लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने 5,50,270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. व्यापार मंडल का कहना है कि इस बजट में व्यापारियों को कोई लाभ नहीं दिया गया है. व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश के सरकार से मांग की गई थी कि 500 करोड़ रुपये से व्यापारी राहत कोष का निर्माण किया जाए. साथ ही व्यापारी के यहां लूट, चोरी, हत्या, डकैती, छिनैती हो जाए तो उस व्यापारी को व्यापारी राहत कोष से मुआवजा दिया जाए.
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वहीं उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी के लिए 2000 करोड़ों रुपये का बजट पारित किया गया है. दूसरी तरफ 400 करोड़ रुपये किसानों के लिए निर्धारित किया गया है. जो किसानों की परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए देखा जाय तो बहुत कम राशि है. इस राशि को बढ़ाकर सरकार को 25,000 करोड़ रुपये करना चाहिए था.
व्यापार मंडल का कहना है कि शहर तो पहले से ही स्मार्ट हैं, अब हमें गांव को स्मार्ट बनाने की जरूरत है. व्यापारियों को जीएसटी बिजली और नगर निगम के कर में राहत देना चाहिए. यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा की तरह से है.

व्यापारियों का कहना है कि यह बजट एक जन कल्याणकारी और लोक लुभावन है. परंतु इसमें विगत वर्ष सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले व्यापारी वर्ग के लिए कोई योजना नहीं है. कम से कम कोरोना से मृतक हुए व्यापारियों को दुर्घटना बीमा का ही लाभ यदि सरकार दे देती तो व्यापारी समाज को भी लाभ मिलता.