लखनऊ: कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में उत्तर प्रदेश पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है. हॉटस्पॉट व संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस कर्मचारी तैनात हैं. ऐसे में पुलिस कर्मचारियों के ऊपर कोरोना वायरस का खतरा हर समय मंडराता रहता है. राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस से पुलिस कर्मचारियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में 64 पुलिस कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हैं, जिनमें से दो की आगरा में मौत हो चुकी है. हालांकि अभी राजधानी लखनऊ इससे अछूती है, जिसका प्रमुख कारण पुलिस कर्मचारियों को लखनऊ पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से दी जाने वाली ट्रेनिंग को बताया जा रहा है.
पुलिस कर्मचारियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में ज्वाइंट कमिश्नर कानून एवं व्यवस्था नवीन अरोड़ा ने ईटीवी भारत को बताया कि शुरुआत से ही इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि पुलिस कर्मचारियों को हर हाल में कोरोना के संक्रमण से बचाना है. इसके लिए लगातार पुलिस लाइन में पुलिस कर्मचारियों को ब्रीफ किया जाता है. उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है कि किस तरह से उन्हें ड्यूटी देनी है और किस तरीके से लोगों से बातचीत करनी है. जब वह घर पहुंचे तो उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है.
ज्वाइंट कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों को बताया गया है कि वह ड्यूटी के दौरान मास्क, ग्लव्स का प्रयोग करें. ड्यूटी के दौरान भी पुलिस कर्मचारी आपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. अगर वे ड्यूटी पर तैनात हैं और उन्हें किसी का पास चेक किया है या दस्तावेजों को छुआ है तो तत्काल उसके बाद हाथों को सैनिटाइज करें.
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उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान अगर पुलिसकर्मी किसी की गाड़ी, अन्य सामान को छूते हैं तो भी उन्हें अपने हाथों को तुरंत सैनिटाइज करना है. बात करते समय उपयुक्त दूरी जरूर रखनी है. ड्यूटी के बाद घर पहुंचने पर अपनी चाबी और मोबाइल को हर हाल में सैनिटाइज करना है.