लखनऊ: लखनऊ नगर निगम एक नया कीर्तिमान रचने जा रहा है. लखनऊ नगर निगम को पूरी तरह से डिजिटलाइज करने की तैयारी की जा रही है. जिसके बाद लखनऊ नगर निगम प्रदेश का पहला पेपरलेस नगर निगम बन जाएगा.
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि नगर निगम को पेपर लेस बनाने का प्रयास है. सॉफ्टवेयर की मदद से सभी पुराने रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले 1 सप्ताह में यह काम पूरा हो जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि इसे लागू करने से पहले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रायल होने के बाद इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा. इसके बाद पूरी तरह से डिजिटलाइज होने वाला लखनऊ नगर निगम प्रदेश का पहला नगर निगम बन जाएगा.
पुराने रिकॉर्ड होंगे सुरक्षित
डिजिटलाइजेशन के इस प्रक्रिया के दौरान नगर निगम के सभी पुराने दस्तावेजों को भी डिजिटलाइज किया जाएगा. नए सॉफ्टवेयर से शुरू होने के बाद किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के एस्टीमेट के लिए इंजीनियर की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. सॉफ्टवेयर लंबाई चौड़ाई और सड़क के माप के हिसाब से उसका एस्टीमेट बना देगा.
सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने के निर्देश
महापौर संयुक्ता भाटिया की तरफ से लखनऊ नगर निगम में सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. इससे लोगों को अपने छोटे-मोटे कामों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. गृह कर, नामांतरण, कर निर्धारण, वेंडिंग जोन संबंधित कार्यों में नागरिकों को आने वाली समस्याएं लंबित प्रकरणों के समय पर निस्तारण से लेकर एक ही जगह पर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही महापौर ने नए एवं पुनरीक्षित का निर्धारण एवं नाम परिवर्तन से संबंधित शिकायतों की सुनवाई के लिए जोन स्तर पर जोनल अधिकारी नामित किए हैं. जोन स्तर पर संतोषजनक हल ना प्राप्त होने पर महापौर द्वारा मुख्यालय में नोडल अधिकारी के रूप में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक कुमार सिंह को नामित किया गया.
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