लखनऊ: राजधानी में संचालित 22 किलोमीटर मेट्रो रूट पर टैक्सी और ऑटो का संचालन हो रहा है, जिसके चलते मेट्रो को सवारियां नहीं मिल पा रही हैं और मेट्रो को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. बताते चलें कि मेट्रो के फर्स्ट फेस के 22 किलोमीटर रूट के निर्माण के बाद यह फैसला लिया गया था कि मेट्रो रूट पर टैक्सी और ऑटो का संचालन प्रतिबंधित कर दिया जाएगा, जिससे इस रूट पर यात्रा करने के लिए लोग मेट्रो को चुनेंगे और मेट्रो को फायदा होगा, लेकिन दो साल पहले लिए गए इस फैसले को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है.
प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्रियों को यात्रा कराने का लक्ष्य
वर्ष 2017 में मेट्रो का निर्माण किया गया था, जिसके बाद से लगातार मेट्रो नुकसान में चल रही है. मेट्रो के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मेट्रो कॉरपोरेशन ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि प्रतिदिन मेट्रो में लगभग डेढ़ लाख लोग यात्रा करें, लेकिन अभी सिर्फ 31,000 लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं. मेट्रो को यात्री न मिल पाने का एक बड़ा कारण मेट्रो रूट पर संचालित होने वाले टैक्सी व टेंपो हैं.
दो वर्ष में नहीं लागू हुई व्यवस्था
वर्ष 2028 में मेट्रो को फायदा पहुंचाने के लिए मेट्रो प्रशासन के आग्रह पर लखनऊ जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया था कि मेट्रो के 22 किलोमीटर रूट पर टेंपो व ऑटो का संचालन नहीं किया जाएगा. अधिकारियों की ओर से इस फैसले पर मुहर भी लगा दी गई थी, लेकिन दो वर्ष बाद भी इस फैसले को जमीन पर नहीं उतारा गया है, जिसके चलते लगातार मेट्रो नुकसान में चल रही है.
मेट्रो पीआरओ हितेश ने बताया कि मेट्रो बनने के बाद मेट्रो रूट पर ऑटो और टैक्सी के संचालन को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया था, लेकिन दो साल बाद तक इस फैसले को जमीन पर नहीं उतारा जा सका है. मेट्रो को फायदे में लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में कुछ सुधार भी हुआ है, लेकिन अभी भी टारगेट के अनुपात में काफी कम संख्या में यात्री मिल रहे हैं.