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यूपी में डिग्री कॉलेज रहे बंद, सामूहिक अवकाश लेकर धरने पर बैठे शिक्षक

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Published : Oct 5, 2021, 10:46 PM IST

लखनऊ समेत यूपी के ज्यादातर डिग्री कॉलेजों के शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर चले रहे. उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) की अपील पर संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों पर धरना दिया गया.

लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक

लखनऊः लखनऊ समेत यूपी के ज्यादातर डिग्री कॉलेजों के शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए. उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) की अपील पर संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों पर धरना दिया गया.


लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा LUACTA) के बैनर तले इन शिक्षकों ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय और महामंत्री डॉ. अंशु केडिया की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (LUTA) भी समर्थन में उतर आया. लूटा अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा और महामंत्री डॉ. राजेन्द्र वर्मा समेत अन्य सदस्य धरने में शामिल हुए. प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. दोपहर दो बजे के बाद 'लुआकटा' और 'लूटा' के एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति को अपना ज्ञापन भेजा. लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि गलत नीतियों के कारण डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई मामलों में डिग्री के शिक्षकों को पीछे कर दिया जाता है.

लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की 19 सितंबर को वृदावन में हुई बैठक में शिक्षकों की समस्याओं के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. आंदोलन के प्रथम चरण में पूरे प्रदेश में मंगलवार को यह धरना हुआ. लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षक धरने पर बैठे. लुआक्टा की महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार ने कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया तो आंदोलन की गति को तेज करने पर हम विचार करेंगे.
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
कानपुर विश्वविद्यालय (Kanpur University) शिक्षक संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा गया है. अध्यक्ष डॉ. बीडी पाण्डेय और महामंत्री डॉ. अवधेश सिंह की ओर से पुरानी पेंशन योजना, प्रोफेसर पदनाम एवं प्रोफेसर ग्रेड समेत कई अन्य मांगों को उठाया है. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर धरना दिया गया. अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार सिंह और महामंत्री डॉ. राहुल सिंह की ओर से 24 सूत्रीय मांगों को उठाया गया. इनमें, मानदेय शिक्षकों की सीएएस का लाभ, सामूहिक जीवन बीमा, पुस्तकालय कैडर में 7वें वेतनमान का लाभ समेत अन्य मांगों को उठाया गया.
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक

इसे भी पढ़ें-बीएड में मारामारी डीएलएड की सीट खाली, जानिए कैसे बदल गया दाखिले का गणित

डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ अयोध्या के अध्यक्ष डॉ. बीपी सिंह ने अयोध्या में इसकी अगुवाई की. यहां, अध्यक्ष के साथ अनुदानित महाविद्यालय विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित अनुमोदित शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिलीप शुक्ला एवं अवध विश्वविद्यालय अनुदानित महाविद्यालय स्व वित्तपोषित शिक्षक संघ अयोध्या के अध्यक्ष डॉ. राजू निगम एवं महामंत्री डॉ. जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा.

इसे भी पढ़ें-UPTET : 7 अक्टूबर से कर सकते हैं आवेदन, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

लखनऊ में यह मांगें उठाई गईं

  • शिक्षकों के लिए डेथ कम ग्रेच्युटी, दिवंगत शिक्षकों के परिवार को मृतक आश्रित सेवा योजन में तृतीय श्रेणी के स्थान पर योग्यतानुसार पद भी आ जाए.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय की समस्त कमेटियों में 80:20 के अनुपात से प्रतिनिधित्व मिले.
  • 5 सितंबर 21 को यूजीसी शिक्षकों के शोध के लिए जारी शासनादेश मे 5 शोधपत्रों के स्थान पर यूजीसी शोध नियमन के अनुसार 2 शोधपत्र की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए .शिक्षकों को शोध में प्रवेश हेतु 10% सीटों के आरक्षण का शासनादेश जारी किया जाए.
  • मेडिकल लीव का अलग से प्रावधान, छुट्टियों की कटौती के लिए जारी शासनादेश को निरस्त करने, प्रबन्धत तंत्र में शिक्षकों की 50% की भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
  • राज्य पुरस्कार के सरस्वती और शिक्षक श्री में महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए पुरस्कारों की संख्या को बढ़ाया जाए.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय की फीस कम करने, समान पाठ्यक्रम के लिए समान परीक्षा शुल्क, लाइब्रेरियन के पदों पर नियुक्ति, ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर में छूट 2018 के स्थान पर 2021 करने.
  • शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने, स्व वित्तपोषित शिक्षकों के लिए सीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा, जीएलआईसी की कटौती 62 वर्ष किए जाने, पीएचडी की अहर्ता न धारित करने वाले शिक्षकों एसोसिएट प्रोफेसर पर कैरियर एडवांसमेंट योजना के अंतर्गत प्रोन्नति सहित अन्य मांगों को उठाया गया है.

