ETV Bharat / state

कभी भी थम जाता है मेट्रो का पहिया, किरकिरा हो रहा सफर का मजा

लखनऊ मेट्रो में अन्य परिवहन साधनों की तुलना में यात्री सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि यात्रियों के सफर का मजा मेट्रो की तकनीकी खराबी किरकिरा कर रही है. कोरोना के चलते करीब 6 महीने तक मेट्रो का संचालन बंद रहा. मेट्रो में यात्रियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन तकनीकी खामियां अभी भी यात्रियों को परेशान कर रही हैं.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
author img

By

Published : Feb 5, 2021, 6:06 PM IST

लखनऊ: देश के 13 शहरों में मेट्रो रेल सफर के लिए यात्रियों का पसंदीदा साधन है. इन्हीं में लखनऊ मेट्रो भी शामिल है. लखनऊ मेट्रो में अन्य परिवहन साधनों की तुलना में यात्री सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि यात्रियों के सफर का मजा मेट्रो की तकनीकी खराबी किरकिरा कर रही है. मार्च में कोरोना के चलते लखनऊ मेट्रो पहिए थम गए, जिससे तकरीबन छह माह तक मेट्रो का संचालन बंद रहा. सितंबर माह में जब मेट्रो फिर से शुरू हुई तो कोरोना के डर से यात्रियों ने सफर करना पसंद नहीं किया. धीरे-धीरे ही सही यात्रियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन तकनीकी खामियां अभी भी यात्रियों को परेशान कर रही हैं. यात्री स्टेशन की व्यवस्थाओं से तो काफी खुश हैं, लेकिन मेट्रो की गड़बड़ियों से परेशान हैं. तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने के लिए मेट्रो प्रशासन ने क्या उपाय किए हैं. इसे लेकर 'ईटीवी भारत' ने जब मेट्रो प्रशासन से पक्ष जानने का प्रयास किया तो पोल न खुल जाए इस डर से अधिकारी अपना पक्ष रखने सामने आने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए.

कोरोना से बचाव के लिए स्टेशन और ट्रेन के अंदर सारी व्यवस्थाएं की गईं है
उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पा रही राइडरशिप

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने लॉकडाउन के दौरान मेट्रो का संचालन रोक दिया था. सितंबर माह से जब दोबारा मेट्रो का संचालन शुरू किया तो कोरोना के चलते यात्रियों ने मेट्रो से दूरी बनाए रखी. मेट्रो रेल प्रशासन ने यात्रियों को लाख भरोसा दिलाया कि स्टेशन पर और ट्रेन के अंदर कोरोना से बचाव के सारे उपाय किए गए हैं. सफर में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, लेकिन यात्री किसी भी साधन के बजाय अपने निजी साधन को ही प्राथमिकता देते रहे. वैक्सीन आने के बाद धीरे-धीरे लोगों में कोरोना का खौफ कम हो रहा है तो मेट्रो में सवारियों का बढ़ना शुरू हुआ है.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो

