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नैक रैंकिंग में आईटी और करामत कॉलेज के स्तर का भी नहीं है लखनऊ विश्वविद्यालय - लखनऊ विश्वविद्यालय

यूजीसी (UGC) की नैक (NAAC) रैंकिंग में लखनऊ यूनिवर्सिटी से संबद्ध आईटी और करामत कॉलेज का स्तर भी विश्वविद्यालय से काफी अच्छा है. बीते 20 सालों में लखनऊ विश्वविद्यालय इन कॉलेजों के नैक (NAAC) ग्रेडिंग तक भी नहीं पहुंच पाया.

लखनऊ यूनिवर्सिटी
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Published : May 17, 2021, 10:51 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन बीते कई दिनों से लगातार विश्वविद्यालय की तस्वीर बेहतर होने के दावे कर रहा है. कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की रैंकिंग दिखाई गई. प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में नंबर वन होने जैसे दावे तक किए जा रहे हैं. लेकिन, जब ईटीवी भारत ने सभी रैंकिंग और विश्वविद्यालय की जमीनी हकीकत का पता लगाने की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

दावों से उलट है हकीकत

विश्वविद्यालय की ओर से जिन रैंकिंग के आधार पर तस्वीर बेहतर होने के दावे किए जा रहे हैं, वह ज्यादातर निजी संस्थानों की तरफ से जारी की गई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की ग्रेडिंग में तो विश्वविद्यालय की स्थिति उलट नजर आ रही है.


यूजीसी की नैक की रैंकिंग में कॉलेजों को मिली एलयू से ज्यादा अच्छी रैंकिंग
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की ग्रेडिंग पर भरोसा करें तो बीते 20 वर्षों के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय अपने ही आईटी और करामत कॉलेज के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है. हालत इतनी खराब है कि विश्वविद्यालय ने नैक के मूल्यांकन के अगले चरण के लिए अभी तक आवेदन तक नहीं किया है. जबकि इन संस्थानों को नैक के मूल्यांकन में जो ग्रेट मिले हुए हैं, वह लखनऊ विश्वविद्यालय को कभी नहीं मिला.

लखनऊ के कॉलेजों से खराब रही एलयू की रैंकिंग

  • लखनऊ विश्वविद्यालय ने पहली बार वर्ष 2002 में नैक मूल्यांकन कराया था. उस समय उसे 4 अंक मिले थे. 2014 में कराए गए दूसरे चरण के मूल्यांकन में लखनऊ विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला. जिसकी वैधता 2019 में समाप्त हो चुकी है. यानी अभी विश्वविद्यालय के पास कोई ग्रेड नहीं है.
  • दूसरे राज्य विश्वविद्यालय तो छोड़ दीजिए लखनऊ के कॉलेजों की स्थिति एलयू से ज्यादा बेहतर है. आईटी कॉलेज ने सबसे पहले 2004 में मूल्यांकन कराया था. तब उसे ए ग्रेड मिला. दूसरी बार 2011 में कराए गए मूल्यांकन में भी आईटी कॉलेज को ए ग्रेड मिला. 2018 में तीसरी मूल्यांकन में बी प्लस प्लस मिला. यह अभी भी मान्य है.
  • गोमतीनगर स्थित जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट 2012 और 2017 में दो बार मूल्यांकन कर आ चुका है और वर्तमान में संस्थान के पास नैक का ए ग्रेड है.
  • करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स पीजी कॉलेज का नैक मूल्यांकन 2017 में हुआ था. वर्तमान में कॉलेज के पास बी प्लस का ग्रेड है. जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय को यह ग्रेड भी कभी नहीं मिल पाया.
  • लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज ने वर्ष 2004 में नैक मूल्यांकन कराया था और उस समय उसे ए ग्रेड मिला था. नेशनल पीजी कॉलेज को 2014 को ए ग्रेड मिला.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन बीते कई दिनों से लगातार विश्वविद्यालय की तस्वीर बेहतर होने के दावे कर रहा है. कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की रैंकिंग दिखाई गई. प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में नंबर वन होने जैसे दावे तक किए जा रहे हैं. लेकिन, जब ईटीवी भारत ने सभी रैंकिंग और विश्वविद्यालय की जमीनी हकीकत का पता लगाने की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

दावों से उलट है हकीकत

विश्वविद्यालय की ओर से जिन रैंकिंग के आधार पर तस्वीर बेहतर होने के दावे किए जा रहे हैं, वह ज्यादातर निजी संस्थानों की तरफ से जारी की गई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की ग्रेडिंग में तो विश्वविद्यालय की स्थिति उलट नजर आ रही है.


यूजीसी की नैक की रैंकिंग में कॉलेजों को मिली एलयू से ज्यादा अच्छी रैंकिंग
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की ग्रेडिंग पर भरोसा करें तो बीते 20 वर्षों के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय अपने ही आईटी और करामत कॉलेज के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है. हालत इतनी खराब है कि विश्वविद्यालय ने नैक के मूल्यांकन के अगले चरण के लिए अभी तक आवेदन तक नहीं किया है. जबकि इन संस्थानों को नैक के मूल्यांकन में जो ग्रेट मिले हुए हैं, वह लखनऊ विश्वविद्यालय को कभी नहीं मिला.

लखनऊ के कॉलेजों से खराब रही एलयू की रैंकिंग

  • लखनऊ विश्वविद्यालय ने पहली बार वर्ष 2002 में नैक मूल्यांकन कराया था. उस समय उसे 4 अंक मिले थे. 2014 में कराए गए दूसरे चरण के मूल्यांकन में लखनऊ विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला. जिसकी वैधता 2019 में समाप्त हो चुकी है. यानी अभी विश्वविद्यालय के पास कोई ग्रेड नहीं है.
  • दूसरे राज्य विश्वविद्यालय तो छोड़ दीजिए लखनऊ के कॉलेजों की स्थिति एलयू से ज्यादा बेहतर है. आईटी कॉलेज ने सबसे पहले 2004 में मूल्यांकन कराया था. तब उसे ए ग्रेड मिला. दूसरी बार 2011 में कराए गए मूल्यांकन में भी आईटी कॉलेज को ए ग्रेड मिला. 2018 में तीसरी मूल्यांकन में बी प्लस प्लस मिला. यह अभी भी मान्य है.
  • गोमतीनगर स्थित जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट 2012 और 2017 में दो बार मूल्यांकन कर आ चुका है और वर्तमान में संस्थान के पास नैक का ए ग्रेड है.
  • करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स पीजी कॉलेज का नैक मूल्यांकन 2017 में हुआ था. वर्तमान में कॉलेज के पास बी प्लस का ग्रेड है. जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय को यह ग्रेड भी कभी नहीं मिल पाया.
  • लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज ने वर्ष 2004 में नैक मूल्यांकन कराया था और उस समय उसे ए ग्रेड मिला था. नेशनल पीजी कॉलेज को 2014 को ए ग्रेड मिला.
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