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PGI के नेत्र रोग विभाग को मिली 'एमएस' की मान्यता, जाने कौन-कौन से रोगों का होगा इलाज - MS Ophthalmology

लखनऊ स्थिति पीजीआई को एनएमसी से मिली एमएस आप्थलमोलाजी का कोर्स कराने की मान्यता. पीजीआई में प्रशिक्षित किए जाएंगे नेत्र रोग विशेषज्ञ.

PGI के नेत्र रोग विभाग को मिली 'एमएस' की मान्यता
PGI के नेत्र रोग विभाग को मिली 'एमएस' की मान्यता
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Published : Jan 18, 2022, 5:09 PM IST

लखनऊ : नेशनल मेडिकल कांउसिलग ने मंगलवार को पीजीआई संस्थान के नेत्र रोग विभाग में एमएस आप्थलमोलाजी कोर्स की पढ़ाई कराने के लिए मान्यता दे दी है. एनएमसी(National Medical Council) से मान्यता मिलने के बाद पीजीआई को 2 सीटों पर कोर्स कराने की अनुमति मिली है. इसके तहत यूपी में नेत्र रोग विशेषज्ञ अन्य मेडिकल कालेजों की तरह प्रशिक्षित किए जा सकेंगे.

गौरतलब है कि पीजीआई में नेत्र रोगों के विशिष्ट इलाज एवं सर्जरी के लिए ऑप्थलमोलाजी(नेत्र रोग) विभाग की स्थापना एक स्वतंत्र विभाग के रूप में वर्ष 2013 में हुई थी.

इसके पहले न्यूरोऑप्थलमोलाजी विभाग के माध्यम से नेत्र रोग संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता था. पीजीआई में वर्ष 2013 में एक अलग नेत्र रोग विभाग की स्थापना के बाद अलग-अलग नेत्र रोगों का इलाज आधुनिक तरीके से किया जाने लगा.

कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में घटी मरीजों की संख्या

यूपी में कोरोना का कहर जारी है, अब इसका असर लखनऊ के अस्पतालों में भी दिखने लगा है. अस्पतालों की ओपीडी पर मरीजों की संख्या घट गई है. लखनऊ के सिविल अस्पताल में 200 मरीजों की ओपीडी रहती है. वहीं अब ओपीडी में 50 से 80 मरीज ही पहुंच रहे हैं.

अस्पताल के फिजीशियन डॉ.एस देव ने बताया कि इस समय ज्यादातर लोग फोन करके दिक्कत/परेशानी बताकर सलाह ले रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान लोग अस्पतालों में जाने से बच रहे हैं. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में 300 मरीज रोजाना देखे जाते हैं, लेकिन मंगलवार को दिन के 1:00 PM तक सिर्फ 89 मरीज ही ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे.

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कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी के कई अस्पतालों की ओपीडी में मंगलवार की दोपहर तक एक भी मरीज नहीं आया. कोरोना महामारी के दौरान केजीएमयू(KGMU) अस्पताल की ओपीडी में पिछले माह करीब 3,000 से अधिक मरीज देखे जा रहे थे. वहीं अब प्रतिदिन लगभग 2,200 से 2,500 मरीज ओपीडी में देखे जा रहे हैं.

इसे पढ़ें- यूपी की खुशहाली के लिए करेंगे काम, देंगे 300 यूनिट बिजली फ्री : अखिलेश यादव

लखनऊ : नेशनल मेडिकल कांउसिलग ने मंगलवार को पीजीआई संस्थान के नेत्र रोग विभाग में एमएस आप्थलमोलाजी कोर्स की पढ़ाई कराने के लिए मान्यता दे दी है. एनएमसी(National Medical Council) से मान्यता मिलने के बाद पीजीआई को 2 सीटों पर कोर्स कराने की अनुमति मिली है. इसके तहत यूपी में नेत्र रोग विशेषज्ञ अन्य मेडिकल कालेजों की तरह प्रशिक्षित किए जा सकेंगे.

गौरतलब है कि पीजीआई में नेत्र रोगों के विशिष्ट इलाज एवं सर्जरी के लिए ऑप्थलमोलाजी(नेत्र रोग) विभाग की स्थापना एक स्वतंत्र विभाग के रूप में वर्ष 2013 में हुई थी.

इसके पहले न्यूरोऑप्थलमोलाजी विभाग के माध्यम से नेत्र रोग संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता था. पीजीआई में वर्ष 2013 में एक अलग नेत्र रोग विभाग की स्थापना के बाद अलग-अलग नेत्र रोगों का इलाज आधुनिक तरीके से किया जाने लगा.

कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में घटी मरीजों की संख्या

यूपी में कोरोना का कहर जारी है, अब इसका असर लखनऊ के अस्पतालों में भी दिखने लगा है. अस्पतालों की ओपीडी पर मरीजों की संख्या घट गई है. लखनऊ के सिविल अस्पताल में 200 मरीजों की ओपीडी रहती है. वहीं अब ओपीडी में 50 से 80 मरीज ही पहुंच रहे हैं.

अस्पताल के फिजीशियन डॉ.एस देव ने बताया कि इस समय ज्यादातर लोग फोन करके दिक्कत/परेशानी बताकर सलाह ले रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान लोग अस्पतालों में जाने से बच रहे हैं. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में 300 मरीज रोजाना देखे जाते हैं, लेकिन मंगलवार को दिन के 1:00 PM तक सिर्फ 89 मरीज ही ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे.

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कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी के कई अस्पतालों की ओपीडी में मंगलवार की दोपहर तक एक भी मरीज नहीं आया. कोरोना महामारी के दौरान केजीएमयू(KGMU) अस्पताल की ओपीडी में पिछले माह करीब 3,000 से अधिक मरीज देखे जा रहे थे. वहीं अब प्रतिदिन लगभग 2,200 से 2,500 मरीज ओपीडी में देखे जा रहे हैं.

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