यात्रियों की संख्या में आई कमी

एक सितंबर से शुरू हुई मेट्रो में 10 सितंबर आते-आते यात्रियों की संख्या 10 हजार तक पहुंची. वर्तमान में हर रोज करीब 35 हजार यात्री मेट्रो से सफर कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में हुई एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी ने यात्रियों को मेट्रो से फिर से दूर कर दिया है. इस बीच हजारों में यात्रियों की संख्या कम हो गई है. यात्री मेट्रो से सफर करने से फिर घबराने लगे हैं. यात्रियों को फिर एक बार मेट्रो रेल प्रशासन भरोसा दिला रहा है कि तकनीकी खामियों को दुरुस्त किया जा रहा है. सफर में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. बता दें कि कोरोना से पहले मेट्रो में सफर करने वालों का औसत तकरीबन 60 हजार था.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
स्टेशन पर कोरोना से बचाव का दावा कोरोना से बचाव के लिए स्टेशन और ट्रेन के अंदर सारी व्यवस्थाएं की गईं है. मेट्रो प्रशासन का दावा है कि स्टेशन में प्रवेश के समय ही यात्रियों को मास्क लगाने, तापमान को मापने के साथ ही सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन हकीकत में यात्री स्टेशन के अंदर बिना मास्क के ही प्रवेश कर रहे हैं. एस्केलेटर और अन्य छूने वाली वस्तुओं को तो मेट्रो प्रशासन की तरफ से सैनिटाइज किया जा रहा है, लेकिन यात्रियों पर ध्यान कम दिया जा रहा है. अब अल्ट्रावायलेट किरणों से मेट्रो को सैनिटाइज किया जा रहा है. देश की ये पहली मेट्रो है, जिसमें इस तरह की व्यवस्था यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई है.एस्केलेटर का यात्री कर रहे कम उपयोग लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने हर स्टेशन पर एस्केलेटर के साथ ही लिफ्ट की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई है, लेकिन कोरोना के कारण लोग एस्केलेटर और लिफ्ट का इस्तेमाल काफी कम कर रहे हैं. इसके बजाय वे आवागमन के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दिव्यांगों को ध्यान में रखकर मेट्रो स्टेशनों पर लिफ्ट और ट्राइसाइकिल की व्यवस्था है.
लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
काफी कम शिकायतें जहां तक बात मेट्रो ट्रेन के अंदर महिलाओं के लिए रिजर्व सीटों पर पुरुषों के बैठने की है तो इस तरह की बहुत ही कम शिकायतें मेट्रो रेल प्रशासन को मिलती हैं. शिकायत मिलने पर समस्या का समाधान भी कराया जाता है, ऐसा मेट्रो प्रशासन का कहना है.
लखनऊ मेट्रो रुट
लखनऊ मेट्रो रुट
तीन साल में 508 बार खड़ी हुई मेट्रो तकनीकी खामियों के कारण बीते तीन साल में मेट्रो दो या तीन बार नहीं बल्कि 508 बार खड़ी हो चुकी है. तकनीकी समस्या के कारणों में सबसे बड़ा कारण तार लगी पतंगों का ओएचई पर गिरना था. इसी वजह से ट्रिपिंग के चलते मेट्रो का रूट पर रुक जाना होता रहा है. एक घटे से ज्यादा रुकी मेट्रो, मची अफरा-तफरी अभी कुछ दिन पहले ही तकनीकी खराबी के कारण लखनऊ मेट्रो लखनऊ विश्वविद्यालय के पास कुछ मिनटों के लिए नहीं बल्कि घंटे से भी ज्यादा समय के लिए खड़ी हो गई. दरवाजे न खुलने से यात्रियों का बुरा हाल रहा. पूरी ट्रेन में हड़कंप मचने से मेट्रो अधिकारियों को भी पसीना आ गया था. इस घटना के बाद अब तक यात्री मेट्रो से सफर की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
22 स्टेशनों से 22 किमी से ज्यादा की दूरी तय करती है मेट्रो

लखनऊ में रेड लाइन मेट्रो 22.87 किलोमीटर की दूरी तय करती है. कुल 22 स्टेशन बने हुए हैं. यात्रियों को इतनी दूरी के लिए कुल 40 रुपए किराए का भुगतान करना होता है. मेट्रो का शहर में ऑपरेशन पांच सितंबर 2017 को 8.5 किलोमीटर की दूरी के लिए अमौसी एयरपोर्ट से चारबाग तक शुरू हुआ था. इसके बाद आठ मार्च से 22 स्टेशनों के साथ लखनऊ मेट्रो एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक 22.87 किलोमीटर के लिए शुरू कर दी गई.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
क्या कहते हैं यात्री मेट्रो से सफर करने वाले यात्री अमन, देवानंद परिहार, फिरोज और मोहित मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की व्यवस्थाओं से तो खुश हैं. उन्हें स्टेशन की साफ-सफाई काफी पसंद आई. कोरोना से बचाव के लिए जो आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए उनका भी पालन कराया जा रहा है. हालांकि उनकी शिकायत है कि तकनीकी खामियों के चलते मेट्रो आए दिन चलते रुक जाती है. प्रशासन को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए.

