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ज्ञान-विज्ञान व अध्यात्म नहीं बल्कि गुंडागर्दी और अराजकता बन गई थी यूपी की छवि : मुख्यमंत्री

प्राचीन काल से ही ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म की धरती होने के नाते उत्तर प्रदेश का अधिकार भी था. एक समय ऐसा भी आया कि प्रदेश को अराजकता गुंडागर्दी के तौर पर देखा जाने लगा था. यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के दौरान कहीं.

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Published : Apr 1, 2023, 4:02 PM IST

लखनऊ : देश की आत्मा उत्तर प्रदेश में निवेश करती है. प्राचीन काल से ही उत्तर प्रदेश शिक्षा और स्वास्थ्य का केंद्र बिंदु रहा है. अगर शिक्षा के क्षेत्र में आप देखेंगे तो काशी प्राचीन काल से ही जग विख्यात रही है. प्रयागराज में प्राचीन काल से शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया. भारत के वैदिक काल को लिपिबद्ध करने कि जो भूमि रही है वह सीतापुर की ही है. प्राचीन काल से ही ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म की धरती होने के नाते उत्तर प्रदेश का अधिकार भी थास लेकिन समय के अनुरूप अपने आप को तैयार न करने के कारण एक समय ऐसा भी आया कि ज्ञान विज्ञान अपने समृद्धि और अपने संसाधनों से ही नहीं बल्कि अराजकता गुंडागर्दी के तौर पर देखा जाने लगा था. यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के अवसर पर कहीं.

उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले तत्कालीन सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया. स्कूलों में टंकी के पानी बच्चे पीकर बीमार होते थे. सालों टंकी को साफ नहीं किया जाता था. बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो जाते थे. वर्तमान सरकार ने कायाकल्प योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के बेसिक शिक्षा स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया और आज यह स्कूल कॉन्वेंट स्कूल के जैसे बन गए हैं और यहां गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं. उन्हें पौष्टिक आहार मिड डे मील मिलता है. इसी के साथ बच्चों के ड्रेस और शैक्षणिक सत्र शुरू होने के दौरान पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.

साल में दो बार संचारी रोग अभियान की शुरुआत की जाती है. इसका उद्देश्य इतना है कि लोग मौसमी बीमारियों से बचे रहें और जागरूक रहें. मौजूदा समय में कोविड-19 और इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीज की संख्या बढ़ी है. प्रदेश में इस समय 153 कोविड-19 मरीजों की संख्या पहुंच गई है. ऐसे में संचारी रोग से निपटने के लिए संचारी रोग अभियान की शुरुआत की गई है. साथ ही दस्तक अभियान की शुरुआत 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी.


इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई है. इन दोनों ही योजनाओं को एक साथ संचालित करने का मात्र एक ही उद्देश्य है कि इस योजना के तहत लोग लाभान्वित हों. इस दौरान आशा बहुएं, एएनएम और हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. साथ ही जगह-जगह कैंप लगाया जाएंगे. यूपी के 75 जिलों में आज से इसकी शुरुआत हो गई है. इसके अलावा स्कूल चलो अभियान के तहत गरीब मासूम बच्चों को स्कूल में पढ़ने का सुनहरा मौका मिल रहा है. वर्तमान सरकार ने कायाकल्प योजना के तहत प्रदेश के 90 फ़ीसदी बेसिक शिक्षा स्कूलों का हुलिया बदला है.



स्वास्थ्य निदेशालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी पार्थ सारथी सेन ने कहा कि समाज में सुधार के लिए जब भी कोई काम होता है तो इसके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है कि सभी एकजुट होकर काम करें. चिकित्सा और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सभी विभाग को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है फिर चाहे वह नगर निगम हो या फिर अन्य विभाग. स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए साल में दो बार संचारी रोग विशेष अभियान चलाया जाता है और इसी दौरान दस्तक अभियान भी चलाया जाता है. पहली अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग अभियान चलेगा. इसके अलावा 17-30 अप्रैल दस्तक अभियान भी चलेगा. इसके तहत आशा बहुएं और हेल्थ वर्कर घर घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. साथ ही उन्हें मेडिकल किट भी देंगी जो उनके लिए मददगार होंगी.

