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CAA PROTEST: लखनऊ हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, PFI का है प्रदेश अध्यक्ष

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 19 दिसंबर को राजधानी में हुए बवाल के आरोपी पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस घटना को लेकर गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है.

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Published : Dec 23, 2019, 6:12 PM IST

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लखनऊ हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

लखनऊ: राजधानी में 19 दिसंबर को हिंसा आगजनी व तोड़फोड़ को लेकर पुलिस ने तीनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें से एक आरोपी वसीम को लखनऊ इंदिरा नगर और नदीम और अशफाक को बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया है. तीनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में पोस्टर, बैनर के साथ ही ऐसे पेपर, जिसमें एनआरसी के विरोध को लेकर पर्चे और रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद से जुड़े कागज और उर्दू किताबें बरामद की हैं.

लखनऊ हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ्तार.

योजना बनाकर किया गया दंगा
एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने बताया कि मुख्य आरोपी वसीम लखनऊ में रहकर 19 तारीख की हिंसा को लेकर प्लान बना रहा था. दो और आरोपी बाराबंकी से लखनऊ आए. इन तीनों ने मिलकर लखनऊ में हिंसा को अंजाम दिया. पुलिस ने जब इनके व्हाट्सएप खंगाले तो उसमें कई ऐसे ग्रुप मिले, जिसमें यह भड़काऊ भाषण लिखकर लोगों तक पहुंचाकर आगजनी के लिए उग्र कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया और आगजनी फैलाई थी.

19 दिसंबर को राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हिंसा की. पुलिस के अफसरों की लापरवाही और एलआईयू फेलियर की वजह से 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दंगा भड़का था. दंगा भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 6 महीने से राजधानी लखनऊ में सक्रिय था.

जुलाई और सितंबर महीने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पोस्टर भी लगाए गए थे. पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जब लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो लोगों को पकड़ा तो खुलासा हुआ कि राजधानी में दंगा फैलाने में इसका हाथ था.

बिना परमिशन की थी मीटिंग
वहीं इस घटना में शामिल तीनों आरोपी में से वसीम अहमद पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है, जो कि लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है. नदीम और अशफाक रामनगर जनपद बाराबंकी का रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि लखनऊ से रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब को भी हम लोगों ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दरअसल इन लोगों ने 4 नवंबर को गांधी प्रेक्षागृह में एक मीटिंग की थी, जो कि बिना परमिशन के की गई थी. इस मीटिंग में कई लोगों को इसीलिए बुलाया गया था.

लखनऊ दंगा भड़काने में PFI का हाथ

  • राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जमकर हिंसा हुई.
  • लखनऊ पुलिस के पास पीएफआई का कोई इनपुट ही नहीं था.
  • वसीम नाम का शख्स जो कि इंदिरा नगर क्षेत्र का रहने वाला है, उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
  • पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
  • पुलिस के मुताबिक तीनों पकड़े गए आरोपी पीएफआई से हैं, जो कि सिमी संगठन का सदस्य है.
  • वसीम के दो अन्य साथी मोहम्मद शादाब, इसरार खान और एक अन्य वांछित की तलाश जारी है.
  • लखनऊ हिंसा में अब तक कुल 39 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें 19 तारीख से पहले 6 मुकदमे लिखे गए थे.

इसे भी पढ़ें - CAA PROTEST: हमीरपुर में पुलिस ने जारी किए उपद्रवियों के पोस्टर

जांच में पता चला कि योजनाबद्ध तरीके से लोगों को उग्र प्रदर्शन के लिए भड़काया गया था. इनमें कुछ पर पहले से भी अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं.
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी

लखनऊ: राजधानी में 19 दिसंबर को हिंसा आगजनी व तोड़फोड़ को लेकर पुलिस ने तीनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें से एक आरोपी वसीम को लखनऊ इंदिरा नगर और नदीम और अशफाक को बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया है. तीनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में पोस्टर, बैनर के साथ ही ऐसे पेपर, जिसमें एनआरसी के विरोध को लेकर पर्चे और रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद से जुड़े कागज और उर्दू किताबें बरामद की हैं.

लखनऊ हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ्तार.

योजना बनाकर किया गया दंगा
एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने बताया कि मुख्य आरोपी वसीम लखनऊ में रहकर 19 तारीख की हिंसा को लेकर प्लान बना रहा था. दो और आरोपी बाराबंकी से लखनऊ आए. इन तीनों ने मिलकर लखनऊ में हिंसा को अंजाम दिया. पुलिस ने जब इनके व्हाट्सएप खंगाले तो उसमें कई ऐसे ग्रुप मिले, जिसमें यह भड़काऊ भाषण लिखकर लोगों तक पहुंचाकर आगजनी के लिए उग्र कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया और आगजनी फैलाई थी.

