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राहत वाणी केंद्र का उद्घाटन, अब पहले ही मिल जाएगी आपदा की जानकारी, नहीं होगा ज्यादा नुकसान

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 10:58 PM IST

लखनऊ में राहत वाणी केंद्र का उद्घाटन हुआ. किसी भी आपदा (pre disaster warnings) की पहले ही सटीक जानकारी मिलने के लिए इस केंद्र को स्थापित किया गया है. इससे प्रदेश में आपदा से जनहानियों में कमी आएगी.

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मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र उद्घाटन करते हुए

लखनऊ: जिले में सोमवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने लालबाग स्थित राहत वाणी केंद्र का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं में जन, धन की हानि से बचने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए राहत वाणी केंद्र स्थापित किया गया है. सूचना तंत्र के माध्यम से लोगों को घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में समय से पहले (pre disaster warnings) जानकारी दी जाएगी, जिससे लोग सजग हो सके और उस पर कार्रवाई कर सके.

दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जनपद स्तर पर इमरजेन्सी ऑपरेशन सेन्टर्स का भी सुदृढ़ीकरण किया गया है. राज्य स्तरीय इमरजेन्सी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी) का सुदृढ़ीकरण कर आपदा राहत कार्यों के लिए डेडीकेटेड टोल-फ्री हेल्पलाइन 1070 का 24*7 संचालन किया जा रहा है. आपदाओं की सटीक पूर्व चेतावनी के लिए प्रदेश में मौसम संबंधी नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में मौसम विभाग के मात्र 68 एडब्ल्यूएस और 132 एआरजी लगे हैं, जोकि मौसम संबंधी जानकारियों के लिए अपर्याप्त हैं. इसलिए प्रदेश में मौसम और पूर्व चेतावनी संबंधी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम विभाग के तकनीकि सहयोग से प्रदेश में 5 डॉप्लर रडार, 450 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और 2000 ऑटोमेटिक रेनगेज स्थापित किए जा रहे हैं.

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दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि वज्रपात (बिजली गिरना) की सटीक जानकारी के लिए लाइटनिंग सेंसर्स की स्थापना की जा रही है. यह सेंसर्स वज्रपात (sensors thunderbolt) के 30 मिनट से 1 घंटा पूर्व वज्रपात घटित होने वाले स्थानों और समय के संबंध में पूर्व जानकारी देंगे. बाढ़ की पूर्व चेतावनी के लिए घाघरा/शारदा और राप्ती बेसिन में रिवर सेंसर्स की स्थापना कराई जा रही है. सेंसर्स द्वारा जेनेरेट की गई पूर्व चेतावनियों को आम जनमानस तक समय से पहुंचाकर जनहानि में कमी लाया जाना संभव है. राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा आपदा पूर्व चेतावनियों के प्रसार पर काफी सघन कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में एक एक्सक्लूसिव अर्ली वार्निंग सेंटर जिसे राहत वाणी केंद्र का नाम दिया गया है, स्थापित किया गया है. इस राहत वाणी केंद्र द्वारा आपदा की पूर्व चेतावनियों को विभिन्न माध्यमों से रियलटाइम में जन-जन तक प्रसारित करने का कार्य किया जाएगा, ताकि प्रदेश में आपदा से जनहानियों में कमी लाई जा सके.

दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अभियान आपदा मित्र के द्वारा होमगार्ड विभाग के सक्षम नवयुवकों को प्रशिक्षित करके उनके द्वारा आम जन मानस को जानकारी और सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आपदा से संबंधित व्यवस्थाएं जिससे बड़े-बड़े तूफानों और भूकंपों से कम से कम हानि होती है, यह एक विकसित देश की पहचान है. राहत तंत्र को राहत वाणी के माध्यम से मजबूत एवं सशक्त करें, जिससे हमारा प्रदेश एक सशक्त एवं विकसित प्रदेश बनें. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित थे.

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लखनऊ: जिले में सोमवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने लालबाग स्थित राहत वाणी केंद्र का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं में जन, धन की हानि से बचने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए राहत वाणी केंद्र स्थापित किया गया है. सूचना तंत्र के माध्यम से लोगों को घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में समय से पहले (pre disaster warnings) जानकारी दी जाएगी, जिससे लोग सजग हो सके और उस पर कार्रवाई कर सके.

दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जनपद स्तर पर इमरजेन्सी ऑपरेशन सेन्टर्स का भी सुदृढ़ीकरण किया गया है. राज्य स्तरीय इमरजेन्सी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी) का सुदृढ़ीकरण कर आपदा राहत कार्यों के लिए डेडीकेटेड टोल-फ्री हेल्पलाइन 1070 का 24*7 संचालन किया जा रहा है. आपदाओं की सटीक पूर्व चेतावनी के लिए प्रदेश में मौसम संबंधी नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में मौसम विभाग के मात्र 68 एडब्ल्यूएस और 132 एआरजी लगे हैं, जोकि मौसम संबंधी जानकारियों के लिए अपर्याप्त हैं. इसलिए प्रदेश में मौसम और पूर्व चेतावनी संबंधी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम विभाग के तकनीकि सहयोग से प्रदेश में 5 डॉप्लर रडार, 450 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और 2000 ऑटोमेटिक रेनगेज स्थापित किए जा रहे हैं.

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दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि वज्रपात (बिजली गिरना) की सटीक जानकारी के लिए लाइटनिंग सेंसर्स की स्थापना की जा रही है. यह सेंसर्स वज्रपात (sensors thunderbolt) के 30 मिनट से 1 घंटा पूर्व वज्रपात घटित होने वाले स्थानों और समय के संबंध में पूर्व जानकारी देंगे. बाढ़ की पूर्व चेतावनी के लिए घाघरा/शारदा और राप्ती बेसिन में रिवर सेंसर्स की स्थापना कराई जा रही है. सेंसर्स द्वारा जेनेरेट की गई पूर्व चेतावनियों को आम जनमानस तक समय से पहुंचाकर जनहानि में कमी लाया जाना संभव है. राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा आपदा पूर्व चेतावनियों के प्रसार पर काफी सघन कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में एक एक्सक्लूसिव अर्ली वार्निंग सेंटर जिसे राहत वाणी केंद्र का नाम दिया गया है, स्थापित किया गया है. इस राहत वाणी केंद्र द्वारा आपदा की पूर्व चेतावनियों को विभिन्न माध्यमों से रियलटाइम में जन-जन तक प्रसारित करने का कार्य किया जाएगा, ताकि प्रदेश में आपदा से जनहानियों में कमी लाई जा सके.

दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अभियान आपदा मित्र के द्वारा होमगार्ड विभाग के सक्षम नवयुवकों को प्रशिक्षित करके उनके द्वारा आम जन मानस को जानकारी और सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आपदा से संबंधित व्यवस्थाएं जिससे बड़े-बड़े तूफानों और भूकंपों से कम से कम हानि होती है, यह एक विकसित देश की पहचान है. राहत तंत्र को राहत वाणी के माध्यम से मजबूत एवं सशक्त करें, जिससे हमारा प्रदेश एक सशक्त एवं विकसित प्रदेश बनें. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित थे.

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