लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पढ़ाने वाले 60 प्रतिशत शिक्षकों बिना पीएचडी के हैं. इनमें न केवल प्राइवेट बल्कि सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक भी शामिल हैं. अब इन शिक्षकों को पीएचडी कराए जाने को लेकर मांग उठी है. लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ की तरफ से 10 प्रतिशत का सुपर न्यूमेरिक कोटा निर्धारित कर इनके लिए सीट आरक्षित किए जाने की मांग उठाई जा रही है. संगठन की तरफ से इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय को पत्र भी भेजा गया है.
LUACTA के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज पांडे और महामंत्री डॉक्टर अंशु केडिया ने बताया कि 6 जनवरी 2022 के शासनादेश में शासन यूजीसी नियमन 2018 में निहित शिक्षकों के शोध में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत सुपर न्यूमेरिक आरक्षण का प्रावधान किया गया था. लेकिन अभी तक इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई है. संगठन की तरफ से कुलपति को भेजे गए पत्र में यूजीसी नियमन एवं शासनादेश में निहित प्रावधान के अनुसार शोध अध्यादेश में शिक्षकों के प्रवेश हेतु 10 प्रतिशत सुपर न्यूमेरिक सीटों का आरक्षण प्रदान करने के लिए संशोधन की प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश किए जाने की मांग उठाई गई है. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में शिक्षक बिना पीएचडी धारक नहीं हैं. आयोग द्वारा ज्यादातर नियुक्तियों में बिना पीएचडी के ही शिक्षकों का चयन हुआ है. जिसमें आगे के प्रमोशन के लिए पीएचडी बेहद जरूरी है.
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कोर्स वर्क के लिए यह व्यवस्था की मांगः डॉक्टर मनोज पांडे ने बताया कि एमफिल और पीएचडी की उपाधि के लिए कोर्स वर्क पूरा किए जाने की अनिवार्यता का मानक यूजीसी के एम.फिल और पीएचडी रेगुलेशन 2016 में निर्धारित की गई है. जबकि उक्त कोर्स को पूर्ण करने के लिए सेवारत शिक्षकों को अवकाश लेना आवश्यक है. जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है. इसको लेकर भी 6 जनवरी को एक और आदेश जारी किया गया था. अभी तक यह आदेश भी लागू नहीं किया गया है. अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग की तरफ से जारी किए गए आदेश में इस कठिनाई के निवारण के लिए कोर्स वर्क को पूर्ण करने हेतु भौतिक कक्षाओं के साथ-साथ आनलाइन प्रक्रिया को भी मान्यता प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय कार्यवाही कर सकते हैं. इसके अलावा कार्यरत शिक्षक कोर्स वर्क को ऑनलाइन अथवा भौतिक रूप से पूर्ण कर एम.फिल और पीएचडी की उपाधि के लिए शोध कार्य कर सकते हैं. शिक्षक संगठनों की मांग है कि इस नियम को जल्द से जल्द लागू किया जाए.
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