लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर स्थित कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल में पिछले सप्ताह शुक्रवार की शाम छात्र ओम बुधौलिया की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई थी. इस मामले में ओम के पिता मनोज परिजनों के साथ बुधवार को सैनिक स्कूल पहुंचे. उन्होंने घटना को लेकर स्कूल प्रशासन पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन न करने का आरोप लगाया है. वार्डेन से लेकर स्वीमिंग कोच व लाइफगार्ड तक की कार्यशैली पर अंगुली उठाई है. नियम-कानून को लेकर सख्त मानी जाने वाली सेना के द्वारा संचालित स्कूल में लापरवाही को लेकर छात्रों के परिवर वालों में काफी आक्रोश है.
चार घंटे तक स्विमिंग पूल पड़ा रहा छात्र, किसी को क्यों नहीं दिखाः पिता मनोज बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद बुधवार देर शाम सैनिक स्कूल पहुंचे और बेटे के सहपाठियों से बात की. मनोज ने बताया कि सैनिक स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी भारतीय सेना के एक जिम्मेदार अधिकारी पर होती है. यहां रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के सभी कार्य स्कूल प्रशासन की निगरानी में होते हैं. लेकिन, इसके बावजूद एक छात्र करीब चार घंटे तक स्वीमिंगपूल में पड़ा रहा और इसकी जानकारी किसी को नही हुई.
हॉस्टल पहुंचने पर गिनती क्यों नहीं हुईः उनका का कहना है कि छात्र स्वीमिंग पूल में तैराकी का अभ्यास करने जाते हैं तो कोच के साथ ही एक लाइफगार्ड भी रहते हैं. ओम के पिता ने स्कूल प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि जब बैच के साथ एक कोच और दो लाइफ गार्ड रहते हैं तो फिर ओम उन्हें नजर क्यों नही आया. ओम के पिता ने स्कूल प्रशासन से सवाल किया कि सेना में सभी मौकों पर गिनती का नियम है, लेकिन जब छात्र स्वीमिंग पूल से हॉस्टल पहुंचे तो गिनती क्यों नहीं की गई.
हादसे के समय का फुटेज ब्लैक कैसेः उन्होंने कहा कि स्वीमिंगपूल के जिस हिस्से में ओम मिला वहां की गहराई 22 फिट बताई जा रही है. इसकी जानकारी होते हुए भी गहराई वाले हिस्से में जाने के दौरान कोच व लाइफगार्ड ने ओम को क्यों नहीं रोका. उन्होंने सीसीटीवी की फुटेज भी चेक की है. उसमें घटना वाले दिन शाम 5:13 बजे तक उनका बच्चा ओम स्विमिंग पूल में तैराकी करता नजर आ रहा है. लेकिन, शाम 5:13 से 5:23 बजे तक की सीसीटीवी फुटेज ब्लैक मिली, जो उन्हें संदिग्ध लगा.
सीसीटीवी कैमरे का बैकअप क्यों नहींः उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन के पास सीसीटीवी कैमरे का बैकअप क्यों नहीं है. पूल में पहले छात्रों ने, फिर छात्राओं ने और इसके बाद अध्यापकों ने तैराकी की. तब किसी को पूल के अंदर ओम क्यों नहीं दिखा. मनोज ने बताया कि मंडलायुक्त रोशन ने उनकी अब तक मदद की है. उसकी वह प्रशंसा करते हैं. लेकिन, स्कूल प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से वह नाखुश हैं.
बिना डॉक्टर को दिखाए मृत कैसे घोषित कर दियाः उन्होंने आरोप लगाया कि बिना डॉक्टर को दिखाए ही उनके बेटे को मृत घोषित कर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन की लापरवाही है, जिसके चलते उनके बच्चे की जान चली गई. इसके खिलाफ वह रिपोर्ट दर्ज कराएंगे.