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प्रिंसिपल पद का विवाद : हरकत में आया क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय, नोटिस जारी

ईटीवी भारत की ओर से क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद के विवाद को उठाए जाने के बाद क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय हरकत में आ गया है. कार्यालय की तरफ से शनिवार को प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.

प्रिंसिपल पद के विवाद में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी हरकत में, नोटिस जारी
प्रिंसिपल पद के विवाद में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी हरकत में, नोटिस जारी
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Published : Mar 7, 2021, 7:15 PM IST

लखनऊ : ईटीवी भारत की ओर से क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद के विवाद को उठाए जाने के बाद क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय हरकत में आ गया है. कार्यालय की तरफ से शनिवार को प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. आरोप हैं कि प्रबंधक ने बिना प्रबंध समिति की सहमति के ही कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. प्रोनोती सिंह को पद से हटाकर डॉ. अल्विन दाऊद को जिम्मेदारी सौंप दी. क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने भी इस पर पड़ताल किए बिना ही उनके हस्ताक्षर प्रमाणित कर दिए.

यह भी पढ़ें : मुआवजे की मांग को लेकर मृतक के परिजनों ने सड़क पर लगाया जाम

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने भेजा नोटिस

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज के प्रबंधक को पत्र भेजकर जवाब तलब किया है. प्रबंधक ने कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. प्रोनोती सिंह को पद से हटाकर डॉ. अल्विन दाऊद को जिम्मेदारी सौंपी है. इस पर डॉ. प्रोनोती सिंह ने सवाल उठाए थे. बीती चार मार्च को उन्होंने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.

ईटीवी भारत ने शुक्रवार को इस मुद्दे को उठाया

ईटीवी भारत ने शुक्रवार को इस मुद्दे को उठाया. इस दौरान डॉ. प्रोनोती सिंह ने कहा कि प्रबंध समिति की ओर से उन्हें कार्यवाहक प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. पद से हटाने का अधिकार भी सिर्फ प्रबंध समिति को है. लेकिन, प्रबंधक ने बिना प्रबंध समिति की बैठक में इस प्रकरण को रखे ही उन्हें पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया जो नियमों विरुद्ध है. आरोप यह भी हैं कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी इसकी कोई पड़ताल नहीं की गई. बिना जांचे-परखे प्रबंधक के पत्र पर डॉ. प्रोनोती सिंह के स्थान पर डॉ. अल्विन दाऊद के हस्ताक्षर स्वीकार कर लिए गए.

यह भी पढ़ें : लखनऊ समेत 10 बड़े जिले जनसुनवाई में फिसड्डी, छोटे जिलों का जलवा

सरकार की छवि हो रही धूमिल
लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलेन्दु मिश्र ने भी इस पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्तर पर देरी की गई. इसके चलते विवाद की स्थिति खड़ी हुई. लापरवाही के कारण सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है.

लखनऊ : ईटीवी भारत की ओर से क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद के विवाद को उठाए जाने के बाद क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय हरकत में आ गया है. कार्यालय की तरफ से शनिवार को प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. आरोप हैं कि प्रबंधक ने बिना प्रबंध समिति की सहमति के ही कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. प्रोनोती सिंह को पद से हटाकर डॉ. अल्विन दाऊद को जिम्मेदारी सौंप दी. क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने भी इस पर पड़ताल किए बिना ही उनके हस्ताक्षर प्रमाणित कर दिए.

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क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने भेजा नोटिस

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज के प्रबंधक को पत्र भेजकर जवाब तलब किया है. प्रबंधक ने कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. प्रोनोती सिंह को पद से हटाकर डॉ. अल्विन दाऊद को जिम्मेदारी सौंपी है. इस पर डॉ. प्रोनोती सिंह ने सवाल उठाए थे. बीती चार मार्च को उन्होंने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.

ईटीवी भारत ने शुक्रवार को इस मुद्दे को उठाया

ईटीवी भारत ने शुक्रवार को इस मुद्दे को उठाया. इस दौरान डॉ. प्रोनोती सिंह ने कहा कि प्रबंध समिति की ओर से उन्हें कार्यवाहक प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. पद से हटाने का अधिकार भी सिर्फ प्रबंध समिति को है. लेकिन, प्रबंधक ने बिना प्रबंध समिति की बैठक में इस प्रकरण को रखे ही उन्हें पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया जो नियमों विरुद्ध है. आरोप यह भी हैं कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी इसकी कोई पड़ताल नहीं की गई. बिना जांचे-परखे प्रबंधक के पत्र पर डॉ. प्रोनोती सिंह के स्थान पर डॉ. अल्विन दाऊद के हस्ताक्षर स्वीकार कर लिए गए.

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सरकार की छवि हो रही धूमिल
लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलेन्दु मिश्र ने भी इस पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्तर पर देरी की गई. इसके चलते विवाद की स्थिति खड़ी हुई. लापरवाही के कारण सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है.

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