लखनऊ: तीन सत्र गुजर जाने के बाद भी लखनऊ विश्वविद्यालय को अभी तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल नहीं मिल सका है. दरअसल विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना हुई थी. विवि को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल नहीं मिलने से छात्रों में भी काफी नाराजगी है. कुछ छात्रों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी बात रखी है.
लखनऊ विवि को अब तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल न मिलने पर छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय का पहला बैच अब सातवें सेमेस्टर में पहुंच गया है. अब आगे प्लेसमेंट की प्रक्रिया भी शुरू होनी है. लेकिन एआईसीटीई का अप्रूवल न होने के कारण काफी समस्याएं आ रही हैं. इसके अलावा एम टेक समेत उच्च शिक्षा पर भी इसका असर पड़ेगा. बता दें कि लखनऊ विवि. के बीटेक पाठ्यक्रम में इस समय 9 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.
वहीं इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि उन्हें एआईसीटीई के अप्रूवल की जरूरत ही नहीं है. विवि. के इंजीनियरिंग फैकल्टी के डीन प्रो. रामसरन गुप्ता के मुताबिक विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्य है, उन्हें बीटेक जैसे इंजीनिरिंग कोर्स के लिए एआईसीटीई की मान्यता की जरूरत नहीं है. विवि होने के नाते वह बिना अप्रूवल के भी कोर्स संचालित कर सकते हैं. बावजूद इसके एआईसीटीई से अप्रूवल के लिए आवेदन कर दिया है. लेटर ऑफ इंटेंट 10 जुलाई को प्राप्त हो चुका है. अब जल्द ही एआईसीटीई की टीम इंजीनियरिंग फैकेल्टी में विजिट करेगी, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
लखनऊ विश्वविद्यालय को नहीं मिला तकनीकी शिक्षा का अप्रूवल - lucknow latest news
लखनऊ विश्वविद्यालय को 3 सत्र गुजर जाने के बाद भी अभी तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल नहीं मिल सका है. विवि में वर्ष 2017 में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना हुई थी.
लखनऊ: तीन सत्र गुजर जाने के बाद भी लखनऊ विश्वविद्यालय को अभी तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल नहीं मिल सका है. दरअसल विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना हुई थी. विवि को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल नहीं मिलने से छात्रों में भी काफी नाराजगी है. कुछ छात्रों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी बात रखी है.
लखनऊ विवि को अब तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का अप्रूवल न मिलने पर छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय का पहला बैच अब सातवें सेमेस्टर में पहुंच गया है. अब आगे प्लेसमेंट की प्रक्रिया भी शुरू होनी है. लेकिन एआईसीटीई का अप्रूवल न होने के कारण काफी समस्याएं आ रही हैं. इसके अलावा एम टेक समेत उच्च शिक्षा पर भी इसका असर पड़ेगा. बता दें कि लखनऊ विवि. के बीटेक पाठ्यक्रम में इस समय 9 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.
वहीं इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि उन्हें एआईसीटीई के अप्रूवल की जरूरत ही नहीं है. विवि. के इंजीनियरिंग फैकल्टी के डीन प्रो. रामसरन गुप्ता के मुताबिक विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्य है, उन्हें बीटेक जैसे इंजीनिरिंग कोर्स के लिए एआईसीटीई की मान्यता की जरूरत नहीं है. विवि होने के नाते वह बिना अप्रूवल के भी कोर्स संचालित कर सकते हैं. बावजूद इसके एआईसीटीई से अप्रूवल के लिए आवेदन कर दिया है. लेटर ऑफ इंटेंट 10 जुलाई को प्राप्त हो चुका है. अब जल्द ही एआईसीटीई की टीम इंजीनियरिंग फैकेल्टी में विजिट करेगी, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.