लखनऊ: मोदी सरकार द्वारा देश के मदरसों को मॉडर्न करने के एलान के बाद जहां एक तरफ सरकार की इस पहल का स्वागत हो रहा है तो दूसरी तरफ पिछले 38 महीनों से अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर दरबदर भटक रहे मदरसा मॉडर्न टीचर्स का दर्द छलक आया है. यूपी मदरसा मॉडर्न टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने सरकार के इस एलान के बाद अपना बयान जारी करते हुए सरकार पर जहां कथनी और करनी में फर्क बताया. वहीं देश के 50 हजार आधुनिक मदरसा टीचर्स की रुकी हुई तनख्वाह देने की एक बार फिर गुहार लगाई है.
- यूपी मदरसा मॉडर्न टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ऐजाज अहमद ने मदरसों को मॉडर्न किए जाने के सरकार के एलान के बाद अपना दर्द जाहिर किया है.
- ऐजाज अहमद ने अपने बयान में कहा कि मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का स्टेटमेंट है कि मदरसों को मॉडर्न किया जाएगा. उन्होंने कहा लेकिन भारत सरकार में मदरसा मॉडर्न टीचर्स की योजना में पहले से ही 50 हजार टीचर्स काम कर रहे हैं, जो पूरी तरह ट्रेंड और वेल क्वॉलीफाइड है.
- सरकार ने पिछले 38 महीनों से उनका मानदेय उनको नहीं दिया है, जिसके चलते वह भुखमरी की कगार पर है.
- ऐजाज अहमद ने अपने बयान में कहा कि रुकी हुई तनख्वाह के चलते अब तक 19 टीचर आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन मॉडर्न मदरसा टीचर्स की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.