लखनऊ : स्मार्ट सिटी योजना के तहत अब सरकारी विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियों का भी डाटा तैयार किया जा रहा है. इसके तहत सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में स्वास्थ्य संबंधित किस तरह की समस्याएं आ रही हैं. इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार भारत सरकार को भेजने की तैयारी की जा रही है. लखनऊ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजधानी दो विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की जांच डॉक्टरों की टीमों के द्वारा कराया जा रहा है. इसके माध्यम से यह देखा जा रहा है कि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में किस तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें विद्यार्थियों में सामान्य तौर पर पाई जा रही हैं. इसके लिए स्मार्ट सिटी में एक स्वास्थ्य समूह से एमओयू कर बच्चों की जांच कराई जा रही है.
10 मानकों पर बच्चों के स्वास्थ्य की हो रही है जांच : स्मार्ट सिटी में राजधानी लखनऊ के नगर निगम के तहत संचालित होने वाले दो सरकारी विद्यालय अमीनाबाद इंटर कॉलेज व नगर निगम गर्ल्स इंटर कॉलेज का चुनाव किया है. इन दोनों ही विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पड़ने वाले छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. लखनऊ स्मार्ट सिटी में इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी स्टूफिट एप्रोच प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है. स्टूफिट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सज्जात हैदर ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यह योजना पाली प्रोजेक्ट के तौर पर भारत सरकार ने लखनऊ में शुरू किया है. इस योजना के तहत इन दोनों ही स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. इसके लिए डॉक्टरों की टीम सभी बच्चों के करीब 10 से अधिक पैरामीटर ऊपर स्वास्थ्य चेकअप कर रही है.
डॉ. हैदर ने बताया कि इस स्वास्थ्य चेकअप के माध्यम से हम सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में कुपोषण व ऐसी कौन सी आम बीमारियां हैं. जो सभी बच्चों में कॉमन तौर पर पाई गई हैं. उसका डाटा तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद यह रिपोर्ट स्मार्ट सिटी लखनऊ के माध्यम से भारत सरकार को भेजा जाएगा. जहां से इस योजना को फिर पूरे देश के सरकारी विद्यालयों में लागू किया जाएगा. भारत सरकार इस पर एक बड़ा प्रोजेक्ट लाने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह जानने की कोशिश की जा रही है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर स्कूली शिक्षा के अलावा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार को क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए.