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नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति हैं मां शारदा : स्वामी मुक्तिनाथानंद

स्वामी मुक्तिनाथानंद ने कहा कि मां शारदा ममता व करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति थी. श्री रामकृष्ण परमहंस की दृष्टि में श्री मां शारदा देवी साक्षात देवी स्वरूप थीं.

maa sharda devi birth celebration
मां शारदा देवी जन्मोत्सव.
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Published : Jan 11, 2021, 3:54 AM IST

लखनऊ : मां शारदा नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति के रूप प्रतिष्ठापित है. श्री रामकृष्ण परमहंस ने मां को देवी स्वरूप मानते हुए सबको नारी शक्ति का महत्व बताया. यह बात आज यानि 10 जनवरी को निराला नगर स्थित श्री रामकृष्ण मठ में पिछली 5 जनवरी से चल रहे मां शारदा देवी जन्मोत्सव के अंतिम दिन मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद ने कहीं. वह श्री रामकृष्ण की दृष्टि में श्री मां शारदा देवी पर प्रवचन कर रहे थे.

'देवी स्वरूपा थीं मां शारदा'

जन्मोत्सव कार्यक्रम के समापन दिवस पर स्वामी मुक्तिनाथानंद ने कहा कि मां शारदा ममता व करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं. श्री रामकृष्ण परमहंस की दृष्टि में श्री मां शारदा देवी साक्षात देवी स्वरूप थीं.

'प्रत्येक में ईश्वर का प्रतिमान'

उपस्थित भक्त जनों में मां शारदा के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने कहा कि मां प्रत्येक जीव में ईश्वर का प्रतिमान मानते हुए उसकी सेवा की सीख देती थीं. मां शारदा प्रत्येक शिष्यों को पुत्र स्वरूप आदर करती थीं.

'स्वामी विवेकानंद पर पड़ा मां का प्रभाव'

उन्होंने कहा कि मां शारदा के विशाल व्यक्तित्व का प्रभाव स्वामी विवेकानंद जी के जीवन में भी पड़ा. स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान संदर्भों में मां शारदा का अनुसरण करते हुए सनातन संस्कृति संपूर्ण विश्व के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत कर सकती है.

मां काली के कीर्तन से हुआ समापन

समापन दिवस के शुभ अवसर पर मठ में स्वामी दिव्यार्चनानंद जी के साथ मठ के सन्यासियों एवं ब्रह्मचारी के द्वारा काली कीर्तन प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर भातखंडे संगीत संस्थान से शुभम राज ने तबला पर संगत प्रस्तुत की. कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया.

लखनऊ : मां शारदा नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति के रूप प्रतिष्ठापित है. श्री रामकृष्ण परमहंस ने मां को देवी स्वरूप मानते हुए सबको नारी शक्ति का महत्व बताया. यह बात आज यानि 10 जनवरी को निराला नगर स्थित श्री रामकृष्ण मठ में पिछली 5 जनवरी से चल रहे मां शारदा देवी जन्मोत्सव के अंतिम दिन मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद ने कहीं. वह श्री रामकृष्ण की दृष्टि में श्री मां शारदा देवी पर प्रवचन कर रहे थे.

'देवी स्वरूपा थीं मां शारदा'

जन्मोत्सव कार्यक्रम के समापन दिवस पर स्वामी मुक्तिनाथानंद ने कहा कि मां शारदा ममता व करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं. श्री रामकृष्ण परमहंस की दृष्टि में श्री मां शारदा देवी साक्षात देवी स्वरूप थीं.

'प्रत्येक में ईश्वर का प्रतिमान'

उपस्थित भक्त जनों में मां शारदा के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने कहा कि मां प्रत्येक जीव में ईश्वर का प्रतिमान मानते हुए उसकी सेवा की सीख देती थीं. मां शारदा प्रत्येक शिष्यों को पुत्र स्वरूप आदर करती थीं.

'स्वामी विवेकानंद पर पड़ा मां का प्रभाव'

उन्होंने कहा कि मां शारदा के विशाल व्यक्तित्व का प्रभाव स्वामी विवेकानंद जी के जीवन में भी पड़ा. स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान संदर्भों में मां शारदा का अनुसरण करते हुए सनातन संस्कृति संपूर्ण विश्व के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत कर सकती है.

मां काली के कीर्तन से हुआ समापन

समापन दिवस के शुभ अवसर पर मठ में स्वामी दिव्यार्चनानंद जी के साथ मठ के सन्यासियों एवं ब्रह्मचारी के द्वारा काली कीर्तन प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर भातखंडे संगीत संस्थान से शुभम राज ने तबला पर संगत प्रस्तुत की. कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया.

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