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UP के जिला अस्पतालोंं में प्लास्टिक सर्जन नहीं, एक विशेषज्ञ के भरोसे लखनऊ का सिविल अस्पताल

यूपी के जिला अस्पतालों में एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है. राजधानी लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में एक प्लास्टिक सर्जन हैं जिनका रिटायरमेंट नजदीक है. इसके बाद यहां भी कोई विशेषज्ञ सर्जन नहीं रह जाएंगे. शासन से पत्राचार के बावजूद अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है.

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Published : Mar 28, 2023, 7:44 PM IST

UP के जिला अस्पतालोंं में प्लास्टिक सर्जन नहीं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन नहीं है. राजधानी लखनऊ में चार जिला अस्पताल के नाम काफी बहुचर्चित हैं. जिनमें से सबसे प्रमुख हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल हैं. सिविल अस्पताल में बर्न विभाग में सिर्फ एक ही प्लास्टिक सर्जन हैं और वह भी कुछ महीने बाद ही रिटायर होने वाले हैं. इससे पहले एक प्लास्टिक सर्जन रिटायर हो चुके हैं. सिविल अस्पताल में फिलहाल सीएमएस डॉ. आरपी सिंह प्लास्टिक सर्जरी कर रहे हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह भी बंद हो जाएगा. जबकि बलरामपुर जिला अस्पताल में एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं हैं. लोकबंधु अस्पताल में भी कोई भी प्लास्टिक सर्जन नहीं नियुक्त हैं. यहां पर जब भी कोई गंभीर मरीज आता है तो उसे अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. यही कारण है कि राजधानी के बड़े अस्पतालों में सर्जरी के लिए मरीजों की लंबी लाइन रहती है.


सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर दो जिम्मेदारी है और दोनों जिम्मेदारी में सामंजस्य स्थापित करके काम कर रहा हूं. मरीजों को भी देखना है और सीएमएस पद की जिम्मेदारी का भी निर्वहन करना है. बर्न विभाग के सर्जन डॉ. प्रदीप तिवारी हाल ही में कुछ समय पहले रिटायर हुए हैं. उनके रिटायर होने के बाद बर्न विभाग में एक भी सर्जन नहीं है. जिसके कारण तमाम परेशानी हो रही है. बहुत सारे मरीज आ रहे हैं और बिना इलाज की लौट रहे हैं. नियुक्ति की जिम्मेदारी शासन की है और शासन को इसके बारे में अवगत कराया जा चुका है. जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी. अगर डॉक्टर साहब वापस आ जाते हैं और ड्यूटी ज्वाइन करते हैं तो अस्पताल के लिए काफी अच्छा हो जाएगा.



कानपुर रोड स्थित लोक बंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है. जो भी मरीज आते हैं. उन्हें बड़े अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है. इस क्षेत्र के जितने भी लोग हैं वह यहीं इलाज के लिए आते हैं. मरीज को कुछ भी होता है या मरीज कहीं जल जाता है या झुलस जाता है तो सबसे पहले वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ही पहुंचता है. यहां पर प्लास्टिक सर्जन नहीं होने के कारण कई बार मरीजों को हताश होकर बड़े अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ जाता है जहां पर उन्हें तमाम दिक्कतों के बाद इलाज मुहैया हो पाता है.



बलरामपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एकमात्र जिला अस्पताल में मौजूदा समय में सिर्फ एक ही प्लास्टिक सर्जन हैं. सिविल अस्पताल में डॉ. आरपी सिंह है जो कि प्लास्टिक सर्जन हैं. उनके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी प्लास्टिक सर्जन किसी भी जिला अस्पताल में नियुक्त नहीं है. बलरामपुर जिला अस्पताल में एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है. इसको लेकर शासन को भी अवगत कराया जा चुका है. अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन की आवश्यकता होती है तो जो वरिष्ठ सर्जन हैं उनको प्लास्टिक सर्जरी के लिए ट्रेंड किया गया है. इसके अलावा आर्थोपेडिक सर्जन भी प्लास्टिक सर्जरी का ट्रेंड है. आवश्यकता पड़ने पर हमारे यही सर्जन प्लास्टिक सर्जरी भी करते हैं. शासन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. शासन से मांग की गई है कि बलरामपुर जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन नियुक्त किए जाएं, ताकि पीड़ित मरीज का विशेषज्ञ सर्जन से इलाज हो सके.

