लखनऊः महापौर संयुक्ता भाटिया ने बाढ़ पम्पिंग स्टेशन के बैरल नंबर 3,4,5 का निरीक्षण किया. इसके साथ ही जल निकासी के लिए निर्देश भी दिए. सर्वोदय नगर, इंदिरा नगर, कुर्वांचल नगर और शक्ति नगर के इलाकों में भारी बारिश से पानी जमा हो गया था. पम्प से पानी के बैक फ्लो होने की शिकायत आमजन और लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय वार्ड के पार्षद मनोज अवस्थी ने महापौर से की थी. जिसके बाद संयुक्ता भाटिया मौके पर पहुंची थीं.
शिकायत के बाद एक्शन में महापौर
महापौर ने पम्पिंग स्टेशन 3, 4 और 5 का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल अपना पल्ला झाड़ रहे थे. जिसकी वजह से पम्पिंग स्टेशन के गेट बंद न हो पाने की वजह से पानी बैक फ्लो होकर वापस गलियों में जा रहा था. जिससे जलभराव की समस्या हो रही थी. महापौर संयुक्ता भाटिया ने दोनों ही विभागों के अफसरों को जल्द ही पानी निकासी के निर्देश दिए.
'काम किसका है ये बाद में होगा तय'
संयुक्ता भाटिया ने सिंचाई और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से कहा कि गेट बंद करने का काम किसका है ये बाद में तय कीजिएगा. अभी जनता की जलभराव की समस्या फौरन दूर करिए और बैरल के गेट को बंद करा पानी को बैक फ्लो होने से रोकें. महापौर ने सभी बैरलों के गेट बंद कराकर बैक फ्लो की समस्या का निस्तारण कर जल निकासी की समस्या का समाधान कराया. साथ ही बाढ़ और पम्पिंग स्टेशन प्रभारी अधिशासी अभियंता अमरनाथ को कॉल कर सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.
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तीसरे बड़ा मंगल पर ई-भण्डारा
तीसरे बड़ा मंगल पर मंगलमान अभियान के तहत आयोजित हो रहे ई-भंडारे का प्रसाद 20 से ज्यादा स्थानों पर बांटे जाएंगे. इसके साथ ही रविवार तक जिन आयोजकों ने पंजीकरण कराया है एवं प्रसाद के लिए आग्रह किया है. उनके घर पर भी प्रसाद पहुंचाया जाएगा. जिन पूर्व निर्धारित केंद्रों पर प्रसाद बांटा जाएगा. उसकी जानकारी सभी आयोजकों को व्यक्तिगत रूप से दी जा रही है. प्रसाद वाहन का रूट मैप जारी करते हुए महापौर ने आशा जताई है कि प्रसाद अधिक से अधिक जरूरतमंदों के बीच बांटा जाएगा. तीसरे बड़े मंगल पर बड़ी संख्या में लोगों ने ई-भंडारे में समर्पण के साथ सहभागिता की है.
आपको बता दें कि राजधानी में मानसून से निपटने के निर्देश नगर निगम ने अपने अधिकारियों को दी. इसके बावजूद इसके बारिश के दिनों में जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो जाती है. ऐसे में इससे निपटने के लिए नगर आयुक्त और महापौर लगातार निरीक्षण करते रहे. जिससे राजधानी की जनता को समस्याओं का सामना न करना पड़े.