लखनऊ: कोरोना काल में एक लंबे समय तक चिड़ियाघर बंद रहा. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 3 अप्रैल से 8 जून तक चिड़ियाघर बंद रहा. लखनऊ जू के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि राजधानी में लॉकडाउन खुलने के बाद आज यानी बुधवार से पहले की ही तरह सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चिड़ियाघर खुलेगा. दर्शकों का इंतजार अब खत्म हो गया है. पहले की ही तरह अब दर्शक जू घूमने-फिरने जा सकेंगे, लेकिन इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दर्शक चिड़ियाघर घूम सकेंगे.
लोगों को यहां घूमना बेहद पसंद
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान 29 नंबर को 100 वर्ष का हो जाएगा. कोरोना काल में राजधानी के सभी पर्यटक स्थल बंद थे. साल 2020 अप्रैल से चिड़ियाघर बंद हुआ. इसके बाद जनवरी 2021 में चिड़ियाघर दोबाराा खुला, लेकिन सिर्फ 3 महीने बाद ही कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल में आ गई. इसके बाद दोबारा से चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया. चिड़ियाघर राजधानी का ऐसा पर्यटक स्थल है, जहां पर लोग अपनी फैमिली के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने आते हैं. गर्मी के दिनों में छुट्टियां मनाने के लिए भी पेरेंट्स बच्चों को चिड़ियाघर लेकर आते थे. सुबह-सुबह चिड़ियाघर में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते थे. इसके लिए लोगों को अलग से एक कार्ड बनवाना पड़ता है. इसकी फीस एक महीने के लिए 100 रुपये होती है.
जानवरों का रखा जाता है ख्याल
निदेशक आरके सिंह बताते हैं कि इस समय चिड़ियाघर बंद है. हालांकि आने वाले दिनों में स्थिति समान होने पर चिड़ियाघर को दोबारा से दर्शकों के लिए खोला जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में एंट्री के लिए 80 रुपये का टिकट होता है. चिड़ियाघर से जो भी रेवेन्यू आता है उसे जानवरों के रख-रखाव व खानपान में लगाया जाता है या फिर चिड़ियाघर की मेंटेनेंस पर लगता है. चिड़ियाघर के अंदर जानवरों के लिए एक अस्पताल भी है, जहां उनके डॉक्टर मौजूद रहते हैं. अगर किसी जानवर को कहीं कट जाता है या उसकी तबीयत खराब होती है तो डॉक्टर देखते हैं या फिर कहीं अन्य जगह से जानवर को चिड़ियाघर में एंट्री दी जाती है तो उससे पहले 24 घंटे के लिए उसे चिड़ियाघर के अस्पताल में दिखाकर बाड़े में शिफ्ट किया जाता है. पहले जानवर की अच्छी तरह से देख-रेख होती हैं. अगर जानवर स्वस्थ रहता है तो उसे उसके बाड़े में पहुंचा दिया जाता है.
पहली बार बंद हुआ चिड़ियाघर
कोरोना काल में चिड़ियाघर बंद है, जिसके कारण जो चिड़ियाघर हमेशा बच्चों की गूंज से झूम उठता था वहां सन्नाटा पसरा है. निदेशक बताते हैं कि जब से चिड़ियाघर का निर्माण हुआ तब से कोरोना काल में पहली बार इतने लंबे समय के लिए चिड़ियाघर को बंद किया गया है. जानवर भी अपने बाड़े में मायूस हैं.
100 वर्ष पूर्ण होने में बस कुछ महीने
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान अपनी स्थापना के 100वें वर्ष में चल रहा है. प्राणि उद्यान लखनऊ के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर की स्थापना 29 नवम्बर 1921 को हुई थी. 29 नवम्बर 2021 को अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा. इस मौके पर 1 से 7 अक्टूबर तक होने वाले वन्य प्राणि सप्ताह में एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसमें पिछले 100 वर्षों के चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा.
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आम लोग भी भेज सकते हैं फोटो
निदेशक आरके सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि चिड़ियाघर के 100 वर्ष पूरे होने पर प्राणि उद्यान से सम्बन्धित कोई भी पुराना फोटो व संस्मरण आपके पास उपलब्ध हो तो आप उस फोटो व संस्मरण को प्राणि उद्यान के ई-मेल- lucknowzoo@gmail.com पर भेज सकते हैं. जिसे प्राणि उद्यान द्वारा मनाए जाने वाले वन्य प्राणि सप्ताह के दौरान लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में सम्मिलित किया जा सके. इस बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए अभिषेक दुबे शिक्षा अधिकारी प्राणि उद्यान के मोबाइल 8005493607 पर सम्पर्क कर सकते हैं.