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अजीत हत्याकांड: शूटर का इलाज करने वाले डॉक्टरों का लाइसेंस होगा रद्द

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Published : Jan 13, 2021, 9:22 AM IST

Updated : Jan 13, 2021, 11:31 AM IST

अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल शूटर का इलाज करने वाले दो डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने के लिए पुलिस ने पत्र लिखा है. पुलिस ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर दोनों डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है.

अजीत हत्याकांड
अजीत हत्याकांड

लखनऊ: राजधानी के विभूति खंड थाना क्षेत्र स्थित कठौता चौराहे पर मोहम्मदाबाद गोहना (मऊ) ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में घायल शूटर का इलाज लखनऊ और सुलतानपुर में गोपनीय तरीके से किया गया था. इस पर लखनऊ पुलिस ने डॉक्टरों के खिलाफ साक्ष्य छिपाने के आधार पर कार्रवाई करने वाली थी. बाद में पुलिस ने अपना इरादा बदलते हुए दोनों अस्पतालों का लाइसेंस रद्द कराने को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को एक पत्र लिखा. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दिल्ली में हुए गिरफ्तार शूटर गिरधारी विश्वकर्मा ट्राजिंट रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी हुई है.

मिली जानकारी के मुताबिक, घायल शूटर का इलाज सुलतानपुर और लखनऊ के अस्पतालों में किया गया था. सूत्र बताते हैं कि घायल शूटर को कमर के पास गोली लगी हुई थी. जिसके कारण उसके शरीर मे इंफेक्शन फैल गया और उसकी हालत गंभीर बताई है. वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि दोनों अस्पतालों में डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी होने के दौरान भी पुलिस को इस घटना की जानकारी नहीं दी. साथ ही डॉक्टरों ने उस अपराधी का इलाज भी किया. दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों का यह काम नियम के खिलाफ है, जिसको लेकर इसकी शिकायत की गई है. साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से दोनों अस्पतालों के डॉक्टर जिन्होंने शूटर का इलाज किया है उसका लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है.

बता दें कि लखनऊ के विभूति खंड में हुए गैंगवार मामले में एक लाख के इनामी गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसकी जानकारी मंगलवार को प्रेस वार्ता कर दिल्ली पुलिस ने दी थी. जिसमें बताया गया था कि गिरधारी पर उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जिलों के थानों में लगभग 19 मुकदमे दर्ज हैं. कुख्यात अपराधी गिरधारी आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह का साथी बताया गया है. तो वहीं मृतक अजीत सिंह को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी बताया है.

सूत्रों का कहना है कि कुंटू सिंह और गिरधारी पर पूर्व सांसद का हाथ है. उसी के द्वारा गिरधारी को दिल्ली पहुंचाया गया है. यूपी पुलिस की मुठभेड़ में ढेर होने की साजिश से बचते हुए दिल्ली पुलिस को गिरधारी को गिरफ्तार कराया गया है. फिलहाल लखनऊ पुलिस गिरधारी को ट्राजिंट रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी हुई है. जिसके बाद ही लखनऊ पुलिस गिरधारी को लखनऊ में लाकर पूछताछ करेगी. साथ ही अजीत की हत्या के पीछे की वजह से पर्दाफाश करेगी.

शूटर का इलाज करने वाले डॉक्टर की हुई पहचान-
राजधानी लखनऊ के विभूति खंड में गैंगवार में मारे गए अजीत सिंह की हत्या में चार शूटरों की पहचान हुई है. वहीं इस दौरान एक शूटर को गोली पेट में लगी थी. उसका इलाज एक पूर्व सांसद के फ्लैट पर किया गया. पूर्व सांसद के कहने पर डॉक्टर निखिल ने शूटर का इलाज किया था, लेकिन हालत सही न होने पर फिर शूटर को सुलतानपुर में एक हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां पर उसका इलाज डॉक्टर एके सिंह ने किया. पुलिस दोनों ही डॉक्टरों पर धारा 176 की कार्रवाई कर रही है. इस धारा में जानकारी को छिपाने के तहत कार्रवाई होती है, जिसमें एक माह की सजा या 500 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

