लखनऊ : उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने हर वर्ष दिए जाने वाले पुरस्काराें की घाेषणा कर दी है. इस बार वर्ष 2021 के साथ लंबे समय से अटके 2019 के भी पुरस्कार दिए जाएंगे. अकादमी की ओर से यह पुरस्कार उर्दू के उत्थान के लिए काम करने वालाें काे दिया जाता है.
उर्दू अकादमी का 2019 का सर्वोच्च सम्मान प्रोफेसर अब्दुल हक बानी, जबकि वर्ष 2021 का प्रोफेसर अतीक उल्लाह को दिया जाएगा. ये पुरस्कार मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम से दिए जाते हैं. इनके साथ 5 लाख रुपये की धनराशि भी भेजी जाती है. वर्ष 2019 के पुरस्कारों की घोषणा कोरोना महामारी के कारण नहीं की गई थी. अब 2021 के पुरस्कारों के साथ 2019 के भी दिए जाएंगे.
यह सम्मान अकादमी के 50 साल पूरे होने और उर्दू पत्रकारिता के 200 साल पूरे होने पर हाेने वाले कार्यक्रम में दिए जाएंगे. उर्दू अकादमी में यह आयाेजन 17 से 20 मार्च के बीच किया जाएगा. हालांकि अकादमी पुरस्काराें के लिए व्यक्तियाें के चयन काे लेकर कई बार विवादाें में भी घिर चुकी है.
डॉ. तारिक कमर (सिंजल) को समग्र साहित्यिक सेवाएं श्रेणी में एक लाख का पुरस्कार, फिक्शन के लिए इलाहाबाद की शाइस्ता फाखरी को एक लाख रुपये का पुरुस्कार बनारस के प्रोफेसर नसीम अहमद को अनुसंधान के लिए मसूद हसन रिजवी पुरस्कार दिया जाएगा. इसके अलावा एहतेशाम हुसैन पुरस्कार अलीगढ़ के प्रोफेसर खुर्शीद अहमद काे. उर्दू साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए बाबे उर्दू मौलवी अब्दुल हक पुरस्कार गोरखपुर के सैयद फरीद अहमद को, बाल साहित्य के लिए एहतेशामुद्दीन सिद्दीकी और विज्ञान के लिए सीतापुर के अहसान अयूबी को पुरस्कार दिए जाएंगे. राष्ट्रीय एकता के लिए डॉ. सुगरी मेहदी पुरस्कार महिला श्रेणी में बनारस की प्रोफेसर रफत जमाल को दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें : देश की आजादी में लखनऊ का खास योगदान, यहां के कई स्थानों पर बनी अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति