लखनऊ : किशोर न्याय बोर्ड पीलीभीत की न्यायिक अधिकारी के साथ जिलाधिकारी पीलीभीत द्वारा वीडियोग्राफी करते हुए दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. घटना की उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ ने निंदा की है. मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जिलाधिकारी पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने बताया कि घटना 17 फरवरी की है. किशोर न्याय बोर्ड पीलीभीत की प्रधान मजिस्ट्रेट उच्च न्यायालय के महानिबंधक को भेजे पत्र में पीलीभीत के जिलाधिकारी प्रवीण लक्षकार व जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके सहयोगियों पर गंभीर आराेप लगाए गए हैं. आरोप लगाया गया है कि न्यायिक अधिकारी एक मामले में गवाह का बयान दर्ज कर रहीं थीं. इस दौरान जिलाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों के साथ बगैर अनुमति अदालत कक्ष में पहुंच गए. डीएम ने न्यायिक अधिकारी के साथ अभद्रता की.
इस घटना पर उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह, महासचिव हरेन्द्र बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष इरफान अहमद व उपाध्यक्ष कनिष्ठ शुचि गुप्ता के अलावा संघ की कार्यकारिणी सदस्यों ने ऑनलाइन बैठक कर कड़ी नाराजगी जताई. संघ की ओर से कहा गया है कि डीएम के द्वारा न्यायिक कार्यवाही में बाधा पहुंचाते हुए दुर्व्यवहार किया गया है. यदि प्रशासनिक अधिकारी न्यायिक अधिकारी के साथ इस प्रकार से पेश आएंगे तो इससे न्यायिक अधिकारी स्वतंत्र होकर कार्य ही नहीं कर पाएंगे.
मुख्यमंत्री को भेजे प्रत्यावेदन में कहा गया है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार जहां भी तैनात रहे हैं, वहां पर उनका व्यवहार न्यायिक अधिकारियों के प्रति अच्छा नहीं रहा है. संघ की ओर से कहा गया है कि डीएम ने गलत तरीके से अपनी सफाई दी है, उनका कहना है कि वह न्यायिक कार्य का निरीक्षण करने के लिए स्वतंत्र हैं.
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