लखनऊ: शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया. इस बजट में सरकार ने चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत वर्ष में ₹6000 की सहायता देने की घोषणा की है. वही 10 करोड़ मजदूरों को पेंशन का लाभ देने का ऐलान किया. बजट के तहत 21000 रुपए वेतन पाने वाले मजदूरों को 7000 रुपए बोनस व मजदूरों को 1000 रुपए पेंशन की घोषणा भी की गई. इन तमाम घोषणाओं के साथ केंद्र सरकार ने कर्मचारी किसान व गरीब वर्ग को साधने की कोशिश की है.
देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली भारतीय रेल को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कोई बड़ा फैसला नहीं किया गया. मंत्री पीयूष गोयल ने रेल यात्रियों के लिए सिर्फ वंदे भारत सेमी स्पीड ट्रेन संचालित करने की बात कही, जिसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है. ऐसे में अगर देखा जाए तो रेलवे के लिए इस अंतिम बजट में कुछ खास नजर नहीं आया. बजट पर रेल कर्मचारियों व यात्रियों ने निराशा जताई है.
ईटीवी से बातचीत में लखनऊ मंडल कर्मचारी यूनियन के मंत्री आरके पांडे ने कहा कि सरकार का यह अंतिम बजट पूरी तरह से निराशाजनक है. रेलवे को लेकर सरकार ने कोई फायदा देने वाली घोषणा नहीं की है. कर्मचारियों को भी सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं दिया गया है. ऐसे में हमारा कहना है कि सरकार का अंतिम बजट रेलवे के लिए निराशाजनक है हमें केंद्र सरकार के अंतिम बजट से काफी उम्मीदें थी लेकिन सरकार हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है.
बजट में यह बातें रही खास:
केंद्र सरकार के अंतिम बजट में रेलवे को लेकर सिर्फ वंदे भारत नाम की सेमी स्पीड ट्रेन के संचालन की घोषणा की गई है. हालांकि अंतिम बजट में अन्य कई अहम पर फैसले लिए गए हैं. जिनमें 500000 तक की वार्षिक इनकम को इनकम टैक्स से छूट दी गई है. कर्मचारियों जिनका ईपीएफ कटता है उनको 6 लाख का बीमा. 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले मजदूरों को 3000 पेंशन. 15000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 1000 पेंशन सहित न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया गया है.