लखनऊ : नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने शुक्रवार को शहर की साफ-सफाई का ठेका लेने वाली दो संस्थाओं को काम से हटा दिया है. कार्यदायी संस्थाएं मैसर्स इकोसेंस एसोसिएट्स और मैसर्स अमृत इंटरप्राइजेज साफ-सफाई को लेकर लगातार लापरवाही बरत रही थी. इलाकों में झाड़ू नहीं लगाई जा रही थी और न ही कूड़े के ढेर हटाए जा रहे थे. इन संस्थाओं द्वारा काम के प्रति अनियमितताएं करने और रुचि न लेने से नाराज नगर आयुक्त ने इन दोनों संस्थाओं को हटाने के साथ ही उनका भुगतान भी रोक दिया है. तीसरी संस्था आर्ना एसोसिएट पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है.
सामने आई शहर की स्वच्छता की हकीकत
नगर निगम जोन एक के गोलागंज, रानी लक्ष्मीबाई, पुराना हाईकोर्ट, जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे और केके हॉस्पिटल के आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान इन तमाम जगहों पर सड़कों पर बेशुमार गंदगी, जगह-जगह कूड़े के ढेर, नालियों पर अवैध रूप से अस्थाई अतिक्रमण व नालियों चोक मिली. केके हॉस्पिटल के पास खाली पड़े प्लॉट पर बेशुमार गंदगी और कूड़े के ढेर देखकर नगर आयुक्त काफी नाराज हुए. इन सभी इलाकों की सड़कों पर झाड़ू नहीं लगाई जा रही थी और न ही सड़कों पर ढेर गंदगी को हटाया जा रहा था. नालियों में भी कूड़े की भरमार थी. इलाकों में बेशुमार दुर्गंध फैली है.
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किया गया निलंबित, रोका गया वेतन
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने पाया कि नगर निगम के क्षेत्रीय अधिकारी भी काम को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज नगर आयुक्त ने सफाई निरीक्षक राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है. सफाई निरीक्षक रूबी उपाध्याय व सुपरवाइजर हरीश कुमार का 7-7 दिनों का वेतन रोका गया. कर्मचारियों की पूछताछ पर उन्हें पता चला कि सफाई निरीक्षक सोबरन पिछले कई दिनों से काम से गैरहाजिर चल रहे हैं, जिस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.