लखनऊः लखनऊ समेत यूपी के ज्यादातर डिग्री कॉलेजों के शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए. उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) की अपील पर संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों पर धरना दिया गया.


लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा LUACTA) के बैनर तले इन शिक्षकों ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय और महामंत्री डॉ. अंशु केडिया की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (LUTA) भी समर्थन में उतर आया. लूटा अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा और महामंत्री डॉ. राजेन्द्र वर्मा समेत अन्य सदस्य धरने में शामिल हुए. प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. दोपहर दो बजे के बाद 'लुआकटा' और 'लूटा' के एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति को अपना ज्ञापन भेजा. लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि गलत नीतियों के कारण डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई मामलों में डिग्री के शिक्षकों को पीछे कर दिया जाता है.

लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की 19 सितंबर को वृदावन में हुई बैठक में शिक्षकों की समस्याओं के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. आंदोलन के प्रथम चरण में पूरे प्रदेश में मंगलवार को यह धरना हुआ. लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षक धरने पर बैठे. लुआक्टा की महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार ने कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया तो आंदोलन की गति को तेज करने पर हम विचार करेंगे.
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
कानपुर विश्वविद्यालय (Kanpur University) शिक्षक संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा गया है. अध्यक्ष डॉ. बीडी पाण्डेय और महामंत्री डॉ. अवधेश सिंह की ओर से पुरानी पेंशन योजना, प्रोफेसर पदनाम एवं प्रोफेसर ग्रेड समेत कई अन्य मांगों को उठाया है. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर धरना दिया गया. अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार सिंह और महामंत्री डॉ. राहुल सिंह की ओर से 24 सूत्रीय मांगों को उठाया गया. इनमें, मानदेय शिक्षकों की सीएएस का लाभ, सामूहिक जीवन बीमा, पुस्तकालय कैडर में 7वें वेतनमान का लाभ समेत अन्य मांगों को उठाया गया.
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक
लखनऊ में धरने पर बैठे शिक्षक

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डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ अयोध्या के अध्यक्ष डॉ. बीपी सिंह ने अयोध्या में इसकी अगुवाई की. यहां, अध्यक्ष के साथ अनुदानित महाविद्यालय विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित अनुमोदित शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिलीप शुक्ला एवं अवध विश्वविद्यालय अनुदानित महाविद्यालय स्व वित्तपोषित शिक्षक संघ अयोध्या के अध्यक्ष डॉ. राजू निगम एवं महामंत्री डॉ. जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा.

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लखनऊ में यह मांगें उठाई गईं

  • शिक्षकों के लिए डेथ कम ग्रेच्युटी, दिवंगत शिक्षकों के परिवार को मृतक आश्रित सेवा योजन में तृतीय श्रेणी के स्थान पर योग्यतानुसार पद भी आ जाए.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय की समस्त कमेटियों में 80:20 के अनुपात से प्रतिनिधित्व मिले.
  • 5 सितंबर 21 को यूजीसी शिक्षकों के शोध के लिए जारी शासनादेश मे 5 शोधपत्रों के स्थान पर यूजीसी शोध नियमन के अनुसार 2 शोधपत्र की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए .शिक्षकों को शोध में प्रवेश हेतु 10% सीटों के आरक्षण का शासनादेश जारी किया जाए.
  • मेडिकल लीव का अलग से प्रावधान, छुट्टियों की कटौती के लिए जारी शासनादेश को निरस्त करने, प्रबन्धत तंत्र में शिक्षकों की 50% की भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
  • राज्य पुरस्कार के सरस्वती और शिक्षक श्री में महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए पुरस्कारों की संख्या को बढ़ाया जाए.
  • लखनऊ विश्वविद्यालय की फीस कम करने, समान पाठ्यक्रम के लिए समान परीक्षा शुल्क, लाइब्रेरियन के पदों पर नियुक्ति, ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर में छूट 2018 के स्थान पर 2021 करने.
  • शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने, स्व वित्तपोषित शिक्षकों के लिए सीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा, जीएलआईसी की कटौती 62 वर्ष किए जाने, पीएचडी की अहर्ता न धारित करने वाले शिक्षकों एसोसिएट प्रोफेसर पर कैरियर एडवांसमेंट योजना के अंतर्गत प्रोन्नति सहित अन्य मांगों को उठाया गया है.
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