लखनऊः शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने नया प्लान बनाना शुरू कर दिया है. विश्वविद्यालय ने ई-कंटेंट के महत्व को देखते हुए अपने शिक्षकों को ज्यादा और बेहतर गुणवत्ता के ई-कंटेंट तैयार करने पर सम्मानित करने की घोषणा की है. क्योंकि शिक्षक द्वारा तैयार किया गया ई- कंटेंट लखनऊ ही नहीं पूरे प्रदेश में पहचान दिला सकता है. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि ई-कंटेंट का व्यावसायिक उपयोग होने पर उससे मिली 60 फ़ीसदी राशि शिक्षक को देने की घोषणा लखनऊ विश्वविद्यालय पहले ही कर चुका है.
कोरोना के चलते पढ़ाई ऑनलाइन होती जा रही है. इसे देखते हुए ही लखनऊ विश्वविद्यालय ने यह घोषणा की है. सबसे ज्यादा ई-कंटेंट तैयार करने वाले 3 शिक्षकों और उनका उपयोग करने वाले विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष भी सम्मानित होंगे. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षकों को और अधिक ई कंटेंट तैयार करने के लिए सहायता भी देगा.
कोरोना के चलते कई महीनों से नियमित कक्षाएं न चल पाने से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. ऐसी स्थिति के लिए न तो विद्यार्थी तैयार थे और न ही शिक्षक. इसे देखते हुए सरकार ने ई-कंटेंट के लिए एक पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल पर लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सबसे ज्यादा ई कंटेंट दिए हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार ने यह संख्या और बढ़ाने पर शिक्षकों को सम्मानित करने की घोषणा की है.
लखनऊ विश्वविद्यालय ने ई-कंटेंट की पॉलिसी भी तैयार की है. इसके अनुसार e-content की आमदनी में शिक्षकों को 60 फ़ीसदी राशि दी जाएगी. बाकी का 40 फ़ीसदी हिस्सा विश्वविद्यालय के पास रहेगा. लखनऊ विश्वविद्यालय में इस साल कई ऑनलाइन कोर्स को मंजूरी मिली है. इनमें कोई भी व्यक्ति दाखिला ले पाएगा. इन विद्यार्थियों की पढ़ाई ई-कंटेंट के माध्यम से ही हो पाएगी, जिन विभागों में यह पाठ्यक्रम चलने हैं वहां इसकी तैयारी भी हो चुकी है.
दुर्गेश श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी, लखनऊ विश्वविद्यालय