लखनऊ : क्रिसमस की धूम के बाद अब नए साल की तैयारियों में पूरी दुनिया जुट गई है. होटल, रिजॉर्ट, क्लबों में पार्टी के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है और इन्हीं पार्टियों में ड्रग्स का जमकर इस्तेमाल होता है. हालांकि पहले और अब ड्रग्स की खरीद फरोख्त के तरीकों में काफी बदलाव हो चुका है. इसी बदले हुए तरीकों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने कमर कस ली है. नारकोटिक्स टास्क फोर्स के मुताबिक पार्टी में इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए खरीदे और बेचे जा रहे हैं. यही वजह है कि इस तरह की खरीद फरोख्त की सर्विलांस नहीं हो पा रही थी. बहरहाल अब मुख्यालय स्तर पर डेडीकेटेड टीम तैयार की गई है जो ड्रग्स बेचने और खरीदने वालों पर नजर रखेगी.
हाईटेक टेक्नोलॉजी वाले ड्रग माफिया पकड़ना आसान नहीं : डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद के मुताबिक एक बार फिर नए वर्ष का आगाज होने वाला है. जिस मौके पर यूपी के अलग अलग हिस्सों में पार्टियां आयोजित होती हैं. इन पार्टी में ट्रामेफ-पी, स्पास्मो प्रोक्सीवोन प्लस, एलएसडी, क्रिस्टल मेथ, MDMA, कोकीन, स्पेशल-K, पॉपर्स और एन बॉम्ब नाम के ड्रग्स का जम कर इस्तेमाल होता है. ऐसे में इन्हें खरीदने के लिए सोशल मीडिया और डार्क वेब का इस्तेमाल होने की आशंका है. लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस सिर्फ ऐसे डीलर को ट्रेस कर पाती है जो ऑफलाइन ड्रग्स बेचते हैं, लेकिन हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले युवाओं को ट्रेस कर कठिन है. इसलिए हमारी टीम इन पर नजर बनाए हुए है.
ट्विटर पर छाया CM योगी का जलवा, दिन भर ट्रेंड किया Yogi Against Drug Mafia