ETV Bharat / state

Lucknow News : पांच दशक बाद सरकार वापस लेगी 380 बीघा जमीन, चकबंदी में अफसरों ने किया था घालमेल - भूमि आवंटन में भ्रष्टाचार

वर्ष 1975 से 1985 के बीच पट्टा आवंटन (Lucknow News) के दौरान जमीन की बंदरबाट पकड़ में आने के बाद लखनऊ की सरोजनीनगर तहसील की 380 बीघा जमीन राज्य सरकार को वापस मिलेगी. इस बाबत एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने के बाद संबंधित लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. लोगों का पक्ष सुनने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Mar 10, 2023, 2:01 PM IST

लखनऊ : करीब 50 वर्ष पहले राजधानी के सरोजनीनगर इलाके में अधिकारियों और कर्मचारियों ने चकबंदी के दौरान खेल करते हुए 380 बीघा जमीन अपने रिश्तेदारों के नाम करवा दी. जांच में जब ये बंदरबांट सामने आई तो अब सरकार दो सौ करोड़ से अधिक कीमत वाली इन जमीनों को वापस लेगी. सरोजनीनगर तहसील में इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है.


जिलाधिकारी को शिकायत मिली थी कि सरोजनीनगर तहसील के सात गांव बीवीपुर, जैतीखेड़ा, मकदूमपुर, अरदौना मऊ, नटकुर में पांच दशक पहले 380 बीघा जमीन को चकबंदी के दौरान अफसरों द्वारा अपने रिश्तेदारों के नाम करवा ली गई थी. शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने इसकी जांच एसडीएम सरोजनीनगर को सौंपी थी. जांच में सामने आया कि दस्तावेजों में वर्ष 1975 से 1985 के बीच जमीनों के पट्टे किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन पट्टा किए जाने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए उसका पालन नहीं किया गया. यही नहीं पट्टा के आदेश में संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर ही नहीं थे.

सरोजनीनगर के एसडीएम सिद्धार्थ ने बताया कि फर्जी और कूट रचित इंद्राज के मामले सामने आने के बाद जमीनों को वापस सरकारी खाते में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने के बाद संबंधित लोगों को नोटिस भेजे जा रहे है, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. दरअसल, लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील अंतर्गत आधा दर्जन गांवों में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतें काफी समय से हो रही थीं, लेकिन तत्कालीन तहसील के अधिकारियों और जिलाधिकारी ने ध्यान नहीं दिया था. इसके कारण शिकायतकर्ताओं ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की तो जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने संज्ञान लिया और तत्काल उप जिलाधिकारी सरोजनीनगर सिद्धार्थ को जांच करने के निर्देश दिए थे.

लखनऊ : करीब 50 वर्ष पहले राजधानी के सरोजनीनगर इलाके में अधिकारियों और कर्मचारियों ने चकबंदी के दौरान खेल करते हुए 380 बीघा जमीन अपने रिश्तेदारों के नाम करवा दी. जांच में जब ये बंदरबांट सामने आई तो अब सरकार दो सौ करोड़ से अधिक कीमत वाली इन जमीनों को वापस लेगी. सरोजनीनगर तहसील में इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है.


जिलाधिकारी को शिकायत मिली थी कि सरोजनीनगर तहसील के सात गांव बीवीपुर, जैतीखेड़ा, मकदूमपुर, अरदौना मऊ, नटकुर में पांच दशक पहले 380 बीघा जमीन को चकबंदी के दौरान अफसरों द्वारा अपने रिश्तेदारों के नाम करवा ली गई थी. शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने इसकी जांच एसडीएम सरोजनीनगर को सौंपी थी. जांच में सामने आया कि दस्तावेजों में वर्ष 1975 से 1985 के बीच जमीनों के पट्टे किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन पट्टा किए जाने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए उसका पालन नहीं किया गया. यही नहीं पट्टा के आदेश में संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर ही नहीं थे.

सरोजनीनगर के एसडीएम सिद्धार्थ ने बताया कि फर्जी और कूट रचित इंद्राज के मामले सामने आने के बाद जमीनों को वापस सरकारी खाते में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने के बाद संबंधित लोगों को नोटिस भेजे जा रहे है, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. दरअसल, लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील अंतर्गत आधा दर्जन गांवों में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतें काफी समय से हो रही थीं, लेकिन तत्कालीन तहसील के अधिकारियों और जिलाधिकारी ने ध्यान नहीं दिया था. इसके कारण शिकायतकर्ताओं ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की तो जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने संज्ञान लिया और तत्काल उप जिलाधिकारी सरोजनीनगर सिद्धार्थ को जांच करने के निर्देश दिए थे.

यह भी पढ़ें : CM Yogi का मिर्जापुर दौरा आज, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के घर जाएंगे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.