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Lucknow की लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति का आह्वान, विदेशी सामानों का उपयोग बंद कर 22 को मनाएं भारतीय नववर्ष - लखनऊ में होली मिलन समारोह

लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति की ओर से आयोजित होली मिलन समारोह के दौरान विदेशी सामानों का उपयोग बंद कर 22 को भारतीय नववर्ष मनाने का आह्वान किया गया. इस दौरान साथियों को माला पहनाकर होली की बधाई दी गई और सामाजिक आंदोलनों के अनुभव साझा किए गए.

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Published : Mar 20, 2023, 3:26 PM IST

लखनऊ : लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा है कि जो लोग भारत को समृद्ध और सबल देखना चाहते हैं, वह किसी भी स्थिति में विदेशी सामानों का उपयोग बंद कर 22 मार्च को भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाएं. उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से अपील की कि वह अपने जीवन का शेष समय राष्ट्रहित के कार्यों के लिए समर्पित करें. रविवार को चन्द्रशेखर चबूतरा (दारुलशफा, लखनऊ) पर लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वावधान में होली मिलन और धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान समारोह समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक यादव की अध्यक्षता और गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा, समाजवादी योद्धा द्विजेंद्र मिश्र और सहकारिता आंदोलन के दिग्गज नेता चंद्रशेखर सिंह की गरिमामय उपस्थिति में सादगी के साथ मनाया गया. इस अवसर पर समिति ने संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव को अंग वस्त्रम और प्रमाण पत्र देकर विशेष रूप से सम्मानित किया. अन्य साथियों को रंग और गुलाल लगाने की जगह माला पहनाकर होली की बधाई दी गई.


लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वावधान में आयोजित इस होली मिलन और धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान समारोह में मिले स्नेह सम्मान के प्रति आभार प्रकट करते हुए समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार नवरात्र 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं. भारतीय नववर्ष की शुरुआत नवरात्र के पहले दिन होती है. हम सभी भारतीय हैं, इसलिए हम सभी का दायित्व है कि हम सभी लोग 22 मार्च को भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाएं और हो सके तो इस दिन अपने पास पड़ोस के किसी एक आदमी का दुख दर्द बांटने का काम जरूर करें.


समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि जो साथी नवरात्र का व्रत रहते हैं, वह सायंकाल की पूजा के बाद नवरात्र के नवोदिन सामूहिक रूप से फलाहार ग्रहण करें और कराएं. हम सभी लोग अब ढलती उम्र की ओर हैं. इसलिए जरूरी है कि हम किसी न किसी बहाने एक दूसरे का हालचाल लेते रहें. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व एमएलसी विंध्यवासनी कुमार ने कहा कि आज धन की राजनीति चारों तरफ प्रभावी है. वर्ष 1974 में राज्यसभा के चुनाव में इसे रोकने लिए विद्यार्थी परिषद, समाजवादी युवजन सभा और अन्य युवा संगठनों ने मिलकर आंदोलन किया था. इसका मुख्य नारा था, पूंजी के दलालों का-कान नांक काट लो. इस आंदोलन में हम लोगों को महीनों जेल में रहना पड़ा था. इस दौरान धीरेन्द्र जी से मेरी दोस्ती हुई जो वैचारिक मतभेद के बाद आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र जी ईमानदारी केवल लिखते नहीं हैं, उसे जीते भी हैं. उनको सम्मानित कर लोकतन्त्र सेनानी समिति ने एक अच्छा और सराहनीय कार्य किया है.


विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा नेता नवीन श्रीवास्तवने कहा कि धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव को मैं चार दशक से जानता हूं. वह ईमानदार सामाजिक जीवन के पर्याय हैं. वह निजी लाभ की बात सोचते भी नहीं हैं. उनका सम्मान ईमानदार सामाजिक जीवन का सम्मान है. इसके लिए लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति और उसके अध्यक्ष रामसेवक यादव की जितनी भी सराहना की जाए कम है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1977 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में इस देश को दूसरी आज़ादी मिली. आप सभी लोकतंत्र सेनानी इस लड़ाई के सिपाही रहे हैं. इसलिए मेरी दृष्टि में आप सभी का संघर्ष कल भी सराहनीय था, आज भी है और कल भी रहेगा.

