लखनऊ: मदरसा आधुनिकीकरण योजना में कार्यरत 25 हजार शिक्षकों को वेतन का केंद्रांश बीते चार साल से नहीं मिल रहा. साथ ही मॉडर्न मदरसों के टीचर्स का 6 महीने का 40 प्रतिशत राज्यांश भी अबतक बकाया है. जिसे लेकर मदरसों के शिक्षकों ने सोमवार को राजधानी लखनऊ में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से केन्द्र सरकार से वेतन जारी कराने की गुहार लगाई.
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने बताया कि प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय प्रोग्राम में सम्मिलित मदरसा आधुनिकीकरण योजना में काम करने वाले प्रदेश के 25 हजार मदरसा शिक्षकों को करीब 4 साल से केंद्रांश मानदेय नहीं मिला. साथ ही 6 माह का 40 प्रतिशत राज्यांश भी बकाया है. उन्होंने बताया कि मदरसों में काम करने वाले शिक्षकों में स्नातक शिक्षक को 8 हजार और परास्नातक शिक्षक को 15 हजार रुपये मानदेय मिलता है. जिसमें केंद्र सरकार 8 हजार में से 3600 रुपये और 15 हजार में से 4800 रुपये देती है. लेकिन इतना कम भाग भी केद्र सरकार ने 4 साल से नहीं दिया है.
उन्होंने बताया कि शिक्षकों के मानदेय का करीब 977 करोड़ रुपये बकाया है. शिक्षकों के मानदेय का केंद्रांश जारी करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई बार केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया. लेकिन, कोरोना काल में भी कोई कार्यवाही नहीं की गई. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एस एन पांडेय से मुलाकात कर बकाया केंद्रांश व राज्यांश जारी कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि वेतन सही तरह से न मिलने की वजह से शिक्षक भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं.