लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उन स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों के लिए बुरी खबर है. बताया गया है कि जिन्होनें 42 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है और नौकरी के वक्त जमा किया गया उनका जन्मतिथि का प्रमाण पत्र सही नहीं था. शासन ने इसको लेकर आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक ऐसे स्वयंसेवकों एवं अवैतनिक अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया जाएगा. यह फैसला उनके जन्मतिथि का सही प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से लिया गया है.
अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने बुधवार को आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक विभाग के सभी होमगार्ड व अवैतनिक अधिकारियों की जन्मतिथि और नियुक्ति तिथि के प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई थी. जांच में सामने आया कि कुछ स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों के भर्ती के समय के अभिलेख समुचित रूप से उपलब्ध नहीं हैं. वर्तमान में दस्तावेजों को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि नियुक्ति के समय उनकी आयु 18 वर्ष से कम है. ऐसे प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए उनकी 42 वर्ष की सेवा पूरी होने पर स्वत: सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव ने आदेश में कहा गया है कि पहले दर्ज किए गए एक भी अभिलेख सही नहीं थे. सूत्रों के मुताबिक निरक्षण में सामने आया कि कई कर्मचारियों की फाइल ही गायब हो गई है. नियमानुसार कोई भी व्यक्ति 42 वर्ष से अधिक सरकारी सेवा में नहीं रह सकता है. जांच में ऐसे दो हजार स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों के दस्तावेजों में गड़बड़ी सामने आई है. ऐसे स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों को जबरन रिटायर्ड किया जाएगा.
होमगार्ड को सेवा से बाहर करने का आदेश रद्द, समलैंगिकता निजी मामलाः हाईकोर्ट