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लखनऊ विश्वविद्यालय ने चुने 71 कर्मयोगी, इन्हें मिलेगा पढ़ाई के साथ कमाई करने का मौका - छात्र कल्याण स्कॉलरशिप

लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से 71 कर्मयोगी चुने गए हैं. इनकी सूची सोमवार देर शाम विश्वविद्यालय की ओर से अपनी वेबसाइट पर जारी की गई है. विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि इन छात्र-छात्राओं को 15 अक्टूबर तक अपने बैंक का विवरण और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Sep 28, 2021, 7:23 AM IST

लकनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से 71 कर्म योगी चुने गए हैं. इनकी सूची सोमवार देर शाम विश्वविद्यालय की ओर से अपनी वेबसाइट पर जारी की गई है. विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि इन छात्र-छात्राओं को 15 अक्टूबर तक अपने बैंक का विवरण और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा. लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से कर्मयोगी योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत विश्वविद्यालय के छात्रों को पढ़ाई के साथ ही काम करने का अवसर दिया जाएगा.

इस योजना के तहत नियत कार्य करने के लिए छात्र को 150 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. एक शैक्षणिक सत्र में 50 दिनों की सीमा के अधीन घंटे और अधिकतम 2 घंटे काम करने की अनुमति होगी. कर्मयोगी योजना के तहत एक छात्र को दी जाने वाली अधिकतम राशि 15,000 रुपए होगी.

कर्मयोगी
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कर्मयोगी योजना के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्र कल्याण स्कॉलरशिप के लाभार्थियों के नामों की घोषणा भी की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 49 छात्र-छात्राओं के नाम जारी किए गए हैं. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि आगे की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इन सभी को 5 अक्टूबर तक अपने सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे. प्रारूप विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: योगी मंत्रिमंडल का विस्तार : नए मंत्रियों को मिला विभाग, जानिए किसे क्या मिला ?

लखनऊ विश्वविद्यालय में अभी तक पुअर ब्वॉयज फंड के नाम पर एक छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जाता था. जिन छात्रों को किसी अन्य संसाधन से छात्रवृत्ति आर्थिक मदद नहीं प्राप्त होती थी उनके लिए यह आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की गई थी. प्रोफेसर आलोक कुमार राय के कुलपति पद संभालने के बाद इसके प्रारूप में परिवर्तन किया गया. इस योजना में छात्रों को एक शैक्षणिक सत्र के लिए 15000 रुपये मिलेंगे. पात्रता के लिए संबंधित छात्र के माता-पिता या अभिभावकों की कुल आय तीन लाख रुपये से अधिक न हो. छात्र ने पिछली परीक्षा न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो. छात्रों की पिछले शैक्षणिक सेमेस्टर अथवा वर्ष में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए. आवेदन करने वाले छात्र को पूर्व से फेलोशिप या छात्रवृत्ति सहित किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिल रही हो.

लकनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से 71 कर्म योगी चुने गए हैं. इनकी सूची सोमवार देर शाम विश्वविद्यालय की ओर से अपनी वेबसाइट पर जारी की गई है. विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि इन छात्र-छात्राओं को 15 अक्टूबर तक अपने बैंक का विवरण और शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा. लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से कर्मयोगी योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत विश्वविद्यालय के छात्रों को पढ़ाई के साथ ही काम करने का अवसर दिया जाएगा.

इस योजना के तहत नियत कार्य करने के लिए छात्र को 150 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. एक शैक्षणिक सत्र में 50 दिनों की सीमा के अधीन घंटे और अधिकतम 2 घंटे काम करने की अनुमति होगी. कर्मयोगी योजना के तहत एक छात्र को दी जाने वाली अधिकतम राशि 15,000 रुपए होगी.

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कर्मयोगी योजना के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्र कल्याण स्कॉलरशिप के लाभार्थियों के नामों की घोषणा भी की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 49 छात्र-छात्राओं के नाम जारी किए गए हैं. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि आगे की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इन सभी को 5 अक्टूबर तक अपने सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे. प्रारूप विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: योगी मंत्रिमंडल का विस्तार : नए मंत्रियों को मिला विभाग, जानिए किसे क्या मिला ?

लखनऊ विश्वविद्यालय में अभी तक पुअर ब्वॉयज फंड के नाम पर एक छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जाता था. जिन छात्रों को किसी अन्य संसाधन से छात्रवृत्ति आर्थिक मदद नहीं प्राप्त होती थी उनके लिए यह आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की गई थी. प्रोफेसर आलोक कुमार राय के कुलपति पद संभालने के बाद इसके प्रारूप में परिवर्तन किया गया. इस योजना में छात्रों को एक शैक्षणिक सत्र के लिए 15000 रुपये मिलेंगे. पात्रता के लिए संबंधित छात्र के माता-पिता या अभिभावकों की कुल आय तीन लाख रुपये से अधिक न हो. छात्र ने पिछली परीक्षा न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो. छात्रों की पिछले शैक्षणिक सेमेस्टर अथवा वर्ष में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए. आवेदन करने वाले छात्र को पूर्व से फेलोशिप या छात्रवृत्ति सहित किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिल रही हो.

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