लखनऊ : बहन, बहनोई और तीन साल के मासूम भांजे की हत्या करने के आरोपी गोकुल को अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. एडीजीसी कृष्ण कुमार साहू ने अदालत में दलील दी कि इस तिहरे हत्याकांड की रिपोर्ट थाना मड़ियांव के प्रभातपुरम मोहल्ले में रहने वाले कुतुबुद्दीन ने 10 अप्रैल 2013 को मड़ियांव थाने में लिखाई थी. रिपोर्ट में कुतुबुद्दीन ने कहा था कि उसके दुकान में खैराबाद जनपद सीतापुर का गुड्डू अपनी पत्नी व तीन साल के बेटे तरुण के साथ किराए पर रहकर मजदूरी का काम करता था. उसकी पत्नी सिलाई का काम करती थी.
बताया गया कि 10 अप्रैल 2013 को कमरे से बदबू आने पर जब शटर उठाकर देखा गया तो गुड्डू उसकी पत्नी व बेटे तरुण की लाश पड़ी हुई थी. शव पर चोट के निशान थे. विवेचना के दौरान पता चला कि ग्राम भवानीपुर थाना खैराबाद, सीतापुर का रहने वाला आरोपी गोकुल मृतक गुड्डू का साला था. जिसने अपनी भाभी के साथ गुड्डू को छेड़छाड़ करते देख लिया था. इसी नाजागी में आकर आरोपी ने तीनों की निर्मम हत्या कर दी. सजा के प्रश्न पर सुने जाने के समय भी आरोपी द्वारा कहा गया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है. इसके अलावा उसने भाभी के साथ बहनोंई के द्वारा छेड़खानी किए जाने के कारण आवेश में आकर घटना की है.
अदालत को सरकारी वकील ने यह भी बताया कि विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त गोकुल 10 अप्रैल 2013 के दो दिन पूर्व अपनी बहन जानकी के घर आया था. बताया गया कि इसी बीच अभियुक्त द्वारा चाय में नींद की गोली मिला दी गई और उसके बाद रात्रि में बहनोई गुड्डू, बहन जानकी व उसके पुत्र तरुण के चेहरे पर पत्थर से प्रहार करके हत्या कर दी. इस मामले में गवाह श्रीमती रन्नो ने अदालत को बताया था कि घटना के दो दिन पहले शाम को सात बजे गुड्डू की पत्नी दूध और चीनी लेने के लिए उसकी दुकान पर आई थी, तभी उसने गवाह से बताया था कि उसका भाई गोकुल घर आया है. इसी तरह से गवाह राम खेलावन ने भी अभियुक्त को मृतक के घर पर देखे जाने की पुष्टि की थी. अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है. लिहाजा अभियुक्त को आजीवन कारावास से दंडित किया जाना उचित होगा.
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