यह भी पढ़ें : Murder In Firozabad: बेटे के साथ मिलकर की पत्नी की हत्या, रात में शव जलाकर हुए फरार

UP के जिला अस्पतालोंं में प्लास्टिक सर्जन नहीं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन नहीं है. राजधानी लखनऊ में चार जिला अस्पताल के नाम काफी बहुचर्चित हैं. जिनमें से सबसे प्रमुख हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल हैं. सिविल अस्पताल में बर्न विभाग में सिर्फ एक ही प्लास्टिक सर्जन हैं और वह भी कुछ महीने बाद ही रिटायर होने वाले हैं. इससे पहले एक प्लास्टिक सर्जन रिटायर हो चुके हैं. सिविल अस्पताल में फिलहाल सीएमएस डॉ. आरपी सिंह प्लास्टिक सर्जरी कर रहे हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह भी बंद हो जाएगा. जबकि बलरामपुर जिला अस्पताल में एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं हैं. लोकबंधु अस्पताल में भी कोई भी प्लास्टिक सर्जन नहीं नियुक्त हैं. यहां पर जब भी कोई गंभीर मरीज आता है तो उसे अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. यही कारण है कि राजधानी के बड़े अस्पतालों में सर्जरी के लिए मरीजों की लंबी लाइन रहती है.


सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर दो जिम्मेदारी है और दोनों जिम्मेदारी में सामंजस्य स्थापित करके काम कर रहा हूं. मरीजों को भी देखना है और सीएमएस पद की जिम्मेदारी का भी निर्वहन करना है. बर्न विभाग के सर्जन डॉ. प्रदीप तिवारी हाल ही में कुछ समय पहले रिटायर हुए हैं. उनके रिटायर होने के बाद बर्न विभाग में एक भी सर्जन नहीं है. जिसके कारण तमाम परेशानी हो रही है. बहुत सारे मरीज आ रहे हैं और बिना इलाज की लौट रहे हैं. नियुक्ति की जिम्मेदारी शासन की है और शासन को इसके बारे में अवगत कराया जा चुका है. जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी. अगर डॉक्टर साहब वापस आ जाते हैं और ड्यूटी ज्वाइन करते हैं तो अस्पताल के लिए काफी अच्छा हो जाएगा.



कानपुर रोड स्थित लोक बंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है. जो भी मरीज आते हैं. उन्हें बड़े अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है. इस क्षेत्र के जितने भी लोग हैं वह यहीं इलाज के लिए आते हैं. मरीज को कुछ भी होता है या मरीज कहीं जल जाता है या झुलस जाता है तो सबसे पहले वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ही पहुंचता है. यहां पर प्लास्टिक सर्जन नहीं होने के कारण कई बार मरीजों को हताश होकर बड़े अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ जाता है जहां पर उन्हें तमाम दिक्कतों के बाद इलाज मुहैया हो पाता है.



बलरामपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एकमात्र जिला अस्पताल में मौजूदा समय में सिर्फ एक ही प्लास्टिक सर्जन हैं. सिविल अस्पताल में डॉ. आरपी सिंह है जो कि प्लास्टिक सर्जन हैं. उनके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी प्लास्टिक सर्जन किसी भी जिला अस्पताल में नियुक्त नहीं है. बलरामपुर जिला अस्पताल में एक भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है. इसको लेकर शासन को भी अवगत कराया जा चुका है. अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन की आवश्यकता होती है तो जो वरिष्ठ सर्जन हैं उनको प्लास्टिक सर्जरी के लिए ट्रेंड किया गया है. इसके अलावा आर्थोपेडिक सर्जन भी प्लास्टिक सर्जरी का ट्रेंड है. आवश्यकता पड़ने पर हमारे यही सर्जन प्लास्टिक सर्जरी भी करते हैं. शासन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. शासन से मांग की गई है कि बलरामपुर जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन नियुक्त किए जाएं, ताकि पीड़ित मरीज का विशेषज्ञ सर्जन से इलाज हो सके.

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