लखनऊ: लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब ने प्रधान सहायक अशोक कुमार पाण्डेय और पेशकार शैलेंद्रनाथ शर्मा के खिलाफ शिकायत मिलने पर दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. वहीं, इस प्रकरण की जांच अपर आयुक्त न्यायिक द्वितीय घनश्याम सिंह को दी गई है. दोनों कर्मचारियों पर आरोप है कि उनके द्वारा कोर्ट में विचाराधीन एक मामले में सौदेबाजी करने का प्रयास किया गया. कोर्ट में प्रचलित वाद के वादी नरेश कुमार ने लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब से दोनों कर्मचारियों पर लंबित मामले में सौदेबाजी करने का आरोप लगाया था. सबूत के तौर पर वादी ने पेशकार शैलेंद्र शर्मा की जमीन पर पहुंचकर सौदेबाजी करने की फोटो भी उपलब्ध कराई. इसके बाद रोशन जैकब ने कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.
लखनऊ कमिश्नरेट के अपर न्यायालय में एक जमीन का मुकदमा चल रहा है. वादी की ओर से आरोप लगाए गए हैं कि न्यायालय के पेशकार शैलेंद्रनाथ शर्मा और प्रधान सहायक अशोक कुमार पाण्डेय द्वारा न्यायालय में मामले के विचाराधीन होने के बाद भी वादी की जमीन पर जाकर वादी नागेंद्र कुमार को धमकी दी और कहा यह जमीन प्रतिवादी को बेच दो वरना अच्छा नहीं होगा. तुमको बहुत नुकसान भी हो सकता है. इनके मौके पर जाने की फोटो को किसी ने खीच लिया. अपने ऊपर बढ़ते दबाव को देखते हुए और सुनवाई न होने पर वादी नागेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जेकब से की और उनको पूरी जानकारी दी.
मंडलायुक्त लखनऊ रोशन जैकब को मामले की जानकारी होते ही उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर पेशकार शैलेंद्रनाथ शर्मा और प्रधान सहायक अशोक कुमार पाण्डेय दोनों को बुलाकर उनसे उनके द्वारा किए गए इस कृत्य के बारे पूछा तो उन्होंने जमीन पर जाने की और उनके वहां होने की बात को स्वीकार किया. इस पर तत्काल एक्शन लेकर मंडलायुक्त रोशन जैकब ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
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