लखनऊ : राजधानी लखनऊ में हत्या, लूट और अपहरण जैसी वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन ऐसी वारदातों से नवाबों का शहर थर्रा जाता है. शुक्रवार को भी लखनऊ कमिश्नरेट के पूर्वी जोन में गोमतीनगर विस्तार थाना क्षेत्र में 6 बदमाशों ने सरेराह अपहरण की वारदात को अंजाम दिया. बदमाश एक प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण कर उसे अपनी फार्च्यूनर एसयूवी में लाद ले गए. इसके बाद बदमाशों ने रास्ते मे युवक पिटाई भी की. इसके साथ ही बदमाशों ने उसकी पत्नी से पांच लाख की रंगदारी भी मांगी और न देने पर युवक को गोली मारने की धमकी दी. लेकिन, महिला की सूझबूझ दिखाई, जिससे लखनऊ पुलिस ने उसके पति को किडनैपर्स के चंगुल से सकुशल बच लिया. साथ ही तीन अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया.
जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के मलेशेमऊ गांव के रहने वाले मोहम्मद शफीक प्रॉपर्टी डीलर का का काम करते हैं. शुक्रवार सुबह 10 बजे वह तहसील जाने के लिए निकले थे. रास्ते मे ही भाजपा झंडा लगी एक फार्च्यूनर कार सवार 6 बदमाशों ने शफीक को जबरन गाड़ी में बैठा लिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. उधर, वारदात के बाद जब इस बात की खबर शफीक के दोस्तों को मिली तो वे शफीक की पत्नी सायरा के पास पहुंच गए. इसके बाद सायरा ने अपने पति के नंबर पर फोन मिलाया तो अपहरणकर्ताओं ने फोन उठाया और कहा कि पति को बचाना है तो पांच लाख रुपये फिरौती दो नहीं तो पति को गोली मार देंगे.
इसके बाद सायरा ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत इस बात की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की योजना तैयार की. योजना के मुताबिक सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी सायरा से थोड़ी दूरी बनाकर चलने लगे. इसके बाद जैसे ही बदमाश फिरौती की रकम लेने विभूतिखंड इलाके में पहुंचे पुलिस ने उन्हें घेर लिया और मोहम्मद शफीक को अपहणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया. उधर, पुलिस को देखकर सभी बदमाश फॉर्च्यूनर गाड़ी को छोड़कर भागने लगे. जिसमें तीन बदमाशों को पुलिसने दबोच लिया. जबकि तीन बदमाश मौके से भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने इस मामले में फॉर्च्यूनर गाड़ी से दो असलहे भी बरामद किए हैं. बताया जा रहा है कि, गाड़ी पर बीजेपी का झंडा भी लगा हुआ था.
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इस मामले में महिला सायरा की मदद और सतर्कता से उसके पति शफीक को कुशलपूर्वक अपहरणकर्ताओं से भले पुलिस ने मुक्त करा दिया हो, लेकिन मामले में लखनऊ पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई. बताया जा रहा है कि मोहम्मद शफीक के अपहरण और पुलिस कार्रवाई के बाद उसके किडनैपर्स के चंगुल से छूटने का ये पूरा घटनाक्रम शुक्रवार के सुबह से शुक्रवार दोपहर के बीच का है. लेकिन, अपहरण की इस घटना को देर शाम तक थाने की पुलिस दबाए बैठी रही. अधिकारियों को गुमराह किया तो मीडिया सेल में घटना की जानकारी ही नहीं दी. देर रात शफीक की पत्नी सायरा की तरफ से इस मामले में अज्ञात लोगों के एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें चार लोगों को आरोपी बनाया गया है. जिनके नाम हैं चिनहट के मटियारी गांव निवासी अभय कुमार श्रीवास्तव, प्रतापगढ़ निवासी राम मिलन सिंह, विभूतिखंड निवासी धीरेंद्र यादव 'पुर्तर' और बलदेव सिंह. पुलिस के मुताबिक कानपुर देहात निवासी आरोपी बलदेव सिंह उर्फ बलराम अभी फरार है, जबकि अभय कुमार श्रीवास्तव, राम विलास सिंह और वीरेंद्र यादव 'पुर्तर' को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे लोग भी प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं और शफीक के पास उसके कुछ रुपये बकाया थे. जिसे देने में शफीक आनाकानी कर रहा था. पुलिस के मुताबिक रुपयों के लेन-देन विवाद में शफीक का अपहरण किया गया था. गाड़ी से बरामद दोनों असलहे लाइसेंसी हैं. जिसमें से एक असलहे का लाइसेंस एक गिरफ्तार आरोपी के सुरक्षाकर्मी के नाम पर है.
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