लखनऊ: अपनी मांगों को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) का धरना सोमवार को अनवरत जारी रहा. यह धरना लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर 20 मई से शुरू हुआ था. अब गोरखपुर विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (गुआक्टा) ने भी लुआक्टा के प्रदर्शन का समर्थन किया है. लुआक्टा ने कुलसचिव संजय मेधावी के माध्यम से कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को ज्ञापन सौंपा.
बता दें, क्रीड़ा परिषद के पुनर्गठन, लुआक्टा द्वारा कुलपति से परिनियम में उल्लिखित ग्रीष्मावकाश न दिए जाने, प्रतिकर अवकाश को परिभाषित न करने, विगत वर्षों के परीक्षा से संबंधित भुगतान न किए जाने एवं भुगतान के सम्बंध में दोहरी व्यवस्था लागू किए जाने, लखनऊ विश्वविद्यालय से सहयुक्त लखीमपुर, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई के महिला शिक्षकों को मूल्यांकन के समय ठहरने के लिए पृथक परीक्षा भवन आवास का निर्माण एवं कक्ष निरीक्षक एवं परीक्षा मूल्यांकन के बाद तत्काल भुगतान, यात्रा भत्ता, महाविद्यालयों के सभी प्रोफेसर को परिनियम में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार विश्वविद्यालय की सभी आकादमिक समितियों का सदस्य बनाए जाने समेत कई मांगें शामिल हैं.
इसके अलावा क्रीड़ा परिषद का गठन, नये जिलों के जुड़ने के बाद शिक्षक कल्याण कोष में दी जाने वाली धनराशि का आवंटन 60:40 अनुपात के स्थान पर 80:20 के अनुपात में किए जाने, महाविद्यालय के शिक्षकों को प्रोन्नति समिति सहित विभिन्न समितियो में संख्या के आधार पर आनुपातिक प्रतिनिधित्व, पीएचडी में प्रवेश के साथ ही शोधार्थी को शोध निदेशक दिए जाने एवं अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के छात्रों का परीक्षा केंद्र बनाए जाने के कारण उत्पन्न असुविधा आदि मुद्दों तथा अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पीएचडी अध्यादेश के विपरीत सीटों का आवंटन किए जाने एवं शिक्षकों को आनलाइन कोर्स वर्क न कराए जाने आदि समस्याओं के समाधान न किए जाने पर विरोध के लिए 20 मई से लगातार धरना दिया जा रहा है. धरने पर चारों जिले के शिक्षक भी बराबर अपनी प्रतिभागिता दे रहे हैं.
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