लखनऊः राजधानी के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र सरौरा गांव में स्थित हजारों साल पुरानी बड़ी भुइयन माता मंदिर में 12 फरवरी से सतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. तपस्वी नागा साधु आनंद गिरी जूना अखाड़ा ने महायज्ञ का आयोजन करवाया है. ये यज्ञ 9 दिन लगातार चलेगा, 12 फरवरी से शुरू हुआ यज्ञ 21 फरवरी तक चलेगा.
हजारों साल पुराना है भुइयन मंदिर
राजधानी लखनऊ के धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुका बड़ी भुइयन मंदिर हजारों साल पुराना है. ये मंदिर राजधानी के सरौरा गांव में स्थित है. भुइयन मंदिर को लेकर बहुत सारी मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर में हजारों साल पहले अंगदान करने की परंपरा थी.
विश्व कल्याण के लिए महायज्ञ
एक बार फिर बड़े भुइयन मंदिर में जनकल्याण और विश्व कल्याण को देखते हुए माता के मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया. ये यज्ञ 12 फरवरी से 21 फरवरी तक चलेगा. जिसमें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से नागा साधु महायज्ञ में शामिल हो रहे हैं. वहीं दूरदराज और स्थानीय ग्रामीण भक्त इस महायज्ञ में भाग ले रहे हैं.
महायज्ञ से पहले कलश यात्रा
बड़ी भुइयन माता मंदिर के तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि महाराज ने बताया कि आज के समय में देश में जो आरजकता और महामारी का प्रकोप है, उसे जड़ से खत्म करने के लिए संपूर्ण विश्व के कल्याण के कामना के लिए शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें महायज्ञ शुरू होने से एक दिन पहले कलश यात्रा निकाली गई. वहीं इसके बाद विश्व कल्याण को लेकर शतचंडी महायज्ञ मंत्र जाप के साथ शुरुआत किया गया.