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नए साल की पार्टियों में ड्रग सप्लाई के लिए माफिया अपना रहे हाईटेक तकनीकी, धर पकड़ करेगी एएनटीएफ की डेडीकेटेड टीम

नए साल के आगमन के स्वागत में आयोजित होने वाली पार्टियों में ड्रग्स का इस्तेमाल खूब होता है. यही कारण है कि माफिया खरीदारों तक ड्रग पहुंचाने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाते हैं. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नागरिक पुलिस के मुताबिक अब ड्रग माफिया डार्क वेब और सोशल मीडिया का सहारा लेकर कारोबार कर रहे हैं. ऐसे कारोबार पर लगाम कसने के लिए डेडीकेटेड टीम तैयार की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 10:16 PM IST

Updated : Dec 27, 2023, 6:54 AM IST

लखनऊ : क्रिसमस की धूम के बाद अब नए साल की तैयारियों में पूरी दुनिया जुट गई है. होटल, रिजॉर्ट, क्लबों में पार्टी के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है और इन्हीं पार्टियों में ड्रग्स का जमकर इस्तेमाल होता है. हालांकि पहले और अब ड्रग्स की खरीद फरोख्त के तरीकों में काफी बदलाव हो चुका है. इसी बदले हुए तरीकों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने कमर कस ली है. नारकोटिक्स टास्क फोर्स के मुताबिक पार्टी में इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए खरीदे और बेचे जा रहे हैं. यही वजह है कि इस तरह की खरीद फरोख्त की सर्विलांस नहीं हो पा रही थी. बहरहाल अब मुख्यालय स्तर पर डेडीकेटेड टीम तैयार की गई है जो ड्रग्स बेचने और खरीदने वालों पर नजर रखेगी.

यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म से बेचा जा रहा ड्रग : एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के डीआईजी अब्दुल हमीद बताते हैं कि बीती दिनों यूपी एसटीएफ और नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा को गई कुछ गिरफ्तारियों के बाद यह सामने आया था कि कुछ ड्रग्स डीलर डार्क वेब के जरिए विदेशों में ड्रग्स की सप्लाई कर रहे हैं. जब इसकी जांच की गई तो इस तरह के सैकड़ों गैंग सामने आए हैं जो यूपी और अन्य राज्यों में रह कर डार्क वेब के जरिए नशे का समान बेच रहे हैं. डीआईजी के मुताबिक सबसे हैरानी वाली बात यह सामने आई है कि न सिर्फ डार्क वेब बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए भी ड्रग्स बेचा जा रहा है जो खासकर नई पीढ़ी के युवाओं को सप्लाई की जाती है.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.

हाईटेक टेक्नोलॉजी वाले ड्रग माफिया पकड़ना आसान नहीं : डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद के मुताबिक एक बार फिर नए वर्ष का आगाज होने वाला है. जिस मौके पर यूपी के अलग अलग हिस्सों में पार्टियां आयोजित होती हैं. इन पार्टी में ट्रामेफ-पी, स्पास्मो प्रोक्सीवोन प्लस, एलएसडी, क्रिस्टल मेथ, MDMA, कोकीन, स्पेशल-K, पॉपर्स और एन बॉम्ब नाम के ड्रग्स का जम कर इस्तेमाल होता है. ऐसे में इन्हें खरीदने के लिए सोशल मीडिया और डार्क वेब का इस्तेमाल होने की आशंका है. लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस सिर्फ ऐसे डीलर को ट्रेस कर पाती है जो ऑफलाइन ड्रग्स बेचते हैं, लेकिन हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले युवाओं को ट्रेस कर कठिन है. इसलिए हमारी टीम इन पर नजर बनाए हुए है.

यह भी पढ़ें : Drug Smuggling : ड्रग माफिया ने खरीद फरोख्त के लिए अपनाई हाईटेक तकनीकी, पुलिस के लिए चुनौती है डार्क वेब का जाल

ट्विटर पर छाया CM योगी का जलवा, दिन भर ट्रेंड किया Yogi Against Drug Mafia

लखनऊ : क्रिसमस की धूम के बाद अब नए साल की तैयारियों में पूरी दुनिया जुट गई है. होटल, रिजॉर्ट, क्लबों में पार्टी के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है और इन्हीं पार्टियों में ड्रग्स का जमकर इस्तेमाल होता है. हालांकि पहले और अब ड्रग्स की खरीद फरोख्त के तरीकों में काफी बदलाव हो चुका है. इसी बदले हुए तरीकों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने कमर कस ली है. नारकोटिक्स टास्क फोर्स के मुताबिक पार्टी में इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए खरीदे और बेचे जा रहे हैं. यही वजह है कि इस तरह की खरीद फरोख्त की सर्विलांस नहीं हो पा रही थी. बहरहाल अब मुख्यालय स्तर पर डेडीकेटेड टीम तैयार की गई है जो ड्रग्स बेचने और खरीदने वालों पर नजर रखेगी.

यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म से बेचा जा रहा ड्रग : एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के डीआईजी अब्दुल हमीद बताते हैं कि बीती दिनों यूपी एसटीएफ और नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा को गई कुछ गिरफ्तारियों के बाद यह सामने आया था कि कुछ ड्रग्स डीलर डार्क वेब के जरिए विदेशों में ड्रग्स की सप्लाई कर रहे हैं. जब इसकी जांच की गई तो इस तरह के सैकड़ों गैंग सामने आए हैं जो यूपी और अन्य राज्यों में रह कर डार्क वेब के जरिए नशे का समान बेच रहे हैं. डीआईजी के मुताबिक सबसे हैरानी वाली बात यह सामने आई है कि न सिर्फ डार्क वेब बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए भी ड्रग्स बेचा जा रहा है जो खासकर नई पीढ़ी के युवाओं को सप्लाई की जाती है.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.
यूपी में ड्रग माफिया की पैठ.

हाईटेक टेक्नोलॉजी वाले ड्रग माफिया पकड़ना आसान नहीं : डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद के मुताबिक एक बार फिर नए वर्ष का आगाज होने वाला है. जिस मौके पर यूपी के अलग अलग हिस्सों में पार्टियां आयोजित होती हैं. इन पार्टी में ट्रामेफ-पी, स्पास्मो प्रोक्सीवोन प्लस, एलएसडी, क्रिस्टल मेथ, MDMA, कोकीन, स्पेशल-K, पॉपर्स और एन बॉम्ब नाम के ड्रग्स का जम कर इस्तेमाल होता है. ऐसे में इन्हें खरीदने के लिए सोशल मीडिया और डार्क वेब का इस्तेमाल होने की आशंका है. लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस सिर्फ ऐसे डीलर को ट्रेस कर पाती है जो ऑफलाइन ड्रग्स बेचते हैं, लेकिन हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले युवाओं को ट्रेस कर कठिन है. इसलिए हमारी टीम इन पर नजर बनाए हुए है.

यह भी पढ़ें : Drug Smuggling : ड्रग माफिया ने खरीद फरोख्त के लिए अपनाई हाईटेक तकनीकी, पुलिस के लिए चुनौती है डार्क वेब का जाल

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Last Updated : Dec 27, 2023, 6:54 AM IST
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