बेसिक शिक्षा अपर मुख्य निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार शिक्षा जगत में बेहतर कार्य करने के लिए कई अभियान चला रही है. इसी के तहत कायाकल्प अभियान भी शुरू किया गया. कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा स्कूलों की उन्नति के लिए कार्य हो रहा है. योजना के अंतर्गत राज्य के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों की स्थिति में विशेष रूप से बदलाव हुआ है. सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील से लेकर ड्रेस और पुस्तकें भी समय से उपलब्ध हो रही हैं. इस बार शुरुआती दिनों में ही बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध हुई हैं. स्कूलों में अध्यापकों को स्वयं सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी में 12 एडिशनल एसपी के तबादले, मिली यह जिम्मेदारी

लखनऊ : देश की आत्मा उत्तर प्रदेश में निवेश करती है. प्राचीन काल से ही उत्तर प्रदेश शिक्षा और स्वास्थ्य का केंद्र बिंदु रहा है. अगर शिक्षा के क्षेत्र में आप देखेंगे तो काशी प्राचीन काल से ही जग विख्यात रही है. प्रयागराज में प्राचीन काल से शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया. भारत के वैदिक काल को लिपिबद्ध करने कि जो भूमि रही है वह सीतापुर की ही है. प्राचीन काल से ही ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म की धरती होने के नाते उत्तर प्रदेश का अधिकार भी थास लेकिन समय के अनुरूप अपने आप को तैयार न करने के कारण एक समय ऐसा भी आया कि ज्ञान विज्ञान अपने समृद्धि और अपने संसाधनों से ही नहीं बल्कि अराजकता गुंडागर्दी के तौर पर देखा जाने लगा था. यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के अवसर पर कहीं.

उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले तत्कालीन सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया. स्कूलों में टंकी के पानी बच्चे पीकर बीमार होते थे. सालों टंकी को साफ नहीं किया जाता था. बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो जाते थे. वर्तमान सरकार ने कायाकल्प योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के बेसिक शिक्षा स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया और आज यह स्कूल कॉन्वेंट स्कूल के जैसे बन गए हैं और यहां गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं. उन्हें पौष्टिक आहार मिड डे मील मिलता है. इसी के साथ बच्चों के ड्रेस और शैक्षणिक सत्र शुरू होने के दौरान पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.

साल में दो बार संचारी रोग अभियान की शुरुआत की जाती है. इसका उद्देश्य इतना है कि लोग मौसमी बीमारियों से बचे रहें और जागरूक रहें. मौजूदा समय में कोविड-19 और इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीज की संख्या बढ़ी है. प्रदेश में इस समय 153 कोविड-19 मरीजों की संख्या पहुंच गई है. ऐसे में संचारी रोग से निपटने के लिए संचारी रोग अभियान की शुरुआत की गई है. साथ ही दस्तक अभियान की शुरुआत 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी.


इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई है. इन दोनों ही योजनाओं को एक साथ संचालित करने का मात्र एक ही उद्देश्य है कि इस योजना के तहत लोग लाभान्वित हों. इस दौरान आशा बहुएं, एएनएम और हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. साथ ही जगह-जगह कैंप लगाया जाएंगे. यूपी के 75 जिलों में आज से इसकी शुरुआत हो गई है. इसके अलावा स्कूल चलो अभियान के तहत गरीब मासूम बच्चों को स्कूल में पढ़ने का सुनहरा मौका मिल रहा है. वर्तमान सरकार ने कायाकल्प योजना के तहत प्रदेश के 90 फ़ीसदी बेसिक शिक्षा स्कूलों का हुलिया बदला है.



स्वास्थ्य निदेशालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी पार्थ सारथी सेन ने कहा कि समाज में सुधार के लिए जब भी कोई काम होता है तो इसके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है कि सभी एकजुट होकर काम करें. चिकित्सा और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सभी विभाग को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है फिर चाहे वह नगर निगम हो या फिर अन्य विभाग. स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए साल में दो बार संचारी रोग विशेष अभियान चलाया जाता है और इसी दौरान दस्तक अभियान भी चलाया जाता है. पहली अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग अभियान चलेगा. इसके अलावा 17-30 अप्रैल दस्तक अभियान भी चलेगा. इसके तहत आशा बहुएं और हेल्थ वर्कर घर घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. साथ ही उन्हें मेडिकल किट भी देंगी जो उनके लिए मददगार होंगी.

बेसिक शिक्षा अपर मुख्य निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार शिक्षा जगत में बेहतर कार्य करने के लिए कई अभियान चला रही है. इसी के तहत कायाकल्प अभियान भी शुरू किया गया. कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा स्कूलों की उन्नति के लिए कार्य हो रहा है. योजना के अंतर्गत राज्य के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों की स्थिति में विशेष रूप से बदलाव हुआ है. सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील से लेकर ड्रेस और पुस्तकें भी समय से उपलब्ध हो रही हैं. इस बार शुरुआती दिनों में ही बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध हुई हैं. स्कूलों में अध्यापकों को स्वयं सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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