19 दिसंबर को राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हिंसा की. पुलिस के अफसरों की लापरवाही और एलआईयू फेलियर की वजह से 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दंगा भड़का था. दंगा भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 6 महीने से राजधानी लखनऊ में सक्रिय था.

जुलाई और सितंबर महीने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पोस्टर भी लगाए गए थे. पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जब लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो लोगों को पकड़ा तो खुलासा हुआ कि राजधानी में दंगा फैलाने में इसका हाथ था.

बिना परमिशन की थी मीटिंग
वहीं इस घटना में शामिल तीनों आरोपी में से वसीम अहमद पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है, जो कि लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है. नदीम और अशफाक रामनगर जनपद बाराबंकी का रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि लखनऊ से रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब को भी हम लोगों ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दरअसल इन लोगों ने 4 नवंबर को गांधी प्रेक्षागृह में एक मीटिंग की थी, जो कि बिना परमिशन के की गई थी. इस मीटिंग में कई लोगों को इसीलिए बुलाया गया था.

लखनऊ दंगा भड़काने में PFI का हाथ

  • राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जमकर हिंसा हुई.
  • लखनऊ पुलिस के पास पीएफआई का कोई इनपुट ही नहीं था.
  • वसीम नाम का शख्स जो कि इंदिरा नगर क्षेत्र का रहने वाला है, उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
  • पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
  • पुलिस के मुताबिक तीनों पकड़े गए आरोपी पीएफआई से हैं, जो कि सिमी संगठन का सदस्य है.
  • वसीम के दो अन्य साथी मोहम्मद शादाब, इसरार खान और एक अन्य वांछित की तलाश जारी है.
  • लखनऊ हिंसा में अब तक कुल 39 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें 19 तारीख से पहले 6 मुकदमे लिखे गए थे.

इसे भी पढ़ें - CAA PROTEST: हमीरपुर में पुलिस ने जारी किए उपद्रवियों के पोस्टर

जांच में पता चला कि योजनाबद्ध तरीके से लोगों को उग्र प्रदर्शन के लिए भड़काया गया था. इनमें कुछ पर पहले से भी अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं.
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी

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लखनऊ



लखनऊ पुलिस के अफसरो की लापरवाही और liu फेलियर का नतीजा था 19 तारीख का दंगा



दंगा भड़काने वाला पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया तो लखनऊ में 6 महीने से सक्रिय था



जुलाई और सितंबर महीने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लखनऊ में लगाए गए थे पोस्टर



अफसरो ने pfi के बढ़ते नेटवर्क को नकारा और हो गया दंगा



Pfi का प्रदेश अध्यक्ष वसीम गिरफ्तार कर जेल भेजा लेकिन पुलिस को पता नही चला pfi कनेक्शन



अब लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो लोगो को पकड़ा तो हुआ खुलासा



 लखनऊ में सक्रिय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने फैला लिया अन्य जिलों में भी नेट्वर्क 



पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में हुए दंगे में pfi का नाम आया



लखनऊ पुलिस के पास pfi का कोई इनपुट ही नही था,  एक वसीम नाम का व्यक्ति इंदिरा नगर क्षेत्र का रहने वाला है इसे गिरफ्तार किया गया 

नदीम और अशफाक इसके साथी हैं जिन्होंने योजना बनायी थी अन्य संगठन भी जुड़े थे

 व्हाट्सएप्प चैटिंग खंगाला गया तो देखा कि कैसे लोगों को भड़काया जा रहा था

 एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी 



39 मुकदमे दर्ज किए गए है ,6 मुकदमे पहले के हैं ,33 मुकदमे 19 तारीख के बाद लिखे गए

 बाहरी लोगों को बुलाने की कोशिश



शामली में pfi से जुड़े मोहम्मद शादाब 

इसरार खान और एक अन्य वांछित हैं

 नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा में दर्ज मुकदमे



दर्ज हुए मुकदमे में 150 दंगे के आरोपी और 250 निरोधात्मक कार्रवाई में अरेस्ट



पुराने लखनऊ में पुलिस की कार्रवाई का दौर जारी



पुराने लखनऊ से बलवाईयो ने छोड़ा इलाका,कार्रवाई का दौर जारी


Conclusion:
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