लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट से निर्दलीय बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय के अपहरण के मामले में विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बरी कर दिया है. अमनमणि त्रिपाठी के साथ इस मामले के दो आरोपियों संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला को भी साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है. ये मामला एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने सुनाया. अगर इस मामले में विधायक अमनमणि त्रिपाठी को सजा हो जाती को उनकी विधायकी भी खतरे में पड़ सकती थी.
क्या है पूरा मामला
गोरखपुर के रहने वाले ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय का राजधानी लखनऊ में अपहरण कर लिया गया था. 6 अगस्त 2014 को इसकी एफआईआर ऋषि कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी, जिसमें अमन मणि त्रिपाठी और उनके दो साथियों संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण, फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कराया गया था. इस मामले में आईपीसी की धारा 364 , 386, 504, 506 में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी.
2017 में आरोप तय हो गए थे
अदालत ने 28 जुलाई 2017 को अमनमणि, संदीप त्रिपाठी व अभियुक्त रवि शुक्ला पर ऋषि कुमार पांडेय की हत्या के लिए अपहरण करने व रंग मांगने के साथ ही जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय किया था. अब इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमन मणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी, रवि शुक्ला के खिलाफ सुनवाई पूरी कर फैसले के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी.
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अमनमणि पर पत्नी की हत्या का भी आरोप
अमनमणि पर अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या का भी आरोप है. सारा की मौत की जांच सीबीआई ने की थी. इस मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई जारी है. बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी 9 जुलाई 2015 को पत्नी सारा सिंह के साथ कार से लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे. इस दौरान फिरोजाबाद में हाईवे पर उनकी कार कथित तौर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में सारा सिंह की मौत हो गई, जबकि अमनमणि त्रिपाठी को खरोंच तक नहीं आई. इसके बाद सारा की मां सीमा सिंह ने इसे साजिश बताकर अमनमणि त्रिपाठी पर 18 जुलाई को हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. सीमा सिंह की मांग पर ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया और 14 अक्तूबर 2015 से इस मामले में जांच शुरू कर दी. अमनमणि का विवादों से पुराना नाता है. इतना ही नहीं अमनमणि के माता-पिता भी जेल में सजा काट रहे हैं.
आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमनमणि के माता-पिता
अमनमणि के पिता अमरमणि त्रिपाठी और मां मधुमणि त्रिपाठी पर लखनऊ की कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं. कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या 9 मई 2003 को हुई थी. मधुमिता हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने इस मामले में अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिसके बाद से दोनों जेल में हैं.
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अमनमणि त्रिपाठी के पिता अमरमणि का इतिहास
नौतनवां के विधायक अमन मणि त्रिपाठी के पिता पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी पूर्वांचल के कद्दावर नेता थे. पूर्वांचल के गोरखपुर से लेकर नेपाल की तराई तक अमर मणि त्रिपाठी की सियासी तूती बोला करती थी. अमर मणि की गिनती पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में होती थी. राजनीति में रहते हुए अमरमणि ने घाट-घाट का पानी पिया. अमरमणि कभी कांग्रेस, कभी बसपा तो कभी सपा में रहे. मुलायम सरकार में वो मंत्री भी रहे. पूर्वांचल के गोरखपुर से लेकर नेपाल की तराई तक अमर मणि त्रिपाठी की सियासी तूती बोला करती थी. एक दौर में अमरमणि त्रिपाठी गोरखपुर के दिग्गज बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के खास हुआ करते थे. लेकिन बाद में दोनों के रिस्तों में दूरियां आ गईं.
अमनमणि का राजनीतिक इतिहास
अमनमणि ने अपने पिता अमरमणि की राजनीतिक विरासत संभालते हुए 2017 में महाराजगंज की नौतनवा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. लेकिन, विधायक बनने के बाद वह कई बार विवादों में रहे हैं.