लखनऊ: बनारस और गोरखपुर जैसी हाईप्रोफाइल सीटों पर गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतार कर महीनों से बनारस सीट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया. पार्टी ने बनारस से 2014 लोकसभा चुनाव लड़ चुके अजय राय को मैदान में उतारा तो गोरखपुर जैसी हाई प्रोफाइल सीट पर मधुसूदन तिवारी को उतारकर मुकाबला रोमांचक बना दिया है. 2014 में जौनपुर से कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके रवि किशन इस बार गोरखपुर से बीजेपी की तरफ से मैदान में हैं.
कांग्रेस पार्टी से पिछले लोकसभा चुनाव में बनारस से चुनाव लड़ चुके अजय राय पर फिर से दांव लगाया है. पिछले चुनाव में अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे. इस बार बनारस सीट से ही गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर शालिनी यादव मैदान में हैं. शालिनी के पिता श्याम लाल यादव कांग्रेसी सांसद रह चुके हैं. अभी तक शालिनी भी कांग्रेस से जुड़ी थीं, लेकिन अचानक वे सपा में शामिल हो गईं और सपा ने उन्हें गठबंधन प्रत्याशी बना दिया. मोदी की बनारस सीट पर इन दोनों प्रत्याशियों से टक्कर होनी हैं.
गोरखपुर की बात करें तो भाजपा ने रवि किशन शुक्ला को यहां पर प्रत्याशी बनाया लेकिन कांग्रेस ने गुरुवार को मास्टर स्ट्रोक खेल दिया और यहां पर एक बड़े चेहरे मधुसूदन तिवारी को मैदान में उतार दिया. वे बार के चार बार अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में वे बार काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. बाहुबली हरिशंकर तिवारी के मधुसूदन तिवारी रिश्ते में बहनोई भी लगते हैं. ऐसे में हरिशंकर तिवारी का सपोर्ट मिलना भी तय है. इसलिए गोरखपुर सीट पर मुकाबला रोमांचक होना तय है.