लखनऊ: देश के 13 शहरों में मेट्रो रेल सफर के लिए यात्रियों का पसंदीदा साधन है. इन्हीं में लखनऊ मेट्रो भी शामिल है. लखनऊ मेट्रो में अन्य परिवहन साधनों की तुलना में यात्री सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि यात्रियों के सफर का मजा मेट्रो की तकनीकी खराबी किरकिरा कर रही है. मार्च में कोरोना के चलते लखनऊ मेट्रो पहिए थम गए, जिससे तकरीबन छह माह तक मेट्रो का संचालन बंद रहा. सितंबर माह में जब मेट्रो फिर से शुरू हुई तो कोरोना के डर से यात्रियों ने सफर करना पसंद नहीं किया. धीरे-धीरे ही सही यात्रियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन तकनीकी खामियां अभी भी यात्रियों को परेशान कर रही हैं. यात्री स्टेशन की व्यवस्थाओं से तो काफी खुश हैं, लेकिन मेट्रो की गड़बड़ियों से परेशान हैं. तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने के लिए मेट्रो प्रशासन ने क्या उपाय किए हैं. इसे लेकर 'ईटीवी भारत' ने जब मेट्रो प्रशासन से पक्ष जानने का प्रयास किया तो पोल न खुल जाए इस डर से अधिकारी अपना पक्ष रखने सामने आने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए.

कोरोना से बचाव के लिए स्टेशन और ट्रेन के अंदर सारी व्यवस्थाएं की गईं है
उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पा रही राइडरशिप

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने लॉकडाउन के दौरान मेट्रो का संचालन रोक दिया था. सितंबर माह से जब दोबारा मेट्रो का संचालन शुरू किया तो कोरोना के चलते यात्रियों ने मेट्रो से दूरी बनाए रखी. मेट्रो रेल प्रशासन ने यात्रियों को लाख भरोसा दिलाया कि स्टेशन पर और ट्रेन के अंदर कोरोना से बचाव के सारे उपाय किए गए हैं. सफर में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, लेकिन यात्री किसी भी साधन के बजाय अपने निजी साधन को ही प्राथमिकता देते रहे. वैक्सीन आने के बाद धीरे-धीरे लोगों में कोरोना का खौफ कम हो रहा है तो मेट्रो में सवारियों का बढ़ना शुरू हुआ है.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो

यात्रियों की संख्या में आई कमी

एक सितंबर से शुरू हुई मेट्रो में 10 सितंबर आते-आते यात्रियों की संख्या 10 हजार तक पहुंची. वर्तमान में हर रोज करीब 35 हजार यात्री मेट्रो से सफर कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में हुई एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी ने यात्रियों को मेट्रो से फिर से दूर कर दिया है. इस बीच हजारों में यात्रियों की संख्या कम हो गई है. यात्री मेट्रो से सफर करने से फिर घबराने लगे हैं. यात्रियों को फिर एक बार मेट्रो रेल प्रशासन भरोसा दिला रहा है कि तकनीकी खामियों को दुरुस्त किया जा रहा है. सफर में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. बता दें कि कोरोना से पहले मेट्रो में सफर करने वालों का औसत तकरीबन 60 हजार था.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
स्टेशन पर कोरोना से बचाव का दावा कोरोना से बचाव के लिए स्टेशन और ट्रेन के अंदर सारी व्यवस्थाएं की गईं है. मेट्रो प्रशासन का दावा है कि स्टेशन में प्रवेश के समय ही यात्रियों को मास्क लगाने, तापमान को मापने के साथ ही सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन हकीकत में यात्री स्टेशन के अंदर बिना मास्क के ही प्रवेश कर रहे हैं. एस्केलेटर और अन्य छूने वाली वस्तुओं को तो मेट्रो प्रशासन की तरफ से सैनिटाइज किया जा रहा है, लेकिन यात्रियों पर ध्यान कम दिया जा रहा है. अब अल्ट्रावायलेट किरणों से मेट्रो को सैनिटाइज किया जा रहा है. देश की ये पहली मेट्रो है, जिसमें इस तरह की व्यवस्था यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई है.एस्केलेटर का यात्री कर रहे कम उपयोग लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने हर स्टेशन पर एस्केलेटर के साथ ही लिफ्ट की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई है, लेकिन कोरोना के कारण लोग एस्केलेटर और लिफ्ट का इस्तेमाल काफी कम कर रहे हैं. इसके बजाय वे आवागमन के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दिव्यांगों को ध्यान में रखकर मेट्रो स्टेशनों पर लिफ्ट और ट्राइसाइकिल की व्यवस्था है.
लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
काफी कम शिकायतें जहां तक बात मेट्रो ट्रेन के अंदर महिलाओं के लिए रिजर्व सीटों पर पुरुषों के बैठने की है तो इस तरह की बहुत ही कम शिकायतें मेट्रो रेल प्रशासन को मिलती हैं. शिकायत मिलने पर समस्या का समाधान भी कराया जाता है, ऐसा मेट्रो प्रशासन का कहना है.
लखनऊ मेट्रो रुट
लखनऊ मेट्रो रुट
तीन साल में 508 बार खड़ी हुई मेट्रो तकनीकी खामियों के कारण बीते तीन साल में मेट्रो दो या तीन बार नहीं बल्कि 508 बार खड़ी हो चुकी है. तकनीकी समस्या के कारणों में सबसे बड़ा कारण तार लगी पतंगों का ओएचई पर गिरना था. इसी वजह से ट्रिपिंग के चलते मेट्रो का रूट पर रुक जाना होता रहा है. एक घटे से ज्यादा रुकी मेट्रो, मची अफरा-तफरी अभी कुछ दिन पहले ही तकनीकी खराबी के कारण लखनऊ मेट्रो लखनऊ विश्वविद्यालय के पास कुछ मिनटों के लिए नहीं बल्कि घंटे से भी ज्यादा समय के लिए खड़ी हो गई. दरवाजे न खुलने से यात्रियों का बुरा हाल रहा. पूरी ट्रेन में हड़कंप मचने से मेट्रो अधिकारियों को भी पसीना आ गया था. इस घटना के बाद अब तक यात्री मेट्रो से सफर की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
22 स्टेशनों से 22 किमी से ज्यादा की दूरी तय करती है मेट्रो

लखनऊ में रेड लाइन मेट्रो 22.87 किलोमीटर की दूरी तय करती है. कुल 22 स्टेशन बने हुए हैं. यात्रियों को इतनी दूरी के लिए कुल 40 रुपए किराए का भुगतान करना होता है. मेट्रो का शहर में ऑपरेशन पांच सितंबर 2017 को 8.5 किलोमीटर की दूरी के लिए अमौसी एयरपोर्ट से चारबाग तक शुरू हुआ था. इसके बाद आठ मार्च से 22 स्टेशनों के साथ लखनऊ मेट्रो एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक 22.87 किलोमीटर के लिए शुरू कर दी गई.

लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो
क्या कहते हैं यात्री मेट्रो से सफर करने वाले यात्री अमन, देवानंद परिहार, फिरोज और मोहित मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की व्यवस्थाओं से तो खुश हैं. उन्हें स्टेशन की साफ-सफाई काफी पसंद आई. कोरोना से बचाव के लिए जो आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए उनका भी पालन कराया जा रहा है. हालांकि उनकी शिकायत है कि तकनीकी खामियों के चलते मेट्रो आए दिन चलते रुक जाती है. प्रशासन को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.