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एचपीवी वायरस का अटैक; 1000 में से 20 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की शिकार, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका - HPV VIRUS ATTACK

कानपुर के एलएलआर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में शोध. सामने आए हैरान करने वाले परिणाम.

सर्वाईकल कैंसर.
सर्वाईकल कैंसर. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 13 hours ago

कानपुर : देश में हर 1000 में से औसतन 20 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की शिकार हो रहीं हैं. इस कैंसर के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वायरस महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. अनजाने और जागरूकता की कमी के चलते महिलाओं में औसतन 10 साल के अंदर यह कैंसर भयावह रूप लेता है. इसके बाद महिला की जान बचाना तक मुश्किल हो जाता है. शहर के एलएलआर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में लगातार दो सालों तक हुए शोध कार्य के बाद यह हैरान करने वाले आंकड़े जब चिकित्सकों के सामने आए तो उन्होंने सभी 21 से 45 वर्ष तक की महिलाओं को फौरन ही टीकाकरण कराने की सलाह दी है.

जानकारी देतीं प्रोफेसर सीमा द्विवेदी. (Video Credit : ETV Bharat)

पहले 2 साल में दिखते हैं लक्षण, फिर धीरे-धीरे बढ़ जाता है कैंसर : एलएलआर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रोफेसर सीमा द्विवेदी ने बताया कि जब हमने शोध कार्य शुरू किया तो 2 सालों में देखा 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं इसको लेकर बिल्कुल जागरूक नहीं थीं. इसके बाद जो आंकड़े सामने आए. उनमें औसतन 1000 महिलाओं की स्क्रीनिंग में 20 महिलाओं के प्राथमिक लक्षण दिखने लगे. फौरन ही जहां उनका इलाज शुरू किया गया तो वहीं यह भी जानकारी सामने आई इन महिलाओं ने डिलीवरी के बाद कभी अपने बच्चेदानी के मुंह की जांच नहीं कराई. इसके बाद तय हुआ कि सबसे पहले महिलाओं को जांच के लिए ही जागरूक किया जाएगा.

बच्चेदानी के मुंह की जांच हर 3 से 5 साल के अंतराल पर कराएं : डाॅ. सीमा द्विवेदी ने बताया यौन रूप से सक्रिय युवती व महिलाएं (21 साल से लेकर 45 साल तक) हर तीन से पांच साल में बच्चेदानी के मुंह की जांच जरूर कराएं. यहां अगर कोई संक्रमण है या चोट लग गई है तो वह जांच में सामने आ जाएगा. इसके बाद उसका इलाज किया जा सकता है. जबकि जांच न कराने पर यह चोट या संक्रमण में मौजूद एचपीवी वायरस का अटैक सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है.

इन बातों का भी रखें ध्यान : असुरक्षित यौन संबंध यानी एक से अधिक व्यक्तियों से यौन संबंध बिल्कुल न बनाएं, सही समय पर ही अपनी डिलीवरी कराएं, समय से पहले डिलीवरी कराने से बचाएं. परिवार नियोजन करें, अपने निजी अंगों की साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें, सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण जितनी जल्दी हो सके जरूर करा लें, किसी तरह की कोई दिक्कत बच्चेदानी के मुंह पर उभरती है तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें.

यह भी पढ़ें : भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे है आम सर्वाइकल कैंसर - Cervical Cancer In India - CERVICAL CANCER IN INDIA

यह भी पढ़ें : पूनम पांडे को बनाया गया गवर्नमेंट सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कैंपेन का चेहरा!, जानें क्या है सच - गवर्नमेंट सर्वाइकल कैंसर अवेयरेंस

कानपुर : देश में हर 1000 में से औसतन 20 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की शिकार हो रहीं हैं. इस कैंसर के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वायरस महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. अनजाने और जागरूकता की कमी के चलते महिलाओं में औसतन 10 साल के अंदर यह कैंसर भयावह रूप लेता है. इसके बाद महिला की जान बचाना तक मुश्किल हो जाता है. शहर के एलएलआर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में लगातार दो सालों तक हुए शोध कार्य के बाद यह हैरान करने वाले आंकड़े जब चिकित्सकों के सामने आए तो उन्होंने सभी 21 से 45 वर्ष तक की महिलाओं को फौरन ही टीकाकरण कराने की सलाह दी है.

जानकारी देतीं प्रोफेसर सीमा द्विवेदी. (Video Credit : ETV Bharat)

पहले 2 साल में दिखते हैं लक्षण, फिर धीरे-धीरे बढ़ जाता है कैंसर : एलएलआर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रोफेसर सीमा द्विवेदी ने बताया कि जब हमने शोध कार्य शुरू किया तो 2 सालों में देखा 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं इसको लेकर बिल्कुल जागरूक नहीं थीं. इसके बाद जो आंकड़े सामने आए. उनमें औसतन 1000 महिलाओं की स्क्रीनिंग में 20 महिलाओं के प्राथमिक लक्षण दिखने लगे. फौरन ही जहां उनका इलाज शुरू किया गया तो वहीं यह भी जानकारी सामने आई इन महिलाओं ने डिलीवरी के बाद कभी अपने बच्चेदानी के मुंह की जांच नहीं कराई. इसके बाद तय हुआ कि सबसे पहले महिलाओं को जांच के लिए ही जागरूक किया जाएगा.

बच्चेदानी के मुंह की जांच हर 3 से 5 साल के अंतराल पर कराएं : डाॅ. सीमा द्विवेदी ने बताया यौन रूप से सक्रिय युवती व महिलाएं (21 साल से लेकर 45 साल तक) हर तीन से पांच साल में बच्चेदानी के मुंह की जांच जरूर कराएं. यहां अगर कोई संक्रमण है या चोट लग गई है तो वह जांच में सामने आ जाएगा. इसके बाद उसका इलाज किया जा सकता है. जबकि जांच न कराने पर यह चोट या संक्रमण में मौजूद एचपीवी वायरस का अटैक सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है.

इन बातों का भी रखें ध्यान : असुरक्षित यौन संबंध यानी एक से अधिक व्यक्तियों से यौन संबंध बिल्कुल न बनाएं, सही समय पर ही अपनी डिलीवरी कराएं, समय से पहले डिलीवरी कराने से बचाएं. परिवार नियोजन करें, अपने निजी अंगों की साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें, सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण जितनी जल्दी हो सके जरूर करा लें, किसी तरह की कोई दिक्कत बच्चेदानी के मुंह पर उभरती है तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें.

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