यह भी पढ़ें : IIM Lucknow के 37वें दीक्षांत समारोह में 834 छात्रों को मिली डिग्री, वक्ताओं ने कही यह बात

लखनऊ : लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा है कि जो लोग भारत को समृद्ध और सबल देखना चाहते हैं, वह किसी भी स्थिति में विदेशी सामानों का उपयोग बंद कर 22 मार्च को भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाएं. उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से अपील की कि वह अपने जीवन का शेष समय राष्ट्रहित के कार्यों के लिए समर्पित करें. रविवार को चन्द्रशेखर चबूतरा (दारुलशफा, लखनऊ) पर लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वावधान में होली मिलन और धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान समारोह समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक यादव की अध्यक्षता और गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा, समाजवादी योद्धा द्विजेंद्र मिश्र और सहकारिता आंदोलन के दिग्गज नेता चंद्रशेखर सिंह की गरिमामय उपस्थिति में सादगी के साथ मनाया गया. इस अवसर पर समिति ने संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव को अंग वस्त्रम और प्रमाण पत्र देकर विशेष रूप से सम्मानित किया. अन्य साथियों को रंग और गुलाल लगाने की जगह माला पहनाकर होली की बधाई दी गई.


लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वावधान में आयोजित इस होली मिलन और धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान समारोह में मिले स्नेह सम्मान के प्रति आभार प्रकट करते हुए समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार नवरात्र 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं. भारतीय नववर्ष की शुरुआत नवरात्र के पहले दिन होती है. हम सभी भारतीय हैं, इसलिए हम सभी का दायित्व है कि हम सभी लोग 22 मार्च को भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाएं और हो सके तो इस दिन अपने पास पड़ोस के किसी एक आदमी का दुख दर्द बांटने का काम जरूर करें.


समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि जो साथी नवरात्र का व्रत रहते हैं, वह सायंकाल की पूजा के बाद नवरात्र के नवोदिन सामूहिक रूप से फलाहार ग्रहण करें और कराएं. हम सभी लोग अब ढलती उम्र की ओर हैं. इसलिए जरूरी है कि हम किसी न किसी बहाने एक दूसरे का हालचाल लेते रहें. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व एमएलसी विंध्यवासनी कुमार ने कहा कि आज धन की राजनीति चारों तरफ प्रभावी है. वर्ष 1974 में राज्यसभा के चुनाव में इसे रोकने लिए विद्यार्थी परिषद, समाजवादी युवजन सभा और अन्य युवा संगठनों ने मिलकर आंदोलन किया था. इसका मुख्य नारा था, पूंजी के दलालों का-कान नांक काट लो. इस आंदोलन में हम लोगों को महीनों जेल में रहना पड़ा था. इस दौरान धीरेन्द्र जी से मेरी दोस्ती हुई जो वैचारिक मतभेद के बाद आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र जी ईमानदारी केवल लिखते नहीं हैं, उसे जीते भी हैं. उनको सम्मानित कर लोकतन्त्र सेनानी समिति ने एक अच्छा और सराहनीय कार्य किया है.


विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा नेता नवीन श्रीवास्तवने कहा कि धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव को मैं चार दशक से जानता हूं. वह ईमानदार सामाजिक जीवन के पर्याय हैं. वह निजी लाभ की बात सोचते भी नहीं हैं. उनका सम्मान ईमानदार सामाजिक जीवन का सम्मान है. इसके लिए लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति और उसके अध्यक्ष रामसेवक यादव की जितनी भी सराहना की जाए कम है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1977 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में इस देश को दूसरी आज़ादी मिली. आप सभी लोकतंत्र सेनानी इस लड़ाई के सिपाही रहे हैं. इसलिए मेरी दृष्टि में आप सभी का संघर्ष कल भी सराहनीय था, आज भी है और कल भी रहेगा.

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