लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक के विषयों का प्रयोगशाला शुल्क बढ़ाने को लेकर छात्रों ने मंगलवार को वीसी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के प्रयोगशाला शुल्क के नाम पर सभी परास्नातक के विषयों में 1000 रुपये प्रति सेमेस्टर शुल्क बढ़ोतरी कर दी है. ऐसे में गरीब छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगले तीन दिनों में विचार कर हल निकालने का आश्वासन दिया है.
प्रदर्शन कर रहे एमए के छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते सत्र में परास्नातक विषयों में कोई शुल्क बढ़ोतरी नहीं की थी. छात्रों का कहना है कि इस साल जब छात्रों ने प्रवेश लिया, तो मास्टर इन आर्ट्स विषय में प्रयोगशाला प्रयोग के नाम पर शुल्क जोड़ दिया गया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि परास्नातक के कला विषयों में प्रयोगशाला के नाम पर आज तक कोई शुल्क नहीं लिया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन मनमानी करते हुए इस सत्र से प्रयोगशाला के नाम पर बढ़ोतरी कर दिया है. छात्रों का कहना है कि अगर बड़ा हुआ शुल्क वापस नहीं हुआ तो वह इसके लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे.
इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर संजय मेधावी (Registrar Professor Sanjay Medhavi) का कहना है कि वित्त समिति की बैठक में प्रयोगशाला फीस केवल उन्हीं छात्रों से लेने का निर्णय हुआ है जिनके विषयों में प्रयोगशाला का प्रयोग है. प्रोफेसर मेधावी ने कहा कि किसी भी तरह की कोई शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की गई है. छात्रों की जो भी आपत्ति है, उसकी जांच कराकर उसे हर हाल में दूर कर दिया जाएगा.