियर नेशनल में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य ट्रॉफी पर कब्जा किया है. वहां लंबे समय बाद महिला खिलाड़ियों का बेहतरीन खेल देखने को मिला है. बीते 1 साल से स्टेडियम में प्रैक्टिस प्रभावित थी. इसके बावजूद अपने मजबूत हौसलों की बदौलत छोटी उम्र की इन खिलाड़ियों ने बड़ा काम कर दिखाया. केडी सिंह बाबू हॉस्टल में रहने वाली ज्योति विश्वकर्मा और खुशी राठौर की उम्र 13 से 14 साल के बीच है. यह खिलाड़ी बिल्कुल सामान्य घरों से हैं. ये दोनों खिलाड़ी गले में कांस्य पदक लेकर घर पहुंची तो उनका खूब स्वागत हुआ.
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टीम ने किया शानदार प्रदर्शन
झारखंड के सिमडेगा जनपद में आयोजित होने वाली जूनियर नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में देश की 22 टीमों ने हिस्सा लिया. उत्तर प्रदेश की टीम का नेतृत्व प्रीति सिंह ने किया. कोरोना के चलते खिलाड़ियों की प्रैक्टिस अच्छी नहीं हो पाई थी, लेकिन खिलाड़ियों ने अपने मजबूत हौसलों की बदौलत मैच दर मैच अच्छा प्रदर्शन किया. टीम ने इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाकर कांस्य पदक कब्जा लिया. खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन खेल के लिए कोच अभिषेक और पूनम लता के बेहतरीन प्रशिक्षण को श्रेय दिया है.
ये है इन खिलाड़ियों का सपना
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश की हॉकी टीम का हिस्सा रहीं खिलाड़ी पीतांबरा ने बताया कि वह बिल्कुल सामान्य घर से हैं. उनके पिता दूध बेचते हैं. उनका एक ही सपना है कि वह नेशनल में खेलकर अपनी टीम को ओलंपिक का मेडल दिलवाएं. छोटी उम्र की शीला थापा ने बताया कि उनका सपना इंडिया टीम में खेलने का है. इसके लिए वह खूब मेहनत कर रही हैं. महिला खिलाड़ी ज्योति विश्वकर्मा ने बताया कि टीम का हिस्सा होने के बाद उन्होंने अच्छा खेला. इसकी बदौलत टीम को तीसरा स्थान मिला. उनका एक ही सपना है कि ओलंपिक के लिए अपनी टीम को लेकर जाएं. खिलाड़ियों के साथ उनकी कोच पूनम लता ने बताया कि उनकी खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. अब इन खिलाड़ियों के साथ हम लोग पूरे तरीके से जुटे हुए हैं. छोटी उम्र की अच्छी खिलाड़ी खुशी राठौर ने बताया कि वह बेहद गरीब घर से हैं. इसके बाद अब वह नेशनल में खेलना चाहती हैं.