लखनऊ: राजधानी में हजारो स्ट्रीट लाइट्स की गड़बड़ी की गाज जिम्मेदार चीफ इंजीनियर पर गिर गई है. लखनऊ नगर निगम के चीफ इंजीनियर विद्युत यांत्रिक संजय कटियार को हटा दिया गया (Chief Engineer Sanjay Katiyar Removed). उन्हें नगर निकाय निदेशालय से सम्बद्ध कर दिया गया है, लेकिन वेतन नगर निगम लखनऊ से ही आहरित होगा. कमिश्नर डॉ. रौशन जैकब की ओर से लगातार हटाए जाने का पत्र लिखा गया था.
इसके बाद भी मुख्य अभियंता को नहीं हटाया गया था. कमिश्नर ने कूड़ा की खराब गाड़ियों की डेटिंग और पेंटिंग कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन मुख्य अभियंता की ओर से आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा था. इसके अलावा शहर में लखनऊ में दस हजार स्ट्रीट लाइट्स खराब पड़ी हैं. इनकी मरम्मत के लिए कमिश्नर व पार्षदों की ओर से कहा जा रहा था. इस पर मुख्य अभियंता की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.
मुख्य अभियंता शुरुआत से ही विवादों में रहे हैं. कमिश्नर की नाराजगी के बाद आरआर का काम छीन लिया गया था, लेकिन बाद में काम वापस दे दिया गया. आरोप यह भी कि गाड़ियों की डेटिंग व पेटिंग का टेंडर फर्जी तरीके से दे दिया गया. वहीं, अधिशासी अभियंता पीके सिंह से समन्वय ठीक नहीं था. कई प्रकरण में दोनों एक-दूसरे पर पत्र लिख रहे थे. इससे भी माहौल गर्म था.
कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व मुख्य अभियंता व सेवानिवृत्त राम नगीना त्रिपाठी के कार्यकाल में हुए घोटाले की जांच सर्तकता अधिष्ठान कर रहा है. एजेंसी की ओर से कई बार दस्तावेज मांगे गए, लेकिन आरआर व मार्ग प्रकाश विभागग की ओर अधूरे दस्तावेज दिए गए. इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है. इसके बाद उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई.
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