लखनऊ: राजधानी के विभूति खंड थाना क्षेत्र स्थित कठौता चौराहे पर मोहम्मदाबाद गोहना (मऊ) ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में घायल शूटर का इलाज लखनऊ और सुलतानपुर में गोपनीय तरीके से किया गया था. इस पर लखनऊ पुलिस ने डॉक्टरों के खिलाफ साक्ष्य छिपाने के आधार पर कार्रवाई करने वाली थी. बाद में पुलिस ने अपना इरादा बदलते हुए दोनों अस्पतालों का लाइसेंस रद्द कराने को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को एक पत्र लिखा. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दिल्ली में हुए गिरफ्तार शूटर गिरधारी विश्वकर्मा ट्राजिंट रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी हुई है.

मिली जानकारी के मुताबिक, घायल शूटर का इलाज सुलतानपुर और लखनऊ के अस्पतालों में किया गया था. सूत्र बताते हैं कि घायल शूटर को कमर के पास गोली लगी हुई थी. जिसके कारण उसके शरीर मे इंफेक्शन फैल गया और उसकी हालत गंभीर बताई है. वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि दोनों अस्पतालों में डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी होने के दौरान भी पुलिस को इस घटना की जानकारी नहीं दी. साथ ही डॉक्टरों ने उस अपराधी का इलाज भी किया. दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों का यह काम नियम के खिलाफ है, जिसको लेकर इसकी शिकायत की गई है. साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से दोनों अस्पतालों के डॉक्टर जिन्होंने शूटर का इलाज किया है उसका लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है.

बता दें कि लखनऊ के विभूति खंड में हुए गैंगवार मामले में एक लाख के इनामी गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसकी जानकारी मंगलवार को प्रेस वार्ता कर दिल्ली पुलिस ने दी थी. जिसमें बताया गया था कि गिरधारी पर उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जिलों के थानों में लगभग 19 मुकदमे दर्ज हैं. कुख्यात अपराधी गिरधारी आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह का साथी बताया गया है. तो वहीं मृतक अजीत सिंह को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी बताया है.

सूत्रों का कहना है कि कुंटू सिंह और गिरधारी पर पूर्व सांसद का हाथ है. उसी के द्वारा गिरधारी को दिल्ली पहुंचाया गया है. यूपी पुलिस की मुठभेड़ में ढेर होने की साजिश से बचते हुए दिल्ली पुलिस को गिरधारी को गिरफ्तार कराया गया है. फिलहाल लखनऊ पुलिस गिरधारी को ट्राजिंट रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी हुई है. जिसके बाद ही लखनऊ पुलिस गिरधारी को लखनऊ में लाकर पूछताछ करेगी. साथ ही अजीत की हत्या के पीछे की वजह से पर्दाफाश करेगी.

शूटर का इलाज करने वाले डॉक्टर की हुई पहचान-
राजधानी लखनऊ के विभूति खंड में गैंगवार में मारे गए अजीत सिंह की हत्या में चार शूटरों की पहचान हुई है. वहीं इस दौरान एक शूटर को गोली पेट में लगी थी. उसका इलाज एक पूर्व सांसद के फ्लैट पर किया गया. पूर्व सांसद के कहने पर डॉक्टर निखिल ने शूटर का इलाज किया था, लेकिन हालत सही न होने पर फिर शूटर को सुलतानपुर में एक हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां पर उसका इलाज डॉक्टर एके सिंह ने किया. पुलिस दोनों ही डॉक्टरों पर धारा 176 की कार्रवाई कर रही है. इस धारा में जानकारी को छिपाने के तहत कार्रवाई होती है, जिसमें एक माह की सजा या 500 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 11:31 AM IST
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