लखनऊ: अनुबंधित बस सेवाओं को राहत देने के लिए परिवहन निगम प्रशासन ने ऑपरेटरों से प्रशासनिक शुल्क वसूले जाने में राहत प्रदान की है. लॉकडाउन के चलते सैकड़ों ऑपरेटरों को यह राहत दिए जाने का निर्णय परिवहन निगम ने लिया है. बस ऑपरेटरों को अब तीन माह बाद प्रशासनिक शुल्क देना होगा. अब तक ऑपरेटरों को हर महीने प्रशासनिक शुल्क देना होता था. यहां तक शुल्क के विलंब होने पर विलंब शुल्क भी रोडवेज वसूल करता था, लेकिन ऑपरेटर अब इस शुल्क को तीन माह में जमा कर सकेंगे.
लॉकडाउन के चलते रोडवेज के साथ ही अनुबंधित बसें भी खड़ी रहीं. संचालन शुरू होने के बाद दोनों को ही यात्री नहीं मिल पा रहे हैं. यहां तक यात्रियों की कमी के चलते रोडवेज की शान कही जाने वाली हाईएंड अनुबंधति बसों की सेवाएं ठप हो गईं. ऐसे में बसों का संचालन न रुकने पाए, इसके लिए परिवहन निगम ने बस ऑपरेटरों को प्रशासनिक शुल्क जमा करने के लिए राहत दी है.
बसों का संचालन ठप होने से बचाने के लिए रोडवेज ने यह कदम उठाया है. प्रदेश में तकरीबन 2500 अनुबंधित बस सेवाओं का संचालन किया जा रहा है. रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार अब बस बस ऑपरेटरों को जून माह का बकाया शुल्क सितंबर माह में जमा करना होगा. जुलाई माह का अक्टूबर में और अगस्त महीने का शुल्क अक्टूबर में देना होगा.
परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवॉरियर ने बताया कि बसों के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं. यात्रियों की कमी के चलते संचालन पटरी पर नहीं आ पा रहा है. बस ऑपरेटर को किश्त और टैक्स भी भरना है. इसी के चलते ऑपरेटरों को तीन माह की रियायत दी गई है.